Search This Blog

Sunday, November 20, 2022

वजन घटाने हेतु


🔹क्या न खायें : वजन बढ़ाने हेतु जिन वस्तुओं का वर्णन इस पर्चे में किया गया है उनका सेवन न करें । आलू, पनीर, मावा, मिठाइयाँ, तले हुए पदार्थ, बिस्कुट-ब्रेड आदि बेकरी के पदार्थ, खमीरीकृत (fermented) पदार्थ, मुरब्बे, जैम, कैचअप, चॉकलेट्स, फास्ट फूड, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, आइसक्रीम, शरबत आदि जिनमें अधिक तेल, घी, चीनी, गेहूं के आटे / मैदे का उपयोग किया गया हो ।


🔹क्या खायें : अल्प चिकनाईवाले, कड़वे, कसैले, अल्प शर्करा युक्त (low carbohydrate), अधिक रेशेवाले व कम कैलोरीवाले पदार्थ, जैसे - जौ, ज्वार, बाजरा, साँवाँ, कंगनी, मूँग, मसूर, मोठ, अरहर, करेला, मेथी व मेथीदाना, सहजन, मूली व मूली के पत्ते, हल्दी, सोंठ, ज्वार की धानी, मुरमुरे, भुने चने, ग्वारपाठा आदि । भोजन के बीच व बाद में गर्म पानी पियें, गाय का दूध (मलाईरहित) ले सकते हैं ।


🔹क्या करें : प्रातः ३ से ५ बजे के बीच प्राणायाम (इससे अंतःस्रावी ग्रंथियों का कार्य संतुलित होकर वजन नियंत्रित रहता है) । सूर्यस्नान, सूर्यनमस्कार, दौड़ने या चलने का व्यायाम व आसन । शारीरिक कार्य बढ़ायें, अधिक नींद से बचें । हो सके तो दिन में एक बार ही सुबह ९ से ११ के बीच भोजन करें, आवश्यक लगे तो शाम को ५ से ७ के बीच अल्पाहार लें ।


🔹भोजन धीरे-धीरे व खूब चबाकर करें । भोजन के बाद थोड़ा टहलें, वज्रासन में बैठें ।


🔹क्या न करें : दिन में बिल्कुल न सोयें । आरामप्रियता, सुखशीलता, एक स्थान पर सतत बैठे रहना, स्वादलोलुपता इनसे बचें । सुबह देर तक न सोयें ।


🔹 १ गिलास गुनगुने पानी में १ नींबू व २५ तुलसी पत्तों का रस अथवा १५-२० मि.ली. तुलसी अर्क व १ चम्मच शहद मिलाकर सप्ताह में २-३ दिन (रविवार को छोड़कर) सुबह खाली पेट लें ।


🔹वजन घटाने हेतु सहायक औषधियाँ : त्रिफला रसायन कल्प, शोधनकल्प चूर्ण, पंचरस, हरड़ चूर्ण या टेबलेट, त्रिफला चूर्ण या टेबलेट, गोमूत्र या गोमूत्र अर्क, गोझरण वटी, गिलोयादि अर्क । (ये आश्रम के सत्साहित्य सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध हैं ।) आयुर्वेद के अनुसार तिल के शुद्ध तेल का सेवन दुबले शरीर में चरबी बढ़ाता है व मोटे शरीर से चरबी घटाता है अर्थात् यह वजन बढ़ाने तथा घटाने दोनों में सहायक है ।


🔹विशेष : 'दिव्य प्रेरणा-प्रकाश' पुस्तक में दिये गये नियमों का पालन आवश्यक है ।

शरीर को सुडौल एवं सशक्त बनाने के सरल उपाय

🔹पुरुषों के लिए जितनी इंच लम्बाई उतना वजन उचित है (जैसे ६५ इंच कद हो तो वजन लगभग ६५ किलो होना चाहिए) । महिलाओं के लिए जितनी इंच लम्बाई उससे ३ से ५ किलो कम वजन उचित है ।*

