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Wednesday, July 24, 2013

चावल और गेहूं का आटा

" आप घर में चावल तो खाते हो .... पर polished चावल की कमजोरी है ( साफ होते हैं .... दिखने में भी सफ़ेद होते हैं , पक भी जल्दी जाते हैं .... पच भी जल्दी जाते हैं ) लेकिन चावल में जो विटामिन्स होते हैं उसका काफी हिस्सा पॉलिश के पाउडर में निकल जाता है .... उसमे से तेल निकालते है ...." और
"गेहूं पिसाते हैं उसके साथ १० % मकई का आटा मिलना चाहिए .... तो मकई का तेल भी निकलता है वो colestrol free होता है .... मकई का आटा गेहूं के आटे में मिलाकर खाते हैं तो चमड़े जैसी गेहूं की रोटी बन जाती है वो सूखापन हट जाता है और सुपाच्य भी हो जाती है ...और tasty भी हो जाती है । "

Wheat and rice Flour
"You mostly have polished rice at home (They are white in colour, clear grained and are easy to cook and even digest). But these rice lack the necessary vitamins which get removed when they polish the rice... Rice oil is extracted from this polish powder." and
"When you get wheat ground from the flour mill, mix 1 kg of corn flour for every 10 kg of wheat flour. Oil extracted from corn is cholesterol free... Also, if you mix the two to prepare wheat dough using this proportion, it prevents the wheat roti from becoming hard like leather. It removes the dryness from the roti, aids digestion and makes the preparation tasty too."

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- पूज्य बापूजी Panchkula 26/11/2011

Kidney के रोगों के लिए :-

किडनी रोगियों के लिए साटा की भाजी फयादाकारक है | ( खेतों में खुब होता है | कुछ लोग फेंक देते है |) साटा का रस पीये तो किडनी ठीक हो जायेगी | अथवा तो साटा के रस से बनी हुई पुर्नवा गोलियाँ मिलेगी आश्रम के stall पे .... उससे  से किडनी ठीक हो जायेगी |

Kidney ailments
Those suffering from kidney ailments should take vegetables made using Sata. Sata is extremely beneficial and is found abundantly in crop fields. But most farmers throw them away. Sata extract can completely cure kidney. Else you may also buy Punarnava tablets from ashram which are made using Sata extract. Even those can cure kidney ailments.

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-Pujya Bapuji Badarpur 24th June' 2013

ह्रदय की तकलीफ हो तो -

ह्रदय की तकलीफवाले लोगों को दोपहर को ११ के १ के बीच ह्रदयरोग भगानेवाला मंत्र जपना चाहिये | और ह्रदयरोग को भगानेवाला मंत्र है –

ॐ ॐ गुरु ॐ ... प्रभु ॐ ...

खाली थोड़ी देर ऐसे बैठा करों भगवान के सामने देखो और दीर्घ उच्चारण करों –

ॐ...... राम ...... खुश होते हुआ | रा.....म ........

ह्रदयरोग तो मिटेगा, भगवान की भक्ति भी मिल जायेगी | ॐकार जप और राम-नाम का जप व्यक्ति की भाग्य की रेखाएँ बदल देता है |

Heart problems
Those troubled by heart problems should recite the heart mantra between 11am and 1 pm in noon time that drives away all heart ailments. That mantra is --
AUM AUM GURU AUM ..... PRABHU AUM .....
Sit in front of Lord's portrait, silently stare at it and then make a long recitation -
AUM..... RAM.... with pleasant feeling inside. RAA....... MMM.......
Not only will heart problems run away, you shall also gain valuable devotion to Supreme Lord. Recitation of AUM and RAM mantras can even transform the worst fates of anyone towards the best.


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- Pujya Bapuji Badarpur 24th June' 2013

घर में सुख-शांति के लिए –

पानी में देखे हुए गुरुगीता का पाठ करें और वो पानी घर में छाते  तो घर में सुख-शांति आती है |

For peace-prosperity at home
Recite Guru-Gita while staring at water bowl and then sprinkle that water around your home for enhancing peace and prosperity at home.

