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Sunday, May 20, 2018

विद्यालाभ के लिए मंत्र

‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनी सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नम: स्वाहा |’

इस मंत्र को इस वर्ष २९ जून को दोपहर ३-२१ के बाद अथवा २७ जुलाई को रात्रि ११ बजे तक १०८ बार जप लें और फिर उसी दिन रात्रि ११ से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से ह्रीं’ मंत्र लिख दें | जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा उसे विद्यालाभ व विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |

ध्यान दें : गुजरात और महाराष्ट्र में यह योग केवल २७ जुलाई को ही है |

     लोककल्याण सेतु – मई २०१८ से


धातुपुष्टिकर, बलवर्धक एवं पौष्टिकता के लिए – भिंडी

आयुर्वेद के अनुसार भिंडी मधुर, स्निग्ध, शीतल, रुचिकर, बलवर्धक एवं पौष्टिक होती है | यह वात-पित्तशामक, पचने में भारी एवं मूत्रल है | सूजाक, मूत्रकृच्छ (मूत्र-संबंधी तकलीफें) एवं पथरी के रोगी के लिए भिंडी का सेवन हितकारी है |

इसके सेवन से अनैच्छिक विर्यस्त्राव बंद होता है | २ से ५ भिंडी रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से धातु की पुष्टि होती है और शक्ति आती है |

भिंडी में रेशे अधिक मात्रा में होते हैं | यह आँतों को साफ़ करती है, भूख को बढ़ाती है | इसमें कैल्शियम, फ़ॉस्फोरस , पोटैशियम, फ़ॉलिक एसिड, विटामिन ‘ए’, ‘सी’ व ‘के’ आदि पोषक तत्त्व पाये जाते हैं |

भिंडी का काढ़ा
काढ़ा बनाने के लिए ९० ग्राम ताज़ी भिंडीयों को खड़ी काट लें | अब आधा लीटर पानी में डाल के चौथाई भाग (१२५ मि.ली.) पानी शेष रहने तक उबालें तथा छान के मिश्री मिलाकर पियें |

यह काढ़ा मूत्रवर्धक होता है | इसे रोज सुबह पीने से मूत्रमार्ग में जलन, सूजाक, श्वेतप्रदर आदि में लाभ होता है |

भिंडी के कुछ औषधीय प्रयोग
१] हाथ-पैरों, सिर व आँखों की जलन :  भिंडी को सुखाकर बनाये गये ५ ग्राम चूर्ण को पानी के साथ लेने से लाभ होता है |
२] पेंशाब की जलन:  भिंडी के आधा चम्मच ताजे बीज पीस लें | इसमें मिश्री मिला के सुबह-शाम सेवन करने से फायदा होता है |

सावधानी: बड़ी, पके हुए व सख्त बीजोंवाली, पीली, मुरझायी हुई एवं सख्त भिंडी का उपयोग नहीं करना चाहिए |


लोककल्याण सेतु – मई २०१८ से 

Sunday, May 6, 2018

जानिये दीपक जलाने की सही विधि, पाइये शुभ लाभ

दीपक की बत्ती या लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयुवृद्धि, पश्चिम की ओर दुःखवृद्धि, दक्षिण की ओर हानि और उत्तर की ओर रखने से धन-लाभ होता है | लौ दीपक के मध्य में रखना शुभ फलदायी है | 

इसी प्रकार दीपक के चारों ओर लौ प्रज्वलित करना भी शुभ है किंतु यदि लौ की संख्या सम ( २,४,६ ....) हो तो ऊर्जा-वहन की क्रिया रुक जाती है | लौ की संख्या विषम (१,३,५ ....) रखना लाभदायक है |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

पाचनशक्ति बढ़ाने हेतु आसान व उत्तम प्रयोग

पाचनशक्ति बढ़ाने के लिए एक गिलास पानी में एक आँवले का रस व आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर उसे धीमी आँच पर उबालें | पानी आधा शेष रहने पर ठंडा करके उसमें शहद व थोडा-सा सेंधा नमक मिला दें और धीरे-धीरे चुसकी लेकर पियें | इससे मंदाग्नि दूर हो जायेगी, भूख खुलकर लगेगी तथा स्फृति व ताजगी का अनुभव होगा | अगर ताजा आँवला व अदरक न मिलें तो २ ग्राम आँवला चूर्ण और १ ग्राम सौंठ चूर्ण का भी उपयोग कर सकते हैं |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

गर्मियों में कैसे रहें स्वस्थ ?