🔹वजन बढ़ाने हेतु🔹

🔹क्या खायें : मधुर व स्निग्ध पदार्थ, जैसे देशी गाय या भैंस का दूध-घी, मक्खन, ताजा मीठा दही, गेहूँ, दालें, चावल, उड़द, चने, लाल चौलाई, शकरकंद, चुकंदर, मूँगफली, गोंद, तिल, फलों में आम, केला, चीकू, सीताफल, सेवफल, नारियल, खजूर, बादाम, काजू, अखरोट, अंजीर, मखाना आदि सूखे मेवे ।

🔹२ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण घी मिश्रित दूध अथवा आँवले के २० मि.ली. रस के साथ सुबह लेना पुष्टिकारक है । साथ में भिगोये हुए ५-७ खजूर ले सकते हैं ।

🔹 सुवर्ण-सिद्ध जल : ४ लीटर पानी में ४-५ ग्राम शुद्ध सुवर्ण डाल के पानी को उबालकर आधा करें । इसका सेवन विशेष लाभदायी है ।

🔹क्या न खायें : कड़वे, कसैले तीखे, रूखे-सूखे पदार्थ, जौ, ज्वार, मूँग, अरहर, करेला, मेथीदाना, सहजन, शहद, त्रिफला, हरड़, गोमूत्र आदि न लें ।

🔹क्या करें : उचित समय पर निद्रा एवं वीर्य की सुरक्षा पर अवश्य ध्यान दें । प्रातः ३ से ५ बजे के बीच प्राणायाम करें । हास्य-प्रयोग करें, प्रसन्नचित्त रहें । मन की शांति शरीर को पुष्ट करनेवाले उपायों में सर्वश्रेष्ठ है ।

🔹क्या न करें : अधिक उपवास, भुखमरी, चिंता, शोक, भय, व्यथा, अति मानसिक परिश्रम, क्षमता से अधिक कार्य, व्यायाम व प्राणायाम, रात्रि जागरण, व्यसन, हस्तमैथुन, पति-पत्नी के अधिक व्यवहार, अजीर्ण, कब्ज आदि से बचें ।

🔹ध्यान दें : पौष्टिक आहार पचाने हेतु पाचनशक्ति अच्छी होना जरूरी है । इस हेतु सूर्यनमस्कार, व्यायाम व आसन नियमित करें । भूख की कमी हो तो पहले लीवर टॉनिक टेबलेट, एलोवेरा जूस, पंचरस आदि लेकर या वैद्यकीय सलाह से औषधि सेवन करके पाचनशक्ति बढ़ायें । मालिश भी खूब हितकारी है ।

🔹वजन बढ़ाने में सहायक उत्पाद : पुष्टि कल्प, अश्वगंधा चूर्ण, शतावरी चूर्ण, च्यवनप्राश, अश्वगंधा पाक, सौभाग्य शुंठी पाक, द्राक्षावलेह, मामरा बादाम, खजूर, घी । (ये आश्रम के सत्साहित्य सेवा केन्द्रों पर व समितियों में उपलब्ध हैं ।)


🔹विशेष : 'दिव्य प्रेरणा- प्रकाश' पुस्तक में दिये गये नियमों का पालन आवश्यक है ।



Monday, October 24, 2022

विटामिन बी-1 - १२ का सस्ता, सर्वसुलभ सोत




पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है : "शरीर में विटामिन बी १२ की बहुत जरूरत होती है। बी १२ कम होता है तो भूख कम लगती है और अन्य समस्याएँ भी पैदा होती हैं। कुछ लोग बी १२ की पूर्ति के लिए मांसाहार करते हैं, उसकी कोई जरूरत ही नहीं है। आम की गुठली में बहुत सारा बी-१२ होता है। आम खाने के बाद गुठलियाँ फेंक देते हैं, आगे से इन्हें इकट्ठा करके सुखा के रख देवें। फिर इन्हें तोड़कर इनकी मींगी को सेंक लें। इसे सुपारी की नाईं भी खा सकते हैं। तो आप इसका लाभ लें । इससे आपको विटामिन बी १२ की कमी नहीं होगी और किसीको होगी तो दूर हो जायेगी।" -


आधुनिक अनुसंधानों से ज्ञात हुआ है कि आम की गुठली की १०० ग्राम मींगी में आम के २ किलो गूदे से ज्यादा पोषक तत्त्व हैं। आम के गूदे से २० गुना ज्यादा प्रोटीन, ५० गुना ज्यादा स्निग्धांश (फैट) व ४ गुना ज्यादा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। बी-१२ शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में एवं तंत्रिका तंत्र (nervous system) को स्वस्थ रखने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