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-Pujya Bapuji Badarpur 24 June' 2013

Tuesday, July 23, 2013

विनियोग

ॐ माना अंतर आत्मा अनंत ब्रह्माण्ड में व्याप्त सभी का हितेषी परमेश्वर, सबका जहाँ से मै-मै सफुरित होता है वो अंतर आत्मा प्रभु का नाम ॐ है | ये भगवान विष्णु ने नहीं बनाया, भगवान ब्रह्मा ने नही बनाया, शिवजी ने नहीं बनाया, पहले ही था श्रृष्टि ब्रह्मा जी ने बनाई उसके पहले ही था ये | एक होता है निर्माण दूसरा होता है खोज, निर्माण उसका होता है जो पहले नही है और खोज उसकी होती है जो पहले था | भगवान नारायण ने ब्रह्मा जी का निर्माण किया लेकिन ॐकार मन्त्र पहले ही था | भगवान नारायण ने ॐ कार मन्त्र की खोज की तो जो मन्त्र की शक्तियां और मन्त्र का मूल जो खोजता है उसको ऋषि बोलते है, ऋषि तू मन्त्र द्रष्टार | इसलिए ॐ कार मन्त्र के ऋषि भगवान नारायण माने जाते है जब भी मन्त्र जाप करते है तो प्रतिज्ञा करनी पड़ती है कि हम ये मन्त्र जपेंगे, ये मन्त्र की छंद ये है, उनके ऋषि ये है और मन्त्र जपने का उद्देश्य ये है, मन्त्र जपने के पहले ये संकल्प होता है |
ॐकार मंत्र
अथ: ॐ कार मन्त्र गायित्री छंद परमात्मा नारायण ऋषि अंतर्यामी देवता अंतर्यामी प्रीती अर्थे अंतर्यामी प्राप्ति अर्थे सदबुद्धि प्राप्ति अर्थे इश्वर प्राप्ति अर्थे आत्मसाक्षातकार  अर्थे जपे विनियोग | 
गायत्री मंत्र
अथ: गायत्री मन्त्र विश्वामित्र ऋषि सूर्य देवता गायत्री छंद मुक्ति प्राप्ति अर्थे सतमती प्राप्ति अर्थे आरोग्य प्राप्ति अर्थे पुत्र प्राप्ति अर्थे | जिसको जो चाहिए उसका संकल्प उसको करना होता है, ये गायत्री मन्त्र का है |

नमः शिवाय मंत्र
ॐ नमः शिवाये मन्त्र शिवजी देवता गायत्री छंद वशिष्ठ ऋषि....

भगवत परख जो मन्त्र होता है उसकी छंद गायित्री होती है  | ये ॐ कार मन्त्र की शक्तियां बहुत सारी है |

Prayer request
AUM is the inner soul which permeates this entire universe and is the universal caretaker, Lord. The place from where the notion of 'I' originates, that alone is our inner soul Lord, AUM. This was neither extolled by Lord Vishnu nor Lord Brahma or even Lord Shiva. IT existed even before Lord Brahma created this world. There is invention and then there is discovery. Invention is for things that didn't exist earlier and discovery is for things that already existed. Lord Vishnu created Lord Brahma but AUM - kar mantra already existed. Lord Vishnu discovered AUM mantra. One who discovers mantra is known as a Rishi. Rishi, You are the observer of this mantra. Thus, Lord Vishnu is known as the Rishi of AUM mantra. When reciting this mantra, one must make a resolve that you are now reciting this mantra, this is the Chanda of this mantra, this is the Rishi of this mantra and this is the purpose of reciting this mantra. This resolve should be taken before reciting any mantra.
AUM mantra
ATHA AUM KAR MANTRA, GAYATRI CHANDAH PARMATMA NARAYAN RISHIH ANTARYAMIN DEVATAH ANTARYAMIH PRITI ARTHE ANTARYAMIH PRAPTI ARTHESADBUDDHI PRAPTI ARTHE ISHWAR PRAPTI ARTHE ATMASAKSHATKAAR ARTHE JAPE VINIYOGAH |
GAYATRI mantra
ATHA GAYATRI MANTRA VISHWAMITRA RISHIH SURYA DEVATAH GAYATRI CHANDAH MUKTI PRAPTI ARTHE SATMATIH PRAPTI ARTHE AAROGYA PRAPTI ARTHE PUTRA PARPTI ARTHE.
One can add as per each one's desires to this Gayatri mantra.
AUM NAMAH SHIVAYA mantra
ATHA AUM NAMAH SHIVAYA MANTRA, PANKTIH CHANDAH VAAMDEV RISHIH SHIVA DEVATAH AUM BIJAM NAMAH SHAKTIH SHIVA KEELAKAM SHIVAYA BEEJAM ATMA PRAPTI ARTHE JAPE VINIYOGAH |
All mantras empowered with AUM syllable have numerous potent powers.

