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Sunday, October 23, 2011

घर में जल्दी जल्दी मृत्यु होती हो तो !

अगर घर में जल्दी जल्दी मृत्यु होती हो तो काली चौदस के दिन शाम को यमराज के नाम से 14 दीपक दान करें|
यमराज के नाम के 5 मंत्र बोलें-
१. ॐ यमाय नमः| 
२. ॐ धरमराजाय नमः|
3.  ॐ कालाय नमः|
४. ॐ अन्तकाय नमः|
५. ॐ म्रत्यवे नमः|


श्री सुरेशानंदजी रांची 23 अक्तूबर 2011



 





रोगों से मुक्ति के लिए|

शनिवार की सुबह पीपल के पेड़ के नीचे गायत्री मंत्र की एक माला करें फिर पेड़ में जल डाले दें। इससे रोगों से मुक्ति मिलती है किसी पर जादू टोना - प्रेतबाधा हो वे भी ये करें जरुर फायदा होगा ।
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गिलोय की समिधा घी में भीगी कर हवन करने से भी रोगों में फायदा होगा एक अंगुल की समीधा लेकर दोनों तरफ से घी में डुबो लें

श्रीसुरेशानंदजी, रांची, 23 अक्तूबर 2011

काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए !

अगर काम धंधा करते सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुकल पक्ष की अष्टमी हो.. बेल के कोमल कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से .... मंत्र बोले " ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । " और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी कभी ये प्रयोग करें नवरात्रियों में तो खास करें | देवी भागवत में वेद व्यास जी ने बताया है

For success in work and achieving Raj -Yoga

If you have been recently unsuccessful in job or business or are constantly facing impediments, then take soft tender leaves of Bel and apply red chandan on it and offer it to Goddess Mother Jagadamba on the eight lunar day of Shukla paksh. Then recite this mantra, "AUM HRIM NAMAH", "AUM SHRIM NAMAH". Then sit down quietly and do your prayers and japa of Guru Mantra which will translate to Raj-Yoga. It is even more beneficial to do this during Navaratri. This has been advised in Devi Bhagwad by Sage Vyaasa.

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श्री सुरेशानंदजी, बेरहमपुर, 16 अक्तूबर 2011

Saturday, October 22, 2011

मलेरिया कभी न हो, इसके लिए प्रयोग

३०० ग्राम दूध लेकर उसमें आंकड़े की डाली (आंकड़े के फूल हनुमानजी को चढ़ाये जाते हैं) घुमाएँ और तब तक घुमाएँ जब तक दूध थोड़ा गाढ़ा न हो जाये l फिर उस दूध को पी लें l इससे मलेरिया सदा के लिए भाग जायेगा और कभी नहीं होगा l

Behrampur-16th Oct. 2011

Tuesday, October 18, 2011

कब्ज़ में

कब्ज़ की शिकायत हो तो ५० ग्राम लाल फिटकरी तवे पर फुलाएं, कूटें और कपड़े से छानकर बोतल में भर लें l रात्रि में १५ ग्राम सौंफ १ गिलास पानी में भिगो दें l सुबह उसे अच्छी तरह उबालकर छान लें और डेड़ ग्राम फिटकरी का पाउडर मिलाकर पी लें l इससे कब्ज़ व बुखार भी दूर होता है l

ऋषि प्रसाद - अक्टूबर २०११

Monday, October 17, 2011

लक्ष्मी प्राप्ति में सावधानी

फूलों को पैरो तले नहीं आने देना चाहिए, अन्यथा लक्ष्मीजी नाराज़ हो जाती हैं l

पूज्य बापूजी

Wednesday, October 12, 2011

किसी को पेट ठीक नहीं होता हो

किसी को पेट ठीक नहीं होता हो तो " कोष्ठशुद्धि " नाम की गोली आती है । २-२ गोली लो। कैसा भी पेट ख़राब हो टनाटन हो जाए गा ।
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- पूज्य बापूजी 4th Oct, 2011 Behror

