Tuesday, November 13, 2018

औषधीय गुणों से भरपूर व विविध रोगों में लाभदायी तोरई


तोरई पथ्यकर (स्वास्थ्य के लिए हितकर), औषधीय गुणों से युक्त व स्वादिष्ट सब्जी है | आयुर्वेद के अनुसार यह स्निग्ध, शीतल, भूखवर्धक, मल-मूत्र को साफ़ लाने में सहायक व कृमिनाशक होती है | यह पित्त-विकृति को दूर करती है फिर भी कफवर्धक नहीं है | उष्ण प्रकृतिवालों के लिए एवं पित्तजन्य व्याधियों तथा सुजाक, बवासीर, पेशाब में खून आना, बुखार एवं बुखार के बाद आयी हुई कमजोरी, कृमि, अरुचि, पीलिया आदि में यह विशेष पथ्यकर है | यह शरीर में तरावट लाती है तथा रोगों से बचाती है |

आधुनिक अनुसंधान के अनुसार तोरई में विटामिन ‘बी’ व  ‘सी’ एवं मैग्नेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस , जिंक, लौह तत्त्व, रेशे, बीटा केरोटिन और थायमीन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं | तोरई शुक्रधातु की क्षीणता से दुर्बल हुए व्यक्ति, श्रमजीवी व बालकों को विशेष शक्ति प्रदान करनेवाली है | इसका सेवन कम-से कम मसाले डालकर सब्जी, सूप बना के अथवा दाल के साथ पका के हफ्ते में २-३ बार करना चाहिए |

इसमें जीवाणुरोधी गुण पायें जाते हैं | इसका आहार में समावेश करने से आमाशय-अल्सर से रक्षा होती है | यह हड्डियों को मजबूत करने में सहायक है |

तोरई के सेवन से होनेवाले लाभ
     १)    इसमें पाया जानेवाला बीटा केरोटिन नेत्रज्योति बढ़ाने में सहायक है |
     २)    यह रक्तशुद्धि करने तथा यकृत के स्वास्थ्य को सुधारने में भी फायदेमंद है |
    ३)  तोरई में रेशे होने के कारण जिन लोगों को पाचनतंत्र के विकार रहते हों उनके लिए इसका सेवन अधिक लाभप्रद है | जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती हो उन्हें शाम के भोजन में तोरई की रसदार सब्जी खानी चाहिए | पाचन में सुधार होने के कारण तोरई के सेवन से त्वचा में निखार आता है |
   ४) घी में जीरे का छौंक लगाकर धनिया डाल के बनायीं गयी तोरई की सब्जी खाने से नकसीर, रक्तपित्त, बवासीर तथा शरीर व पेशाब में होनेवाली जलन में लाभ होता है |
    ५)  तोरई शराब व नशे के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद करती है |
   ६) इसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल व कैलोरी कम होने के कारण यह वजन कम करने तथा ह्रदयरोग व मधुमेह में लाभदायी है |
    ७)  पेट के कीड़े नष्ट करने के लिए तोरई की सब्जी नियमित खायें अथवा तोरई को पानी में उबालकर सूप बनायें व उसमें नमक मिला के दिन में दो बार लें |
    
  सावधानी : पेचिश, मंदाग्नि, बार-बार मल प्रवृत्ति की समस्या में तोरई का सेवन नही करना चाहिए | पुरानी सख्त  तोरई नहीं खानी चाहिए |

                                                                                         ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१८ से



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