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- Pujya Bapuji Hyderabad 3rd July' 2013

पेट में कमजोरी हो तो –

जिसके पेट में कमजोरी है, आँत में कमजोरी है तो नारियल का पानी थोडा गुनगुना घी डाल के पीये अथवा तो आँवले का रस पीयो सुबह-सुबह आँते मजबूत हो जायेगी | ओं ओं डकार बंद हो जायेगी |

Weak stomach
Those who are troubled with a weak stomach, or weak intestines, they should drink coconut water with luke warm ghee or drink amla extract early in the morning to strengthen the intestinal activity. This will also help get rid of the "Oi.. Oi.." belching.

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- Pujya Bapuji Hyderabad 5th July' 2013

सौच के नियम -

कमोड पे बैठके जो जाते है लाटरीन उनका पेट साफ़ नहीं होता है | जो पैरों पे बैठने वाले बैठते है ना तो आँतो पर pressure पड़ता है तो सफाई हो जाती है |
पहले left पैर पे वजन देना चाहिये फिर right पे वजन देना चाहिये तो बड़ी आँत ...दोनों आँत साफ हो जाती  है |

Rules during bowel motion
Those who sit on western commode for daily bowel motion, they will have trouble with cleaning their stomach. Those who sit on their legs, they apply pressure on their intestines which help clear them out.
First, apply pressure on left foot and then apply pressure on right foot. In this way, both the large and small intestines get cleansed.

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- Pujya Bapuji Hyderabad 5th July' 2013




मनोरथ सिद्धि –


गुरु ….गुरु” के जप से भक्तों का मनोरथ पूरा होता है |

 भगवान शिवजी कहते है: गुरु मंत्रों मुखे यस्य, तस्य सिद्धि न अन्यथा गुरु लाभात सर्व लाभों गुरु हीनस्थ बालिश: | 


जिसके जीवन में गुरु नही है उसका कोई सच्चा हित करने वाला भी नहीं है | जिसके जीवन में गुरु है वो चाहे बहार से शबरी भीलन जैसा गरीब हो फिर भी सोने की लंका वाले रावन से शबरी आगे आ गयी, रहिदास चमार हो फिर भी गुरु मन्त्र है मीरा के तरणहार हो गए | 

गुरु शब्द बहुत  powerful है और गुरुदर्शन, गुरु blessing बहुत बहुत कल्याण करता है | तो बोले 'गु'कार सिद्धि प्रोक्तो रेफ़ पापस्य हारक | गुरु में ‘र’ जो है पापनाशक है | 'ऊ'कारो विष्णु अव्यक्त: त्रेआत्मा: गुरु परः | ये तीनो शब्द गुरु शब्द के है | गुरु शब्द का ‘’कार सिद्धि देनेवाला, ‘’कार पाप हरनेवाला ‘ऊ’कार अव्यक्त विष्णु भगवान से मिलानेवाला | गुरु वो है जो श्रेष्ठ है और तीनों से पार भी है | ये आगमसार ग्रंथ है उसका श्लोक मैंने तुमको सुनाया |

Fulfilling desires
"Guru.... Guru" This recitation helps fulfill desires of devotees.
Lord Shiva exclaims: GURU MANTRO MUKHE YASYA, TASYA SIDDHI NA ANYATHA | GURU LABHAAT SARVA LABHOO,  GURU HINASTHU BAALISHAH ||
There is none who can offer true benefit in one's life for one who does not have a Guru yet.  But one who has a Guru, lest she looks like Shabri backwards tribe from Bhelan, even then she scored over the egoistic Ravana from the golden Lanka. Even a cobbler named Rahidas or devoted Meera, all were blessed by Guru Mantra.
Guru word is very powerful and his holy sight, his blessings are supremely beneficial. 'Gu' syllable is referred as SIDDHI PROKTO REF PAAPASYA HAARAK | 'R' syllable in Guru destroys all sins. 'Uu' syllable is extolled as AVYAKTA TRETAATMAH GURU PARAH | These three syllables comprise Guru word. "G" syllable offers accomplishments, "R" drives away sins, "U" unites us with the unspoken Lord Vishnu. GURU is supreme and is above all three syllables too. This is a supreme scripture whose shloka has now been narrated to you.

