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Thursday, July 16, 2020

रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कुछ अन्य उपाय


१)     ध्यान व जप अनेक रोगों में लाभदायी होता है | इससे औषधीय उपचारों की आवश्यकता कम पड़ती है | ध्यान के समय अनेक प्रकार के सुखानुभुतिकारक मस्तिष्क – रसायन आपकी तंत्रिका-कोशिकाओं को सराबोर करते हैं | सेरोटोनिन, गाबा, मेलाटोनिन आदि महत्त्वपूर्ण रसायनों में बढ़ोत्तरी हो जाती है | इससे तनाव, अवसाद, अनिद्रा दूर भाग जाते हैं व मन में आह्लाद, प्रसन्नता आदि सहज में उभरते हैं |

 रटगर्स विश्वविद्यालय, न्यूजर्सी के शोधकर्ताओं ने पाया कि ध्यान के अभ्यास्कों में मेलाटोनिन का स्तर औसतन ९८% बढ़ जाता है | किसी-किसीमें इसकी ३००% से अधिक की वृद्धि हुई | मेलाटोनिन के कार्य हैं तनाव कम करना, स्वस्थ निद्रा, रोगप्रतिकारक प्रणाली को सक्रिय करना, कैंसर तथा अन्य शारीरिक-मानसिक रोगों से रक्षा करना |

२)     टमाटर, फूलगोभी, अजवायन व संतरा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाते हैं अत: भोजन में इनका उपयोग करें | हल्दी, जीरा, दालचीनी एवं धनिया का उपयोग करें | परिस्थितियों को देखते हुए अल्प मात्रा में लहसुन भी डाल सकते हैं |

३)     १५० मि.ली. दूध में आधा छोटा चम्मच हल्दी डाल के उबालकर दिन में १ – २ बार लें |

४)     रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने हेतु प्राणदा टेबलेट, ब्राह्म रसायन, होमियो तुलसी गोलियाँ, तुलसी अर्क (१०० मि.ली. पानी में १ से ५ बूँद आयु व प्रकृति अनुसार ), होमिओ पॉवर केअर आदि का सेवन लाभदायी है |

ऋषिप्रसाद – जुलाई २०२० से  

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