क्या करें
१] सुपाच्य,चिकनाई व मधुर रसयुक्त, शीतल प्रकृति के और तरल पदार्थो का सेवन अधिक मात्रा में करें |

२] देशी गाय का दूध, घी तथा मिश्री, फल आदि का सेवन करना हितकारी है |

३] धूप में निकलते समय सिर को टोपी या पगड़ी से अवश्य ढक लें |

४] घड़े या सुराही का जल पीना हितकर है |

५] ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो पसीना आसानी से सोख सकें |

क्या न करें
१] गर्मियों में गर्म प्रकृति के, तले हुए, तीखे तथा पचने में भारी पदार्थों से परहेज रखें |

२] धूप में से आने के तुरंत बाद या एक साथ अधिक पानी पीना हानिकारक है |

३] धूम में घूमना, अधिक व्यायाम करना, देर रात तक जागना, अधिक देर तक भूखा-प्यासा रहना हानिकारक है |

४] अत्यधिक ठंडे पेय, कोल्ड ड्रिंक्स, फ्रिज का ठंडा पानी, बर्फ, आइसक्रीम आदि का सेवन न करें |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

अद्भुत लाभदायी यौगिक क्रिया :मूल-शोधन

शौचक्रिया के पश्चात गुदाद्वार में भीतर लगे हुए मल को तर्जनी ऊँगली से सावधानीपूर्वक बार-बार जल द्वारा साफ करना चाहिए | ऊँगली पर नारियल तेल (पहले शुद्ध घी इस्तेमाल होता था, जो आज मिलना कठिन हो गया है ) लगाकर सफाई करना अधिक लाभदायी है | यह अत्यंत लाभकारी क्रिया है | शास्त्रों में मूल-शोधन के नाम से इसका वर्णन आता है | यह क्रिया करते समय ऊँगली के नाखून कटे होने चाहिए | बवासीर की तकलीफवालों को यह विशेष सावधानी से करनी चाहिए |

इसका प्रभाव स्वर पर और मस्तिष्क की नाड़ियों पर बहुत ही हितकर होता है |

मूत्र-त्याग के पश्चात भी मुत्रेंद्रिय को ठंडे या सामान्य जल से धो लेना चाहिए |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८से 

आरोग्य के तीन स्तम्भ

१] उचित आहार : भूख लगे तब खायें | समय पर खायें लेकिन पहले का पचा नहीं, ऊपर से और खायेंगे तो कच्चा रस बनेगा | आहार , शुद्ध हवा का भी समावेश होता है | गंदी हवा से बचें, शुद्ध हवा लें | देशी गाय के गोबर के कंडे (या गौ-चंदन धूपबत्ती ) पर देशी गोघृत डाल के किया गया धूप शुद्ध हवामान बनाने में मददगार होता है |

२] प्रगाढ़ नींद : जैसे भोजन से शक्ति मिलती है, ऐसे ही प्रगाढ़ नींद से भी शक्ति मिलती है | भोजन की शक्ति तो शरीर को मिलती है लेकिन प्रगाढ़ नींद की शक्ति तो शरीर के साथ मन, बुद्धि और जीवात्मा को भी मिलती है |

३] संयम, सदाचार और ब्रह्मचर्य : जिसके जीवन में संयम है, सदाचार है और यौवन-सुरक्षा के नियमों का पालन है वह जीवन के हर क्षेत्र में सहज में सफल होता है, बड़े-बड़े कार्य उसके द्वारा सम्पन्न हो जाते हैं | ब्रह्मचर्य से बुद्धि, तेज और बल बढ़ता है, जीवन का सर्वागीण विकास होता है | ब्रह्मचर्य जीवनदाता से मुलाकात कराने में अत्यंत सहायक होता है |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८से 

‘लू’ से बचने के लिए

ग्रीष्मकाल में एक प्याज को (ऊपर का मरा छिलका हटाकर) अपनी जेब में रखनेमात्र से ‘लू’ नही लगती |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

धातुओं के चमत्कारी स्वास्थ्य-लाभ

सुवर्ण प्रज्ञा, स्मृति, वीर्य, कान्ति तथा ओजवर्धक एवं ह्रदय, मस्तिष्क व यकृत को बल देनेवाला और मन को प्रसन्न करनेवाला है | चाँदी शीत, पुष्टिकारक, वातशामक, वृद्धावस्था को दूर रखनेवाली व बलवर्धक है | लौह रक्तवर्धक, रक्तशुद्धिकर, धातु-दौर्बल्य दूर करनेवाला व पुष्टिदायक है | पीतल विष व कृमि नाशक है | ये सभी धातुएँ रसायन अर्थात शरीरस्थ सप्तधातुओं की वृद्धि करनेवाली व शरीर को बलवान बनानेवाली हैं |

इन धातुओं के २५ से ५० ग्राम जे टुकड़े अथवा इनसे बनी कोई भी वस्तुएँ लें | इस बात का ध्यान रखें कि धातुएँ शुद्ध हों, उनमें अन्य धातुओं की मिलावट न हो | बिना टाँकेवाली चीजें इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित है |