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- Pujya Bapuji Hyderabad 4th July' 2013

कोमल चमड़ी बनाने, रंग निखारने

नारंगी खा लो उसका छिलटा रख दो... छाया में सुखा दो... उसको मिक्सी में पीस लो | नारंगी के पावडर का गुल बनाके, रात को मुँह पे लगाके रखे । सुबह नारियेल के पानी से मुँह धो लो सदा के लिए ब्यूटीपार्लर |

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- पूज्य बापूजी Hyderabad 5th July'2013

नारायण स्तुति –

जिसको भी भगवान के विषय में ज्ञान पाना हो तो ‘नारायण स्तुति‘ पढ़े और फिर थोडा चुप रहे | ये जीभ तालू में लगाके पढ़े ..... भगवान कैसे है ये याद करते करते ह्रदय में भगवान का रस प्रगट हो जायेगा | भगवान का ज्ञान, भगवान का आनंद भगवान प्रगट हो जाते है | जैसे क्षतिज है उसकी अच्छाई सुनते सुनते ह्रदय अच्छा हो जाता है | तो बुराई सुनते सुनते बुराई हो जाता है | तो भगवान से बढकर कोई आच्छा है क्या ?

भगवान कैसे है वेद में, भागवत में, उपनिषदों में अथवा जिनको भगवान मिले तो उन्होंने भगवान के विषय में जो बताया कि भगवान ऐसे है ये सब ग्रंथो में से निकालकर हमने एक छोटी पुस्तक बना दिया ‘नारायण स्तुति’ आश्रम से छपाया |

Narayana Stuthi

One who wants to learn about God should read "Narayana Stuthi" and then sit in silence for a while. If you read while fixing your tongue to your upper palate, then reminding yourself of Lord's attributes will awaken His bliss within. Lord's knowledge and His enrapturing joy will start presenting themselves within. Just as listening to happy moments comforts the heart, so does the opposite happen when listening to something bad. Then is there anyone better than God ?
We have published this small booklet from ashram called "Narayana Stuthi" after extracting key excerpts about God's attributes from Vedas, Bhagwat, Upanishads or from discourses of those who attained Him.


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- Pujya Bapuji Hyderabad 4th July' 2013

Monday, July 22, 2013

ENO से सावधान/Acidity se bachne –

ENO में तो मीठा सोडा होता है |  विदेशी कंपनी कितना लुट चलाती है |
ENO  से शरीर की तबियत अच्छी  नहीं रहेत | Acidity दबता है, आँतो कमजोर हो जाती है | उसे संत कृपा चूर्ण १० पैसे होता है | ५ ग्राम डाल के घोल करके पी लो एकदम Acidity गायब | १०-१५ चूर्ण डाल दो हाजमा - हाजम ठीक हो जायेगा | नींबू, पुदीने का रस, हरड का powder से Acidity down | ५ – १० – १५ पैसे में Acidity खतम | वो ENO  ६ रूपये डालो ...आँते कमजोर और विदेश में पैसा जाये ऐसा कायको करना |
 अनार में द्राक्षसव डालो Acidity और पानी पीयो और घुमो तो Acidity down होती है |
हरड चुसों तो भी Acidity down होती है | अभी तो हरड रसायन की गोलियाँ खावो १ – २ तो भी Acidity down होती है |

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- Pujya Bapuji Hyderabad 5th July'2013

