‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं
वाग्वादिनी सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नम: स्वाहा |’
इस मंत्र को इस वर्ष २९
जून को दोपहर ३-२१ के बाद अथवा २७ जुलाई को रात्रि ११ बजे तक १०८ बार जप लें और
फिर उसी दिन रात्रि ११ से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से ‘ह्रीं’ मंत्र
लिख दें | जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा उसे विद्यालाभ व
विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |
ध्यान दें : गुजरात और
महाराष्ट्र में यह योग केवल २७ जुलाई को ही है |
लोककल्याण सेतु – मई २०१८ से
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