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Wednesday, May 5, 2021

ग्रीष्म ऋतू में स्वास्थ्य-सुरक्षा हेतु

 

दही, लस्सी से सावधान !

शरदग्रीष्मवसन्तेषु प्रायशो दधि गर्हितम |

‘प्राय: शरद, ग्रीष्म व वसंत ऋतू में दही का सेवन निषिद्ध होता हिया |’ (चरक संहिता, सूत्रस्थान : २७.२२७)



ग्रीष्म ऋतू की गर्मी से राहत पाने के लिए अक्सर जिस दही, मीठी लस्सी आदि का सेवन किया जाता है तथा जो सेवनोपरांत आह्लाद व तृप्तिदायी भी प्रतीत होते हैं उनके विषय में आयुर्वेद कहता है कि ये पदार्थ ग्रीष्म ऋतू में सेवनीय नहीं है | ये खाने में भले ही ठंडे लगते हैं लेकिन इनकी प्रकृति उष्ण है | ग्रीष्म में यह कालविरुद्ध आहार हैं | इससे विरुद्ध आहार-सेवनजन्य बुखार, कुष्ठ, रक्ताल्पता, रक्तपित्त आदि रोग उप्तन्न होते हैं | गर्मियों में निम्नलिखित विधि से बनायी गयी छाछ पी सकते हैं |



देशी गाय के दूध से बने ताजे-मीठे दही में ८ गुना पानी मिलाकर लकड़ी की मथनी से खूब मथ के मक्खन निकाल के जो छाछ बनायी जाती है वह सीतल, सुपाच्य, पित्तशामक, श्रम तथा अधिक प्यास को दूर करनेवाली, वातनाशक तथा कफकारक होती है | यदि इसमें सेंधा या काला नमक व भुना हुआ जीरा मिलाया जाय तो यह जठराग्नि – प्रदीपक भी हो जाती है | इसे घी में हींग व जीरे से छौंक भी सकते हैं अथवा जीरा, धनिया, सौंफ व मिश्री मिला के ले सकते हैं | ऐसी छाछ दिन में मात्र एक बार सुबह भोजन के बाद लें |

अति दुर्बल व्यक्तियों को तथा क्षयरोग (टी.बी.), मूर्च्छा, भ्रम (चक्कर), जलन व रक्तपित्त में छाछ का उपयोग नहीं करना चाहिए |



बल-वीर्यवर्धक श्रीखंड

ग्रीष्म की दाहक किरणों से दुर्बल व तप्त हुए शरीर के लिए देशी गोदुग्ध से बने मधुर, स्निग्ध, बल-वर्धक श्रीखंड का सेवन गुणकारी है | अपनी पाचनशक्ति के अनुसार कभी-कभी इसका सेवन कर सकते हैं |

बाजार में मिलनेवाला श्रीखंड कई दिन पुराना होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | अत: घर पर बनाये गये ताजे श्रीखंड का उपयोग करें |

 


शीतल -सुपाच्य ज्वार की रोटी

ज्वार सुपाच्य व शीतल होने से गर्मियों में सेवनीय है | ज्वार के आटे में थोडा-सा नमक मिला के आटा गुँथे | तवे पर रोटी डालने के बाद ऊपर से पानी लगायें व धीमी आँच पर सेंके | इससे रोटी की २ पर्ते बनकर वह सुपाच्य व स्वादिष्ट बनती है | ज्वार की रुक्षता को दूर करने के लिए रोटी बनाने के बाद उस पर घी या तेल लगायें | कद्दुकश की हुई लौकी या गाजर, पालक, हरा धनिया, जीरा हल्दी, काली मिर्च (कुटी हुई), नमक आदि के साथ ज्वार का आटा गूँथ के पौष्टिक व स्वादिष्ट रोटी भी बनायी जाती है |

गर्मियों में आहार में इस प्रकार की सावधानी आपके स्वास्थ्य की रक्षा करेगी |

ऋषिप्रसाद – मई २०२१ से

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