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Sunday, March 7, 2021

इन तिथियों का लाभ अवश्य लें

 



२१ मार्च   : रविवारी सप्तमी ( सुबह ६:४५ से सुबह ७:११ तक )

२५ मार्च   : आमलकी एकादशी (व्रत करके आँवले के वृक्ष के पास रात्रि-जागरण, उसकी १०८ या २८ परिक्रमा करने से सब पापों का नाश व १००० गोदान का फल )

२८ मार्च    : होलिका दहन ( रात्रि-जागरण, जप, मौन व ध्यान बहुत ही फलदायी)

६ अप्रैल : ब्रह्मलीन भगवत्पाद सॉईं श्री लीलाशाहजी महाराज का प्राकट्य दिवस

७ अप्रैल : पापमोचनी एकादशी ( व्रत से पापराशि का विनाश)

१२ अप्रैल : सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से सुबह ८:०१ तक) (तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता – नाश ), चैत्री अमावस्या (ध्यान, जप बहुत लाभदायी)

१३ अप्रैल : गुडी पाडवा ( पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ, चेटीचंड

१४ अप्रैल : संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२:४० तक)

                                                                                                             

                                                                                      ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१ से

 

 

पढने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो ....

 

जिन बच्चों का पढाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :

१ ग्राम कपूर और मौलसिरी का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें | नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें | अथवा उसके तकिये में मौलसिरी के ३ बीज रख दें |

डर को जड़-मूल से उखाड़ने हेतु

जिस बच्चे को बार-बार नजर लगती हो या वह रात्रि में डरता हो तो उससे पलाश के वृक्ष का स्पर्श कराते हुए उसकी ७ परिक्रमा करवायें तथा रात को उसके सिरहाने पलाश के ३ बीजों को रखें तो शीघ्र ही वह समस्या दूर होती है | यदि सफेद पलाश हो तो और भी तीव्र तथा अत्यंत ही सटीक परिणाम प्राप्त होते हैं | साथ ही पूज्य बापूजी द्वारा कराये गये ‘ॐकार कीर्तन का ट्रैक चलाकर कीर्तन करायें , ‘ॐकार’का जप करायें एवं ‘निर्भय नाद पुस्तक प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी पढने हेतु बताये | निर्भय नाद पुस्तक पढने से आंतरिक निर्भयता का सामर्थ्य जगता है | इससे डर जड़ – मूल से उखडकर भाग जायेगा |

सुख – शांति व धनवृद्धि हेतु


सफेद पलाश के एक या अधिक पुष्पों को किसी शुभ महूर्त में लाकर तिजोरी में सुरुक्षित रखने से उस घ में सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि होती है |

ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१ से

कोलेस्ट्रॉल कम करने हेतु

 


विभिन्न शोधों में पाया गया कि शुद्ध शहद का सेवन करते रहने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने से मदद होती है |

ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१ से

विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य का खजाना

 

विभिन्न स्वास्थ्य-समस्याओं के उपाय

१] भूख तथा चुस्ती, फुर्ती और शक्ति बढाने हेतु : २ काली मिर्च, १ लौंग और थोडा-सा काला नमक १ कप पानी में डालकर मंद आँच पर उबालें | उबालते समय ढककर रखें ताकि इसकी भाप बाहर ज्यादा न निकले | आधा कप पानी बचे तो उतार लें | इसे शाम के भोजन के आधा घंटे बाद १५ दिन तक पियें | इससे भूख और पाचनशक्ति बढ़ेगी, शरीर में चुस्ती, फुर्ती और शक्ति आयेगी, गैस बनाना बंद होगा और खाया-पिया भलीभाँति हजम होने से शरीर पुष्ट और सुडौल होगा |

२] ऊँचाई बढाने के लिए : प्रात:काल दौड़ लगायें, पुल-अप्स व ताड़ासन करें तथा १ काली मिर्च के टुकड़े करके मक्खन में मिलाकर निगल जायें | पाद्पश्चिमोत्तासन का नियमित अभ्यास करें |  ( पाद्पश्चिमोत्तासन की विधि दिव्य प्रेरणा-प्रकाश पुस्तक में पढ़ें |)

३] नींद में डरना : १-२ राम सौंफ १ कप पानी में डाल के उबालें तथा पानी आधा शेष बचने पर उतार के छान लें | इसे बच्चे को रात को सोने से पहले पिलाने से उसकी नींद में डरने की शिकायत दूर होती है |

स्मरणशक्ति बढाने हेतु

१] सिर में देशी गोघृत अथवा बादाम रोगन की मालिश स्मरणशक्ति को तीव्र करें में सहायक है | ललाट के आसपास दोनों  और कनपटीवाले हिस्से में गोघृत से मालिश करने से सिरदर्द वसिर के अन्य रोग तथा नींद न आने की समस्या भी दूर होती है |

२] शंखावली, गिलोय व यष्टिमधु चूर्ण को समभाग लेकर मिश्रण बना लें | आधा से २ ग्राम चूर्ण शहद के साथ खाने से स्मरणशक्ति बढती है | २ ग्राम सौंफ का चूर्ण शहद के साथ खाने से भी स्मरणशक्ति बढती है |



३] गुलकंद खाने से शरीर में शीतलता व मस्तिष्क में ताजगी आती है, साथ ही स्मरणशक्ति को बल मिलता है |

ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१ से