आसन सिद्ध करने के लिए

अनुष्ठान शुरू कर रहे हो तो पहले आसन सिद्ध करें...स्थापना करें । पूर्व दिशा की ओर मुंह करके आसन पर बैठें । चावल के दाने ( अक्षत ) हल्दी से पीले कर दें । अग्नि कोण (पूर्व और दक्षिण के बीच का ) में आसन के नीचे कोने पर वो दाने रख दिए और ' ॐ गं गणेशाय नमः ' मेरा आसन और अनुष्ठान सिद्ध हो ...मेरे जप ध्यान में कोई विघ्न न आए। फिर नेर्रित्त्य कोण ( दक्षिण और पश्चिम के बीच का कोण ) के आसन के कोने के नीचे दाने रख दिए और प्रार्थना करें ' ॐ एं सरस्वत्यै नमः ' ...हें सरस्वती मुझे सद्बुद्धि देना... मेरे अनुष्ठान में मैं ही अड़चन न बनूँ ...मैं उपवास न तोडूं .... मेरी बुद्धि बनी रहे । फिर वायव्य कोण ( पश्चिम और उत्तर के बीच का कोण ) के आसन के कोने के नीचे चावल के दाने रखे और ' ॐ दुं दुर्गाय नमः ' हें माँ दुर्गा ... काम , क्रोध , लोभ, मोह, मद, मत्सर, आदि अगर मेरे जप अनुष्ठान में अड़चन बनें तो मेरे ये दुर्गुणों को भी तू दूर करना । फिर ईशान कोण ( उत्तर और पूर्व के बीच का कोण ) के कोने के नीचे दाने रख दिए और ' श्याम क्षेत्रपालय नमः ' जपे ।

Accomplishment of asana

Before starting any anusthaan, it is important to accomplish your asana.. i.e. establish asana. Sit on your asana facing towards the east. Coat some rice grains yellow using turmeric. Towards agni direction (between east and south), keep two grains under your asana and recite "AUM GAM GANESHAAYA NAMAH" praying that may this asana become purified and support fulfillment of my anusthaan without any obstacles. Then in Natritiya direction (between south and west), keep a few grains under your asana and recite to Maa Saraswati "AUM AIM SARASWATYAE NAMAH" and pray to her to grant pure intellect, may I myself not become a hinderance to my anusthaan, may I not break my fasting and may my intellect hold steady. Then in Vayavya direction (between west and north), keep a few grains under your asana and recite to Maa Durga "AUM DOOM DURGAYA NAMAH". Oh mother Durga... may ego, lust, anger, lethargy, greed, etc be driven away if they try to trouble me during my anusthaan. Then in Ishaan direction (between north and east) keep a few grains under your asana and recite "SHYAM KSHETRAPALAAYA NAMAH".

- श्री सुरेशानंदजी Mathura 8th, Oct 2011

Tuesday, October 11, 2011

जब कोई माता गर्भवती हो तो

ये सब को पता है की कयादुमाँ ने नारद मुनि के आश्रम में जा कर खूब जप, तप किया, सत्संग सुना तो राक्षस कुल में भी प्रह्लाद जैसी संतान हुई । इसलिए घर में कोई बहु, बेटी, बहन गर्भवती हो तो उसे कहना कि श्रीमद भागवत पढ़े और ऐसे पढ़े कि जैसे हम किसी को पढ़कर सुना रहे हो, जोर से पढ़े। उन दिनों में कोशिश करना कि अधिक से अधिक भगवन नाम जपे। अधिक से अधिक शांत और ध्यान में बैठने की कोशिश करना । ऐसी संतान आप के घर जन्म लेगी जो सात-सात पीढ़ी को तारने वाली होगी। क्योकि आप गर्भ से उसे संस्कार दे रहे हो ।

-रेखा दीदी Khilchipur 6th Oct, 2011

बच्चे को दूध पान करते वक्त करने योग्य

माताओ से नम्र निवेदन है कि बच्चे का जन्म हो जाये, उसको जब आप अपने आँचल से दूध पिलाओ तब उसके कानों में ' हरि ॐ'....'हरि ॐ'....'हरि ॐ'....'बेटा तू शुद्ध है , तू बुद्ध है ' ... ये न बोल सको तो केवल ' हरि ॐ' .... 'हरि ॐ '... ये बोल कर उसको दूध पान कराये । तो वो बच्चा जहाँ भी पहुंचेगा उसके श्वास- श्वास में ...रक्त के कण कण में ' हरि ॐ ' का नाम होगा ।


- रेखा दीदी Khilchipur 6th Oct, 2011

Monday, October 10, 2011

बुद्धि के विकास के लिए इन से सावधान रहे

कभी भी जूठे मुँह अपना हाथ सिर पर न जाए , नहीं तो बुद्धि का विकास रुक जाता है... कफ़ की वृद्धि बुद्धि के विकास को, श्रवण शक्ति को रोक देती है |

Take these precautions for intellectual growth

Make sure, never to let touch your head with your hands when your mouth is dirty, else your intellectual growth will get stunted. Excessive cough also limits the growth of intellect and memory power.


- पूज्य बापूजी Mathura 9th Oct, 2011

Wednesday, October 5, 2011

आयु तथा बुद्धिवर्धक प्रयोग

मार्कंडेय ऋषि का नित्य सुमिरन करने वाला और संयम-सदाचार का पालन करने वाला व्यक्ति १०० वर्ष जी सकता है - ऐसा शास्त्रों में लिखा है l कोई १ तोला (११.५ ग्राम) गौमूत्र लेकर उसमें देखते हुए सौ बार "मार्कंडेय" नाम का सुमिरन करके उसे पी लें तो बुखार नहीं आता, उसकी बुद्धि तेज हो जाती है और शरीर में स्फूर्ति आती है l

अपने जन्मदिवस पर ८ चिरंजीवियों (मार्कंडेय, अश्वथामा, राजा बलि, हनुमानजी, विभीषण, वेद व्यास जी, कृपाचार्य जी, परशुरामजी) का सुमिरन व प्रार्थना करके एक पत्र में २ पल दूध (१० से १०० ग्राम) तथा थोड़ा सा तिल व गुड मिलाकर पियें तो व्यक्ति दीर्घजीवी होता है l प्रार्थना करने का मंत्र है -

ॐ मार्कंडेय महाभाग सप्तकल्पांतजीवन, चिरंजीवी यथा त्वं भो भविष्यामि तथा मुने l
रूपवान वित्तवान्श्चैव श्रिया युक्त्श्च सर्वदा, आयुरारोग्य सिद्ध्यर्थ प्रसीद भगवन मुने l
चिरंजीवी यथा त्वं भो मुनीनाम प्रवरो द्विज, कुरुष्व मुनिशार्दूल तथा मां चिरजिविनम l
नववर्षायुतं प्राप्य महता तपसा पुरा, सप्तैकस्य कृतं येन आयु मे सम्प्रय्च्छ्तु l
अथवा तो नींद खुलने पर ८ चिरंजीवी का सुमिरन करे तो व्यक्ति निरोग रहता है l

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Lok Kalyan Setu- Sep. 2011

भूमि के लिए एक उत्तम वरदान (पूनम पर देसी खाद बनाने की विधि)

१. गाय, बैल के सींगों के ढेर में से गाय के सींगों की पहचान इस बात से करनी चाहिए कि गाय के प्रत्येक बछड़े के जन्म पर उसकी सींग के ऊपर एक गोल चक्र (सर्कल) उभरता है l
२. खुले आकाश के नीचे जहाँ बाहर से पानी का बहाव न हो तथा पेड़ की छाया या मूल (जड़) अथवा केंचुए न हों, ऐसी जगह पर २ फुट लम्बा, २ फुट गहरा और २ फुट चौड़ा गड्ढा करें l
३. किसी भी माह की पूर्णिमा के दिन (शरद पूर्णिमा का दिन सर्वोत्तम) उस गड्ढे का एक बालिश्त (१ इंच) भाग गाय के गोबर से पाट दें l फिर मृत दुधारू गाय के सींग में गोबर भरकर उसका मुँहवाला हिस्सा इस गोबर में फंसा दें और नुकीला सिरा ऊपर रखें l इस तरह पहली परत में ५-६ सींगों को रोप सकते हैं l फिर एक भी सींग गिरे नहीं ऐसी सावधानी रखते हुए उस पर पहले जितना ही गाय का गोबर पाट दें और इस परत में भी दूसरे ५-६ गाय के सींगो को पहले की तरह रोप दें l अब गड्ढे के बाकी बचे हिस्से को भी गाय के गोबर से पाट दें और भूमि समतल कर दें l गड्ढे पर पहचान के लिए निशान लगा दें और उसकी रक्षा करें l
४. १२ सींग प्राप्त न हों तो जितने मिलें उनसे ही खाद बनायें l
५. ६ माह बाद अमावस्या के दिन उन्हें बाहर निकालें l अगर इस दिन यह कार्य संभव न हो पाए तो किसी अन्य तिथि को कृष्ण पक्ष में ही निकालें l सींग में से पाउडर बाहर निकालकर उसे मिटटी या कांच के बर्तन में डाल के बर्तन का मुंह बाँध दें और उसे ठंडी जगह पर रखें l मध्यम आकारवाले सींग में से करीब ३५ ग्राम तक पाउडर निकलता है l
६ पैंतीस लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से घोल बनायें l घोल बनाने के लिए किसी बड़े ड्रम में जितने लीटर पानी लें उतने ही ग्राम पाउडर उसमे मिलाकर एकाध घंटे तक घडी की सुइयों से विपरीत (एंटी क्लोक वाइस) दिशा में मथनी से मथें l मथते समय ड्रुम में नीम की हरी पत्तियां कूटकर डालने से घोल में कीटाणु नाशक के गुण आ जाते हैं l
७. यह घोल बुवाई के समय जब जमीन गीली हो और कड़ी धूप न हो तब ज़मीन पर छिडकें, पौधों पर नहीं l