Friday, July 19, 2013

शरीर शुद्धिकर फल – नींबू



शरीर शुद्धिकर फल – नींबू

नींबू अनुष्ण अर्थात न अति उष्ण है, न अति शीत | यह उत्तम जठराग्निवर्धक, पित्त व वातशामक, रक्त, ह्रदय व यकृत की शुद्धि करनेवाला, कृमिनाशक तथा पेट के लिए हितकारी है | ह्रदयरोगों को ठीक करने में यह अंगूर से भी अधिक गुणकारी सिद्ध हुआ है | इसमें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध विटामिन ‘सी’ शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढाता है |

आधुनिक खानपान, मानसिक तनाव एवं प्रदूषित वातावरण से शरीर में सामान्य मात्रा से कहीं अधिक अमल (एसिड) उत्पन्न होता है, जिसके शरीर पर होनेवाले परिणाम अत्यंत घातक हैं | यह अतिरिक्त अमल कोशिकाओं को क्षति पहुँचाकर अकाल वार्धक्य व धातुक्षयजन्य रोग (degenerative diseases) उत्पन्न करता है |

नींबू स्वाद में अम्ल है परंतु पाचन के उपरांत इसका प्रभाव मधुर हो जाता है | यह माधुर्य अम्लता को आसानी से नष्ट कर देता है | एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू व २५ तुलसी के पत्तों का रस मिला के हफ्ते में २ से ४ दिन पीने से शरीर में संचित विषाक्त द्रव्य, हानिकारक जीवाणु व अतिरिक्त चर्बी नष्ट होकर कई गम्भीर रोगों से रक्षा होती है |

डॉ. रेड्डी मेलर के अनुसार ‘कुछ दिन ही नींबू का सेवन रक्त को शुद्ध करने में अत्यधिक मदद करता है | शुद्ध रक्त शरीर को खूब स्फूर्ति व मांसपेशियों को नयी ताकत देता है |’

औषधीय प्रयोग 

१) अम्लपित्त (एसिडिटी) : नींबू-पानी में मिश्री व सेंधा नमक मिला के पीने से अम्लपित्त में राहत मिलती है | रोग पुराना हो तो गुनगुने पानी में १ नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट कुछ दिनों तक नियमित लेना चाहिए |

२) पेट की गड़बड़ियाँ : भोजन से पूर्व नींबू, अदरक व सेंधा नमक का उपयोग अरुचि, भूख की कमी, गैस, कब्ज, उलटी व पेटदर्द में लाभदायी है |

३) यूरिक एसिड की वृद्धी : राजमा, उड़द, पनीर जैसे अधिक प्रोटीनयुक्त पदार्थो का अति सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे जोड़ों में खासकर एडी में दर्द होने लगता है | सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू का रस लेने से यह यूरिक एसिड पेशाब के द्वारा निकल जाता है | इसमें नींबू की आधी मात्रा में अदरक का रस मिलाना विशेष लाभदायी है |

४) मुँह के रोग : नींबू मुँह में कीटाणुओं की वृद्धि को रोकता है | भोजन के बाद नींबू-पानी से कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंधी ठीक हो जाती है |

विटामिन ‘सी’ की कमी से होनेवाले स्कर्वी रोग में मसूड़ों से खून आने लगता है, दाँत हिलने लगते हैं | कुछ दिनों तक नींबू के सेवन से व एक नींबू के रस को एक कटोरी पानी में मिलाकर कुल्ले करने से इसमें लाभ होता है नींबू का छिलका मसूड़ों पर घिसने से मसूड़ों से मवाद आना बंद हो जाता है |

५) पेशाब की जलन : मिश्रीयुक्त नींबू-पानी उपयुक्त है |

६) हैजा : नींबू का रस हैजे के कीटाणुओं को शीघ्रता से नष्ट करता है |

उपवास के दिन गुनगुने पानी में नींबू का रस व शहद मिला के पीने से शरीर की शुद्धी होकर स्फूर्ति आती है |
रस की मात्रा : ५ से १० मि. ली. 



Lemon - A Body Cleansing Fruit


Lemon or lime is neither hot nor cool in effect. It is an excellent stimulant of digestive fire, pacifier of Pitta and Vata humours, purifier of blood, heart and liver, a vermicide and good for abdominal diseases. It has been found to be more useful than even grapes in curing heart diseases. It contains abundant quantities of Vitamin C and therefore it increases resistance to diseases.

