Friday, July 16, 2021

क्रोध से हानियाँ और उससे बचने के उपाय

 

पद्म पुराण में आता है : ‘जो पुरुष उत्पन्न हुए क्रोध को अपने मन से रोक लेता है, वह उस क्षमा के द्वारा सबको जीत लेता है | जो क्रोध और भय को जीतकर शांत रहता है, पृथ्वी पर उसके समान वीर और कौन है ! क्षमा करनेवाले पर एक ही दोष लागू होता है, दूसरा नहीं, वह यह कि क्षमाशील पुरुष को लोग शक्तिहीन मान बैठते हैं | किंतु इसे दोष नहीं मानना चाहिए क्योंकि बुद्धिमानो का बल क्षमा ही है |  क्रोधी मनुष्य जो जप, होम और पूजन करता है वह सब फूटे हुए घड़े से जल की भाँति नष्ट हो जाता है |’

क्रोध से बचने के उपाय :

१)     एकांत में आर्तभाव से व सच्चे ह्रदय से भगवान से प्रार्थना कीजिये कि ‘हे प्रभो ! मुझे क्रोध से बचाइये |’

२)     जिस पर क्रोध आ जाय उससे बड़ी नम्रता से, सच्चाई के साथ क्षमा माँग लीजिये |

३)     सात्त्विक भोजन करे | लहसुन, लाल मिर्च एवं तली हुई चीजों से दूर रहें | भोजन चबा-चबाकर कम-से-कम २५ मिनट तक करें | क्रोध की अवस्था में या क्रोध के तुरंत बाद भोजन न करें | भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी ,महाराज भोजन से पूर्व हास्य-प्रयोग करने को कहते थे | अपने आश्रमों में भी भोजन से पूर्व हास्य-प्रयोग किया जाता है, साथ ही श्री आशारामायणजी की कुछ पंक्तियों का पाठ और जयघोष भी किया जाता है तो कभी ‘जोगी रे .....’ भजन की कुछ पंक्तियाँ गायी जाती हैं | इस प्रकार रसमय होकर फिर भोजन किया जाता है | इस प्रयोग को करने से क्रोध से सुरक्षा तो सहज में ही हो जाती है और साथ-ही-साथ चित्त भगवद आनंद, माधुर्य से भी भर जाता है |

ऋषिप्रसाद – जुलाई २०२१ से

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