An ultimate blessing for earth (Benefitting from full moon night to make best fertilizer)

1. Cows and bullocks horns should be sorted on the basis that cow horns develop a ring circle on their top on birth of every calf.

2. Below an open sky where there is no directed flow of water or shade from a tree or devoid of tree roots or worms, dig a 2 feet by 2 feet by 2 feet hole.

3. On the full moon night of any month (Sharad month is considered supreme), apply a layer of cow dung inside the pit. Then fill the dead cow's horn with dung and stuff this into the dung layer with the tip facing towards the top. In this fashion, you can make a row of upto 5-6 horns on first layer. Then with caution so that no horn falls down, apply another layer of dung on top. Then stuff another 5-6 horns in it. Fill the remaining pit with cow dung and the level the ground. To identify the place, mark the pit and safe guard it.

4. If you cannot arrange for 12 horns, use as many as you can get.

5. After 6 months, on the day of Amavasya, take these out. If not possible on that day, then select only a day during the waning period of moon. Take the powder out of the horns and keep them sealed in an airtight glass container in a cool environment. For an average horn, it should be possible to get around 35 grams of powder.

6. Make a thin concoction with the scale of 35 litres per acre. To make this, use a large drum, and mix equal proportions of litres of water and grams of powder. Stir this diluted fertiliser in anticlockwise direction for about an hour. During this, you may also add some grounded Margosa (Neem) leavesto improve its anti-fungal abilities.

7. This liquid fertilizer is to be sprayed on the irrigated land when it is wet and it is not too sunny; not to be sprayed on plants.


Lok Kalyan Setu-Sep. 2011

अमाशय या आंतो की सूजन (आंत्रशोथ)

जलन (दाहकता) युक्त सूजन में साठी चावल की कांजी या चावल का मांड पिलाना लाभदायक है l कांजी बनाने हेतु १ भाग चावल का आटा ४० भाग जल मिलाकर पकाना चाहिए l स्वाद के लिए इसमें नमक व नींबू का रस भी मिलाया जा सकता है l

Lok Kalyan Setu-Sep. 2011

अतिसार

साठी चावल का आटा लेई की भांति पकाकर उसमे गाय का दूध मिलाकर अथवा चावल व छाछ खाने से लाभ होता है l

Lok Kalyan Setu-Sep. 2011

मूत्रावरोध

जौ का दलिया दूध के साथ सेवन करने से मूत्रावरोध- सम्बन्धी अनेक विकार समाप्त हो जाते हैं, पेशाब खुलकर आती है l यह दलिया गुर्दे के लिए भी लाभकारी है l

Lok Kalyan Setu-Sep. 2011

हृष्ट - पुष्ट शरीर

जौ को पानी में भिगोकर, कूट के, छिलकारहित कर उसे दूध में खीर की भांति पकाकर सेवन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और मोटापा कम होता है l

Lok Kalyan Setu-Sep. 2011

मस्तिष्क प्रदाह

जौ का आटा पानी में घोलकर मस्तक पर लेप करने से मस्तिष्क की पितजनित पीड़ा शांत होती है l

Lok Kalyan Setu-Sep. 2011

गले की सूजन

थोडा सा जौ कूटकर थोड़ी देर के लिए पानी में भिगोएँ l फिर पानी को छान के गर्म करें l सहन करने योग्य गर्म पानी से गरारे करने से शीघ्र ही गले की सूजन दूर होती है l

Lok Kalyan Setu-Sep. 2011