The modern foods, stress and environmental pollution produce more than normal quantities of acid in the body which is extremely injurious to health. The excess acid damages the cells of the body and causes premature old age and degenerative diseases.

Lemon is sour in taste but its end effect is sweet. This sweetness easily destroys acidity. A glass of lukewarm water mixed with juice of a lemon and of 25 basil leaves taken 2 to 4 days in a week destroys accumulated toxins, harmful bacteria and excess fat in the body and protects against many incurable diseases.

According to Dr. Reddy Mellor, ‘consumption of lemon even for a few days immensely helps in purification of blood. Pure blood gives strength to the muscles and invigorates the body.’

Medicinal uses


1) Hyperacidity :
Taking water mixed with lemon juice, sugar candy and rock salt provides relief in acidity. In case of chronic acidity, juice of one lemon mixed with lukewarm water should be taken on an empty stomach regularly for a few days.

2) Abdominal disorders:
Taking lemon juice, ginger and rock salt before meals is useful in cases of anorexia, lack of appetite, belching, constipation, vomiting and abdominal colic.

3) Increased uric acid :
Excessive consumption of protein rich foods like rajma (red kidney beans), urad (horse beans) and cheese increases the production of uric acid in the body which causes pain in joints especially in the heels. Taking lemon juice mixed with lukewarm water early in the morning on an empty stomach excretes the uric acid out with urine. It is useful to mix ginger juice in half the quantity of lemon juice.

4) Oral diseases :
Lemon checks the growth of bacteria in the mouth. Gargles with water mixed with lemon juice fight bad breath (halitosis). A deficiency of vitamin C causes scurvy a disease characterized by bleeding gums and looseness of teeth. The disease can be cure by regular consumption of lemon and gargles with a bowl of water mixed with juice of or lemon for few days. Pus discharge from gums can be stopped by rubbing lemon peel on the gums.

5) Burning micturition :
Water mixed with lemon juice and sugar candy is useful.

6) Cholera :
Lemon juice destroys bacteria vibrio cholera, that cause cholera.

On the day of fasting, taking lukewarm water mixed with lemon juice and hone cleanses the body and invigorates it.


Quantity of juice: 5 to 10 ml. 


- Rishi Prasad –July 2013

मामरा बादाम मिश्रण

१०० ग्राम असली मामरा बादाम, १०० ग्राम गाय का घी व मिश्री, काली मिर्च आदि अन्य घटक-द्रव्यों को मिलाकर बने कुल ३५३ ग्राम के इस मिश्रण को चाँदी या संगमरमर के बर्तन में रख के ७ दिन तक अनाज में दबाकर रखा जाता है | यह मिश्रण विधिवत मंत्रोच्चारण करके बनाया जाता है |

मात्रा : १ चम्मच ( ८ से १० ग्राम) मिश्रण रोज सुबह खाली पेट चबा-चबाकर खायें तथा हलका आहार लें |

लाभ : इससे सम्पूर्ण नाड़ीतंत्र और बुद्धि पुष्ट होती है | मस्तिष्क की कमजोरी जादुई तरीके से दूर होती है | साथ ही नेत्रज्योति में चमत्कारिक बढ़ोतरी होती है | पूज्य बापूजी ने इस मिश्रण का प्रयोग करके इसके लाभों का प्रत्यक्ष अनुभव किया है |

प्राप्ति-स्थान : संत श्री आशारामजी आश्रमों और श्री योग वेदांत सेवा समितियों के सेवाकेंद्र |



The Mamra Almond Mixture

Made from different ingredients like 100 grams of Mamra Badam. (Mamra almonds), an equal amount of indigenous cow-ghee, sugar-candy, black pepper, etc. this 353 gm mixture is filled in a silver or marble container which is made reciting traditional Vedic mantras.

Doses : Consume one teaspoonful (8-10g) of this mixture with good mastication everyday in the morning on an empty stomach. Take light meals during this nutrition therapy.

Benefits: It strengthens entire nervous system and the intellect. It cures nervous debility in a miraculous way. Moreover, it improves vision miraculously. The great benefits of this wholesome mixture have been personally experienced by Pujya Bapuji.

