२३ जनवरी : षट्तिला एकादशी ( स्नान,
उबटन, जलपान, भोजन, दान व होम में तिल का उपयोग पापों का नाश करता है | )
३१ जनवरी : मंगलवारी चतुर्थी ( सूर्योदय से १ फरवरी प्रात: ३-४१ तक )
३ फरवरी : अचला सप्तमी ( स्नान, व्रत करके गुरु का पूजन करनेवाला सम्पूर्ण माघ
मास के स्नान का फल व वर्षभर के रविवार व्रत का पुण्य पा लेता है | यह सम्पूर्ण
पापों को हरनेवाली व सुख-सौभाग्य की वृद्धि करनेवाली है | )
स्त्रोत – लोककल्याण सेतु – दिसम्बर २०१६ से
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