Search This Blog

Monday, February 8, 2021

पुण्यदायी तिथियाँ

 


१२ फरवरी : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर १२:५३ से सूर्यास्त तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)


१४ फरवरी : मात्रृ – पितृ पूजन दिवस

१६ फरवरी : वसंत पंचमी (इस दिन सारस्वत्य मंत्र का जप विशेष लाभदायी, अधिक-से-अधिक जप करें |)

२३ फरवरी : जया एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्यातुल्य पाप व पिशाचत्व का नाश)

२५ फरवरी : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से दोपहर १:१७ तक ) (ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी), माघ शुक्ल त्रयोदशी ईसी दिन से माघी पूर्णिमा (२७ फरवरी) तक प्रात: पुण्यस्नान तथा दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान का फल मिलता है |

२ मार्च : अंगारकी – मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से ३ मार्च प्रात: ३:०० तक)

९ मार्च : विजया  एकादशी (व्रत से इस लोक में विजयप्राप्ति होती है और परलोक भी अक्षय बना रहता है |)


११ मार्च : महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि- जागरण, शिव-पूजन (निशिथकाल :रात्रि १२:२४ से १:१३ तक)

१४ मार्च : षडशिति संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर ११:३९ से शाम ६:०४त्क) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म ८६,००० गुना फल)

ऋषिप्रसाद – फरवरी २०२१ से  

No comments: