चिंता के कारण रात को नींद नहीं आती हो तो पुकारो : ‘हे हरि, हे गोविंद, हे माधव !’ १५ से २५ मिनट भगवान का नाम लो और २ – ४ मिनट हास्य-प्रयोग करों, ‘हरि ॐ.....ॐ.....ॐ..... मेरे ॐ.....प्यारे ॐ ..... हा...हा...हा...’ प्रारब्ध तो पहले बना है, पीछे बना है शरीर ! संत तुलसीदासजी कहते हैं कि चिंता क्या करते हो ? भज लो श्रीरघुवीर .... हे गोविंद ! हे रघुवीर ! हे राम ! दुःख मन में आता है, चिंता चित्त में आती है; मैं तो निर्लेप नारायण, अमर आत्मा हूँ | मैं प्रभु का हूँ, प्रभु मेरे हैं | इससे चिंता भागेगी |
दूसरा, पूरा श्वास भरकर उसे अंदर रोके बीना पूरी तरह बाहर निकाल दें | श्वास भीतर भरते समय भावना करें कि हम निश्चिंतता, आनंद, शांति भीतर भर रहे हैं तथा मुँह से फूँक मारते हुये श्वास बाहर छोड़ते समय भावना करें कि हम चिंता, तनाव, हताशा, निराशा को बाहर निकाल रहे हैं | ऐसा २० – २५ बार करने से चिंता, तनाव एवं थकान दूर होकर तृप्ति का अनुभव होता है |
काहे को चिंता करना ? जो होगा देखा जायेगा | हम ईश्वर के, ईश्वर हमारे ! ईश्वर चेतनस्वरूप हैं, ज्ञानस्वरूप हैं, आनंदस्वरूप हैं और हमारे सुह्रद हैं | चिंता कुतिया आयी तो क्या कर लेगी ? गुरु का संग जीवात्मा को दु:खों से असंग कर देता है | चिंताओं से असंग कर देता है | हरि ॐ ...ॐ....ॐ...
चिंता से चतुराई घटे, घटे रूप और ज्ञान | चिंता बड़ी अभागिनी, चिंता चिता समान ||
दूसरा, पूरा श्वास भरकर उसे अंदर रोके बीना पूरी तरह बाहर निकाल दें | श्वास भीतर भरते समय भावना करें कि हम निश्चिंतता, आनंद, शांति भीतर भर रहे हैं तथा मुँह से फूँक मारते हुये श्वास बाहर छोड़ते समय भावना करें कि हम चिंता, तनाव, हताशा, निराशा को बाहर निकाल रहे हैं | ऐसा २० – २५ बार करने से चिंता, तनाव एवं थकान दूर होकर तृप्ति का अनुभव होता है |
काहे को चिंता करना ? जो होगा देखा जायेगा | हम ईश्वर के, ईश्वर हमारे ! ईश्वर चेतनस्वरूप हैं, ज्ञानस्वरूप हैं, आनंदस्वरूप हैं और हमारे सुह्रद हैं | चिंता कुतिया आयी तो क्या कर लेगी ? गुरु का संग जीवात्मा को दु:खों से असंग कर देता है | चिंताओं से असंग कर देता है | हरि ॐ ...ॐ....ॐ...
चिंता से चतुराई घटे, घटे रूप और ज्ञान | चिंता बड़ी अभागिनी, चिंता चिता समान ||
How
to ward of anxiety
To
get sleep at night due to anxiety, call the Almighty earnestly, “O Hari, O
Govinda, O Madhava!” Chant the holy name of God for 15 to 25 mintues and then
practice the laughter-Yoga technique for 2-4 minutes, “Hari Aum…..Aum….Aum… You
are mine Aum…… You are dear to me Aum…. Ha ha ha ha ….. ‘ Tulsidas said, “Fate is decided first and then the body is
bestowed. So why should a person worry? He should remember Lord Rama’s name
with devotion.” Commune with the Lord, ‘O Rama…. O Govinda! O Raghuvir!’
Tell yourself, ‘Grief affects the mind, while anxiety afflicts the Chitta
(subconscious or subjective mind); I am the immortal soul, a portion of Lord
Narayana, completely untouched by such vagaries. I am God’s and God is mine.’
This will ward off the anxiety.
The
second exercise: Have a deep and full inhalation followed by a deep and full
exhalation without holding it inside. Have a Bhava (mental attitude) while
inhaling that carefreeness, joy, and peace are entering into your system along
with the inspired air and anxiety, stress, disappointment and despair are being
thrown out along with the forcefully expelled air through mouth. Doing this
20-25 times at a time would eradicate all your anxiety, tension and fatigue and
you will experience inner contentment.
Rest
assured, ‘Why should I worry? I shall manage anything that happens. I am God’s
and God is mine. God is Consciousness Absolute, Knowledge Absolute and Bliss
Absolute; and He is my friend. Let the bitch of anxiety come. I don’t care.’ The
holy company of the Guru makes the jivatma
immune to all miseries and anxieties. Hari Aum…. Aum….Aum…
चिंता से चतुराई घटे, घटे रूप और ज्ञान |
चिंता बड़ी अभागिनी, चिंता चिता समान ||
‘Anxiety
diminishes intelligence and wisdom. It mars beauty. Anxiety is a wretch. It is
like a funeral pyre.’
- Rishi Prasad July 2013
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