Search This Blog

Thursday, March 31, 2011

आम विकार / पाचन तंत्र ठीक करने के तरीके

  • वज्रासन में बैठ के श्वास बाहर निकालें, मन में रं रं....जप करें.......जठरा प्रदीप्त होगी । ५०-६० सेकंड श्वास बाहर रोके और पेट को अंदर बाहर करें तो जह्त्रा प्रदीप्त होने से उस को पाचन ज्यादा चाहिये तो बदले में आम को पचा लेगी ।
  • एक सेब ले लो..उस मीठे सेब फल में जितने लगा सके उतने लौंग अंदर भोंक दो.......और वो सेब फल पडा रहे छाया में ७ -११ दिन तक ...सेब सड़ जायेगा ...और लौंग मुलायम हो जायेगा...वो लौंग बन गया पाचन तंत्र को तेज करनेवाली औषधि....ये पाचन तंत्र के लिए एकदम वरदान है ।
  • एक रबड़ का पायदान आता है, जिसके एक तरफ गोल सुराख़ होते हैं और एक तरफ लम्बे नुकीले दाने होते हैं । उस पर रोज़ ५ मिनट खड़े रहें ।

Lucknow-23th March 2011

सत्तू

गर्मियों में गरमा गरम भोजन से बचें और सत्तू बनवा लें जिस में जौ, चावल, गेंहू और चना हो । इस में घी और ठंडा पानी मिला कर खाए अथवा नमक -मिर्ची डाल के चरपरा बना के खाएं । हलवा भी बना कर खा सकते हैं । ये सत्तू बल दायक और ब्रह्मचर्य के लिए अच्छा है । सफ़र में बाहर का खाने से ये अच्छा है ।

Naimishyaran-26th March 2011

खून बढ़ाने के लिए

  • खून बढ़ाने के लिए, गन्ने का रस पियें
  • बेल का फल सूखा कर उस के गुदे का चूर्ण में मिश्री मिला कर लेने से भी खून सी बढ़ोतरी होती है ।
Naimishyaran-26th March 2011

फोड़े-फुंसियाँ

फोड़ा-फुंसी है तो पालक+गाजर+ककड़ी तीनों को मिला कर उस का रस ले लें अथवा नारियल का पानी पियें तो फोड़ा पुंसी में आराम होता है ।

Naimishyarany-26th March 2011

पित्तजन्य / गर्मी के कारण बीमारियाँ

धनिया, आंवला, मिश्री समभाग पीस के रख दें........एक चम्मच रात को भिगो दें और सुबह मसल के पियें तो सिर दर्द में आराम हो जायेगा, नींद अच्छी आएगी, मूत्र दाह, नकसीर में आराम होगा, लू से रक्षा होगी और पेट भी साफ रहेगा ।

Naimishyarany-26th March 2011

गर्मी या पित्त के कारण सिर दर्द

गर्मी में सिर दर्द होता हो, कमजोरी हो तो सूखा धनिया पानी में पीस/घिस के माथे पे लेप करने से सिर दर्द में आराम होता है ।

Naimishyarany-26th March 2011

त्वचा के रोग एवं घमोरियां

जिनको को पहले निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी हो गयी हो, जिन को चमड़ी के रोग हों या घमोरियां हो वो नीम के फूल १० ग्राम मिश्री मिला कर पियें ।

Naimishrayany-26th March 2011

Saturday, March 26, 2011

पक्षाघात (लकवा)-

बरगद का 5 ग्राम दूध महानारायण तेल में मिलाकर मालिश करें।

बड़ की छाल और काली मिर्च दोनों 100-100 ग्राम पीसकर 250 ग्राम सरसों के तेल में पकायें फिर लकवाग्रस्त अंग पर लेप करें।

ऋषि प्रसाद, मार्च 2011

गर्भस्थापन के लिएः

ऋतुकाल में यदि वन्ध्या स्त्री पुष्य नक्षत्र में लाकर रखे हुए वटशुंग (बड़ के कोंपलों) के चूर्ण को जल के साथ सेवन करे तो उसे अवश्य गर्भधारण होता है। - आयुर्वेदाचार्य शोढल

ऋषि प्रसाद, मार्च 2011

बल-वीर्य की वृद्धिः

बड़ के कच्चे फल छाया में सुखा के चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें। 10 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ 40 दिन तक सेवन करने से बल-वीर्य और स्तम्भन (वीर्यस्राव को रोकने की) शक्ति में भारी वृद्धि होती है।

ऋषि प्रसाद, मार्च 2011