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Sunday, April 4, 2021

सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ

 


अक्षय तृतीया को पीपल-परिक्रमा का फल

जो व्यक्ति अक्षय तृतीया ( १४ मई २०२१ ) के दिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर पीपल को जल अर्पित करके उसकी १०८ परिक्रमाएँ करता है  वह एक वर्ष तक अनेक अनिष्टों से रक्षित रहता है , उसकी संतानें सुखी होती है, उसके कार्य निर्बाध गति से होते है तथा उसे धन एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है |


ऋषिप्रसाद- अप्रैल २०२१ से

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