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Tuesday, June 12, 2018

अनार, केले, लौकी, ककड़ी का उपयोग करना है तो ....


क्या करें
१] मीठा अनार त्रिदोषशामक है, विशेषत: पित्तशामक है, इसका सेवन लाभदायी है |
२] पीके केले (छिलके पर काले दाग हों ) रक्त, मांस व बल वर्धक होने से सेवनीय हैं |
३] ताज़ी, नरम मूली त्रिदोषनाशक, जठराग्निवर्धक होने से सेवनीय है |
४] ताज़ी व मुलायम बीजोंवाली लौकी का सेवन बलदायी एवं स्वास्थ्यप्रद है |
५] ताज़ी ककड़ी, खीरा शीतल व पित्तशामक होने से इनका सेवन करना लाभदायी है |

क्या न करें
१] खट्टा अनार पित्तवर्धक होता है अत: इसका सेवन न करें |
२] कच्चा केला कब्ज करता है | इसकी सब्जी अथवा चिप्स भी हानिकारक हैं |
३] कच्ची, पुरानी व सुखी हुई मूली त्रिदोषप्रकोपक होने से त्याज्य है |
४] सख्त बीजोंवाली लौकी का सेवन न करें, यह जठराग्नि को मंद करती है |
५] पककर पीली हुई ककड़ी, खीरा उष्ण व पित्तवर्धक होते हैं | इन्हें न खायें |

ऋषिप्रसाद – जून २०१८ से

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