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Sunday, April 4, 2021

वासनाओं की विदाई और प्रभु की प्राप्ति !

 

वासना ने रावण को कही का नहीं रखा और निर्वासनिक शबरी, राजा जनक आदि ने पूर्णता पा ली | निर्वासनिक होने के लिए श्वास अंदर जाय तो प्रभु का नाम बाहर आये तो गिनती | मुलबंध करके इस प्रकार श्वासोच्छ्वास की गिनती करो तो वासनाओं की विदाई और प्रभु की प्राप्ति !

ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२१ से

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