Search This Blog

Friday, January 7, 2022

बल ही जीवन है

 बल ही जीवन है, दुर्बलता मौत है | जो नकारात्मक विचार करनेवाले हैं वे दुर्बल हैं, जो विषय-विकारों के विचार में उलझता है वह दुर्बल होता है लेकिन जो निर्विकार नारायण का चिंतन, ध्यान करंता है और अंतरात्मा का माधुर्य पाता है उसका मनोबल, बुद्धिबल और आत्मज्ञान बढ़ता है |

ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२२ से

No comments: