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Sunday, April 4, 2021

पाँच महाव्रत

 

जिसके जीवन में पाँच महाव्रत आ जायें उसको तो न चाहने पर भी भगवान मिल जायेंगे | भगवान की इच्छा न हो तब भी भगवत्साक्षात्कार हो जायेगा |

१] अहिंसा                   : किसीको मारें नहीं |

२] सत्य                      : झूठ न बोलें |

३] अस्तेय                   : चोरी न करें |

४] ब्रह्मचर्य

५] अपरिग्रह                : (अनावश्यक ) संग्रह न करें |

ये पाँच महाव्रत हैं | इनको धारण करनेवाला व्यक्ति न चाहे तब भी महान आत्मा हो जायेगा, सुप्रसिद्ध आत्मा हो जायेगा और उसके होनेमात्र से जो होना चाहिए वह होने लगेगा, जो नहीं होना चाहिए उसको वह तुरंत रोक सकता है |

मनुष्यै: क्रियते यत्तु तन्न शक्यं सुरासुरै : | ( ब्रह्मपुराण : २७.७० )

मनुष्य इन पाँच महाव्रतों के आधार पर जो कर सकता है वह देवता भी नहीं कर सकते हैं और दैत्य भी नहीं कर सकते हैं |

और एक केवल ब्रह्मचर्य-व्रत पाले तो भी चार वेद पढ़ने का जो फल होता है या तप करनेवाला उस फल से स्वत: सम्पन्न हो जाता है |

ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२१ से

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