शौचक्रिया के पश्चात
गुदाद्वार में भीतर लगे हुए मल को तर्जनी ऊँगली से सावधानीपूर्वक बार-बार जल
द्वारा साफ करना चाहिए | ऊँगली पर नारियल तेल (पहले शुद्ध घी इस्तेमाल होता था, जो
आज मिलना कठिन हो गया है ) लगाकर सफाई करना अधिक लाभदायी है | यह अत्यंत लाभकारी
क्रिया है | शास्त्रों में मूल-शोधन के नाम से इसका वर्णन आता है | यह क्रिया करते
समय ऊँगली के नाखून कटे होने चाहिए | बवासीर की तकलीफवालों को यह विशेष सावधानी से
करनी चाहिए |
इसका प्रभाव स्वर पर और
मस्तिष्क की नाड़ियों पर बहुत ही हितकर होता है |
मूत्र-त्याग के पश्चात
भी मुत्रेंद्रिय को ठंडे या सामान्य जल से धो लेना चाहिए |
ऋषिप्रसाद – मई २०१८से
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