विटामिन बी - १२ की कमी के लक्षण


खून की कमी, थकान, कमजोरी, आलस्य, मुँह के छाले, हाथ-पैरों में सुन्नपन, आँखों की रोशनी


कम होना आदि । यदि ध्यान न दें तो चलते समय शरीर का संतुलन बनाने में समस्या, सोचने-समझने


की शक्ति में कमी, चिड़चिड़ापन, मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र को गम्भीर क्षति आदि विकार पैदा होते


हैं। हृदय की निष्क्रियता जैसे गम्भीर उपद्रव भी हो सकते हैं।


अमीनो एसिड्स का उत्कृष्ट स्रोत


मनुष्य शरीर के लिए ९ अमीनो एसिड्स अत्यावश्यक होते हैं, जिनकी कमी से अंतःस्राव (हार्मोन्स) एवं न्यूरोट्रांसमीटर्स का निर्माण, मांसपेशियों का विकास एवं अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों में बाधा पहुँचने से विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। मींगी में इन ९ अमीनो एसिड्स में से ८ पाये जाते हैं, साथ ही कैल्शियम, मैग्नेशियम, लौह तत्त्व, मँगनीज, फॉस्फोरस आदि खनिज एवं विटामिन 'ई',


'सी', 'के' आदि भी पाये जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार आम की गुठली की मींगी कफ-पित्तशामक एवं कृमिनाशक है। यह छाती में जलन, उलटी, जी मिचलाना, दस्त, गर्भाशय की सूजन, बहुमूत्रता, अधिक मासिक स्राव, श्वेतप्रदर


आदि रोगों में लाभदायी है।


सेवन मात्रा : मींगी या मींगी से बना मुखवास'


आधा से डेढ़ ग्राम तक जिसको जितना अनुकूल पड़े, ले सकते हैं। दस्त में कच्ची मींगी को सुखाकर कूट-पीस के चूर्ण बना के रखें । ३ से ५ ग्राम चूर्ण में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर सेवन करें।


सावधानी : पके आम की गुठली की मींगी का प्रयोग करें। मींगी का अधिक सेवन कब्जकारक है।


★ आम की मींगी से बना मुखवास शीघ्र ही संत श्री आशारामजी आश्रमों में सत्साहित्य सेवा केन्द्रों से व समितियों


से प्राप्त हो सकेगा। ( बिस्तृत जानकारी हेतु पढ़ें संत श्री आशारामजी आश्रम से प्रकाशित मासिक पत्रिका ऋषि प्रसाद, सितम्बर २०२२ का अंक)


1 of 1


<


O

बीज मन्त्रों से स्वास्थ्य सुरक्षा

 

कं- मृत्यु के भय का नाश, त्वचारोग व रक्त विकृति में।


ह्रीं - मधुमेह, हृदय की धड़कन में।


घं- स्वप्नदोष व प्रदररोग में।


भं- बुखार दूर करने के लिए।


क्लीं- पागलपन में।


सं- बवासीर मिटाने के लिए।


वं- भूख-प्यास रोकने के लिए।


लं - थकान दूर करने के लिए।


ऐं- कोमा से बाहर निकालने, स्मृति बुद्धि बढ़ाने में।


थं- अनियमित, अधिक मासिक स्त्राव में।


रं- मंदाग्नि दूर करने, पाचन शक्ति बढ़ाने में।


टं- विघ्नबाधा, संकट मिटाने हेतु।


बं- वायु रोग नाशक।


गं - बुद्धिशक्ति, धारणाशक्ति वर्धक।

Sunday, September 4, 2022

साइड इफेक्ट हुआ हो तो

 आयुर्वेद साइड इफेक्ट न हो ऐसा बताता है। गिलोय का रस ले लिया करो। गिलोय जहां तहां खूब मिलती है। उसकी टहनियों तोड़ के मिक्सी में गुमा दो और सुबह सुबह गिलोय का रस 20 - 25 मिलि. ले लिया करो। कैसा भी साइड इफेक्ट हुआ हो भाग जाएगा।

