जो श्रद्धावती प्रतिदिन स्नान आदि से शुद्ध होकर सूर्योदय से पहले 'ॐ ॐ ह्रीं ॐ क्रीं ह्रीं ॐ स्वाहा | ' इस मंत्र की दस मालायें करती है, उसके घर में सुख-समृधि स्थायी रहती है | इस मंत्र का जप शुभ मुहूर्त में प्रारम्भ करना चाहिए | प्रतिवर्ष चैत्र और आश्विन के नवरात्रों में वटवृक्ष की समिधा से विधिपूर्वक हवन करके कन्या, बटुक (ब्रह्मचारी) आदि को भोजन से संतुष्ट करे | इस मंत्र के सम्यक अनुष्ठान से घर का सुख, शान्ति तथा समृद्धि बनी रहती है |
-Ashram Book KalyanNidhi
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