सामान्यत: चारों धातुओं के टुकड़े या दो-तीन जितनी भी उपलब्ध हों उतनी धातुओं के टुकड़े १ लीटर पानी में डाल के धीमी आँच पर उबालें | आधा पानी शेष रहने पर बर्तन उतार लें | यह पानी सुबह खाली पेट पीने से बहुत सारे रोग नष्ट हो जाते हैं व रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है | इस प्रयोग से शारीरिक बल में चमत्कारिक वृद्धि होती है | पानी जितना अधिक उबलेगा, धातुओं के गुण उतनी अधिक मात्रा में पानी में उतरेंगे व वह उतना ही अधिक बलप्रद होगा |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

गर्मियों में स्वास्थ्य – सुरक्षा

१] पेशाब व हाथ-पैरों की जलन :
v    १-१ चम्मच गुलकंद का दिन में २ बार सेवन करें एवं पलाश शरबत पियें |
v    १-१ चम्मच शतावरी चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ लें |
v    आधा कप पानी में २ से ३ चम्मच आँवला रस व १ चम्मच मिश्री मिला के दिन में २ बार पियें |
v    रोज सुबह उबाल के ठंडा किये हुए आधा गिलास दूध में थोड़ी मिश्री मिला के उसे अच्छी तरह
फेंटकर पीने से पेशाब की जलन में लाभ होता है |

२] आँखों की सुरक्षा हेतु : रात्रि को संतकृपा सुरमा आँखों में लगाने से नेत्रज्योति बढ़ती है, आँखों की जलन कम होती है तथा विविध नेत्र्रोगों में लाभ होता है |

नेत्र-सुरक्षा हेतु अन्य सहयोगी उपाय :
v गुलाबजल में रुई का फाहा भिगोकर ५-१० मिनट आँखों पर रखने से आँखों की जलन में लाभ होता है |
v सिर पर आँवला भृंगराज केश तेल लगाने से आँखों तथा मस्तिष्क की गर्मी दूर होती है |

(गुलकंद, पलाश शरबत, शतावरी चूर्ण, आँवला रस, गुलाबजल तथा आँवला भृंगराज केश तेल आदि संत श्री आशारामजी आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |)


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

किन बातों से होती है लक्ष्मी की हानि

कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्राशिनं निष्ठुरवाक्यभाषिणीम् |
सूर्योदये ह्यस्तमयेऽपि शायिनं विमुत्र्चति श्रीरपि चक्रपाणिम् ||

‘जो मलिन वस्त्र धारण करता है, दाँतों को स्वच्छ नहीं रखता, अधिक भोजन करनेवाला है, कठोर वचन बोलता है, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय भी सोता है, वह यदि साक्षात् चक्रपाणि विष्णु हों तो उन्हें भी लक्ष्मी छोड़ देती हैं |’ (गरुड़ पुराण : ११४.३५)


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

आर्थिक कष्ट निवारण हेतु

एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है |



ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

कितना खतरनाक है – टेलकम पाउडर

आजकल सौंदर्य-प्रसाधन आदि के रूप में टेलकम पाउडर का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है जबकि बहुत कम लोग इस बात से अवगत हैं कि इसका उपयोग करनेवालों को कई गम्भीर समस्याओं का सामना करना  पड सकता है | जैसे-साँसों की घरघराहट, खाँसी, दमा, साँस लेने में तकलीफ, फेफड़ों की जलन, न्युमोनिया तथा फेफड़ों से संबंधित अन्य कई समस्याएँ |

‘जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलॉजी २०१६’ में प्रकशित हुए एक अध्ययन के अनुसार महिलाओं द्वारा जननांग क्षेत्र में टेलकम पाउडर का प्रतिदिन इस्तेमाल करने से उनमें डिम्बग्रन्थि के कैंसर का खतरा ३३% तक बढ़ जाता है | अत: इसके इस्तेमाल से सावधान !

करें स्वास्थ्य-लाभकारी मुलतानी मिट्टी का प्रयोग
गर्मियों में मुलतानी मिट्टी का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है | इसका घोल बना के शरीर पर लगाये तथा १०-१५ मिनट बाद स्नान कर लें | इससे आशातीत लाभ होते हैं |

स्वास्थ्य, सौंदर्य व त्वचा-सुरक्षा हेतु दुष्प्रभाव रहित उपयोगी उत्पाद
१] होमियो फेस केयर, २] एलोवेरा जेल, ३] सप्तधान्य उबटन, ४] मुलतानी मिट्टी आदि |

 उपरोक्त उत्पाद संत श्री आशारामजी आश्रम व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से