Thursday, September 1, 2022

जामफल

कई चीजें स्वास्थप्रद होती हैं। कई सब्जियां स्वास्थप्रद होती है जैसे जमफल। त्रिदोष नाशक है। 132 प्रकार की बीमारियों का नाश करता है जामफल लेकिन इसके बीज चबाने नहीं चाहिए। खाली पेट जामफल खाकर फिर खाना खाओ। बहुत सारी बीमारियों की जड़ हटा देगा। पूरा ही त्रिदोष नाशक है।

दांत की मजबूती के लिए

 दांत की मजबूती के लिए गुलाब जीरा पाउडर 15 रुपए की डब्बी मिलती है। इस पाउडर को रात को घिस लो और लार थूकना हो तो थूक लो पर कुल्ला मत करो गुलाब जीरा पाउडर गुलाब के फूलों का ही है। इससे मसूड़े व दांत मजबूत बनते हैं।

बच्चों को कफ रहता हो तो

 बच्चों को कफ रहता हो तो 50 ग्राम शहद व 10 ग्राम लहसुन की चटनी बना कर बच्चों को चटा दें। सर्दी खांसी में तो आराम होगा साथ ही पेट की कृमि भी नष्ट होती है।

Tuesday, August 30, 2022

आम के आम, गुठलियों के दाम

 

आम की गुठली को तोड़कर उसमें निकली गिरी को टुकड़े करके नमक में सेक ले 100 ग्राम लेने से साल भर B12 की कमी नही होगी- पूज्य बापू जी

माघ_वर्षा_सोना_बरसा



सूर्य का प्रवेश मघा_नक्षत्र में हो वर्षा हो तो वर्षा का पानी सोना के समान है।

नेत्र में डालो वह पानी। वह पीने से बच्चों की #किडनी स्वस्थ होगी, बच्चें हष्टपुष्ठ होगे।

भोजन बनाने के काम लाओ तो कहना ही क्या ।

🗓️ 15 अगस्त से 30 अगस्त तक अच्छे बर्तन में (स्टील, तांबा,पीतल कांच के) भर कर रखो। 12 महीने रहेगा तो भी कुछ नहीं होगा जैसे #गंगाजल । माघ का जल जीवन को तृप्त करेगा।

Friday, April 15, 2022

पुण्यदायी तिथियाँ व योग

 



१९ अप्रैल : अंगारकी-मंगलवारी चतुर्थी ( शाम ४:३९ से २० अप्रैल सूर्योदय तक )

२१ अप्रैल : पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस अर्थात विश्व सेवा -सत्संग दिवस

२६ अप्रैल : वरूथिनी एकादशी ( सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत, १०,००० वर्षों की तपस्या के समान फल | माहात्म्य पढने-सुनने से १००० गोदान का फल )

३ मई : अक्षय तृतीया ( पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल)

८ मई : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से शाम ५:०१ तक ), रविपुष्यामृत योग ( सूर्योदय से दोपहर २:५८ तक)

१२ मई : मोहिनी एकादशी ( व्रत से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का भी नाश)

१५ मई : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल: सूर्योदय से दोपहर १२:३५ तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)


ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२२ से

आरोग्यवर्धक जल

 

घर के ईशान कोण में ज्यादा – से – ज्यादा स्थान खुला रहे और उस स्थान पर एक गमले में तुलसी का पौधा लगाकर रखें | तुलसी के गमले के पास मिटटी के कलश में जल भरकर रखें | इस जल को पीने से शरीर में आरोग्य की वृद्धि होती है और मन में पवित्रता, सात्विकता का संचार होता है | 

यदि जल को निहारते हुए पूज्य बापूजी द्वारा बताये गये ॐ नमो नारायणाय | मंत्र का २१ बार जप करके फिर इस जल का पान किया जाय तो यह असाध्य रोगों को भी दूर करने में बहुत मदद करता है | 

(औषधि-सेवन से पूर्व भी इस मंत्र का २१ बार जप विशेष लाभदायी है |) जल में १ – २ तुलसी-पत्ते डालकर जल पीना स्मरणशक्ति और सम्पूर्ण स्वास्थ्य की अनोखी युक्ति है |


ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२२ से