It is available at all branches of Sant Shri Asharamji Ashram and the Service Centres of Shri Yoga Vedanta Seva Samitis.
-      Rishi Prasad – July 13  

चिंता भगाने की युक्ति

चिंता के कारण रात को नींद नहीं आती हो तो पुकारो : ‘हे हरि, हे गोविंद, हे माधव !’ १५ से २५ मिनट भगवान का नाम लो और २ – ४ मिनट हास्य-प्रयोग करों, ‘हरि ॐ.....ॐ.....ॐ..... मेरे ॐ.....प्यारे ॐ ..... हा...हा...हा...’ प्रारब्ध तो पहले बना है, पीछे बना है शरीर ! संत तुलसीदासजी कहते हैं कि चिंता क्या करते हो ? भज लो श्रीरघुवीर .... हे गोविंद ! हे रघुवीर ! हे राम ! दुःख मन में आता है, चिंता चित्त में आती है; मैं तो निर्लेप नारायण, अमर आत्मा हूँ | मैं प्रभु का हूँ, प्रभु मेरे हैं | इससे चिंता भागेगी |

दूसरा, पूरा श्वास भरकर उसे अंदर रोके बीना पूरी तरह बाहर निकाल दें | श्वास भीतर भरते समय भावना करें कि हम निश्चिंतता, आनंद, शांति भीतर भर रहे हैं तथा मुँह से फूँक मारते हुये श्वास बाहर छोड़ते समय भावना करें कि हम चिंता, तनाव, हताशा, निराशा को बाहर निकाल रहे हैं | ऐसा २० – २५ बार करने से चिंता, तनाव एवं थकान दूर होकर तृप्ति का अनुभव होता है |

काहे को चिंता करना ? जो होगा देखा जायेगा | हम ईश्वर के, ईश्वर हमारे ! ईश्वर चेतनस्वरूप हैं, ज्ञानस्वरूप हैं, आनंदस्वरूप हैं और हमारे सुह्रद हैं | चिंता कुतिया आयी तो क्या कर लेगी ? गुरु का संग जीवात्मा को दु:खों से असंग कर देता है | चिंताओं से असंग कर देता है | हरि ॐ ...ॐ....ॐ...

चिंता से चतुराई घटे, घटे रूप और ज्ञान | चिंता बड़ी अभागिनी, चिंता चिता समान ||



How to ward of anxiety

To get sleep at night due to anxiety, call the Almighty earnestly, “O Hari, O Govinda, O Madhava!” Chant the holy name of God for 15 to 25 mintues and then practice the laughter-Yoga technique for 2-4 minutes, “Hari Aum…..Aum….Aum… You are mine Aum…… You are dear to me Aum…. Ha ha ha ha ….. ‘ Tulsidas said, “Fate is decided first and then the body is bestowed. So why should a person worry? He should remember Lord Rama’s name with devotion.” Commune with the Lord, ‘O Rama…. O Govinda! O Raghuvir!’ Tell yourself, ‘Grief affects the mind, while anxiety afflicts the Chitta (subconscious or subjective mind); I am the immortal soul, a portion of Lord Narayana, completely untouched by such vagaries. I am God’s and God is mine.’ This will ward off the anxiety.

The second exercise: Have a deep and full inhalation followed by a deep and full exhalation without holding it inside. Have a Bhava (mental attitude) while inhaling that carefreeness, joy, and peace are entering into your system along with the inspired air and anxiety, stress, disappointment and despair are being thrown out along with the forcefully expelled air through mouth. Doing this 20-25 times at a time would eradicate all your anxiety, tension and fatigue and you will experience inner contentment.
Rest assured, ‘Why should I worry? I shall manage anything that happens. I am God’s and God is mine. God is Consciousness Absolute, Knowledge Absolute and Bliss Absolute; and He is my friend. Let the bitch of anxiety come. I don’t care.’ The holy company of the Guru makes the jivatma immune to all miseries and anxieties. Hari Aum…. Aum….Aum…
चिंता से चतुराई घटे, घटे रूप और ज्ञान |
चिंता बड़ी अभागिनी, चिंता चिता समान ||

‘Anxiety diminishes intelligence and wisdom. It mars beauty. Anxiety is a wretch. It is like a funeral pyre.’

- Rishi Prasad July 2013