Wednesday, June 23, 2021

हल्की आदतें, चिन्ति स्वभाव, बीमारी आदि सब गायब !

 

दवाइयों से रोग नहीं मिटते, दवाइयाँ तो निमित्त होती है, रोग तो आपकी पुण्याई से और आपकी रोगप्रतिकारक शक्ति से मिटते है | अगर दवाइयों से ही रोग मिटते होते तो जवान का ऑपरेशन होने पर थोड़े दिनों में घाव क्यों ठीक होता और बूढ़े व्यक्ति का वही ऑपरेशन होने पर ठीक होने में ज्यादा दिन क्यों लगते हैं ? बूढ़े व्यक्ति की बीमारी मिटने में ज्यादा दिन क्यों लगते हैं और जवान की बीमारी जल्दी क्यों मिटटी हैं ? जिनकी रोगप्रतिकारक शक्ति, प्राणशक्ति, मन: शक्ति दुर्बल है उनके रोग देर से मिटते हैं और जिनकी मन:शक्ति सबल हैं उनको रोग होते नहीं और कभी हो भी जायें तो जल्दी मिट जाते हैं |

यह जो एलोपैथी के डॉक्टरों को भी मानना पड़ेगा, वैज्ञानकों को भी मानना पड़ेगा और आस्तिक जगत के लोग तो मानते ही हैं | आपमें विचारशक्ति का बल है | दुनिया में कई शक्तियाँ है – विद्युत् शक्ति हैं, परमाणु शक्ति है .... तमाम शक्तियाँ है | उन सब शक्तियों की ऐसी -तैसी करनेवाली आपकी विचारशक्ति है |

जो मुसीबतों से, दु:खों से दबे रहते हैं | तो ‘महाराज  ! दुःख तो हमारे पास बहुत है , हम तो दु:खों से डर रहे हैं |’ नहीं | लम्बा श्वास लो, भगवान के नाम का उच्चारण करो | जितने मिनट उच्चारण करो उसके आधे मिनट चुपचाप बैठो और मानसिक उच्चारण होने दो | कितनी भी हल्की आदत होगी, कितना भी डरावना स्वभाव होगा, चिंतित स्वभाव होगा – बीमारी का, तनाव का , वह सब थोड़े दिनों में गायब हो जायेगा |

ऋषिप्रसाद – जून २०२१ से

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