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Tuesday, July 23, 2013

नारायण स्तुति –

जिसको भी भगवान के विषय में ज्ञान पाना हो तो ‘नारायण स्तुति‘ पढ़े और फिर थोडा चुप रहे | ये जीभ तालू में लगाके पढ़े ..... भगवान कैसे है ये याद करते करते ह्रदय में भगवान का रस प्रगट हो जायेगा | भगवान का ज्ञान, भगवान का आनंद भगवान प्रगट हो जाते है | जैसे क्षतिज है उसकी अच्छाई सुनते सुनते ह्रदय अच्छा हो जाता है | तो बुराई सुनते सुनते बुराई हो जाता है | तो भगवान से बढकर कोई आच्छा है क्या ?

भगवान कैसे है वेद में, भागवत में, उपनिषदों में अथवा जिनको भगवान मिले तो उन्होंने भगवान के विषय में जो बताया कि भगवान ऐसे है ये सब ग्रंथो में से निकालकर हमने एक छोटी पुस्तक बना दिया ‘नारायण स्तुति’ आश्रम से छपाया |

Narayana Stuthi

One who wants to learn about God should read "Narayana Stuthi" and then sit in silence for a while. If you read while fixing your tongue to your upper palate, then reminding yourself of Lord's attributes will awaken His bliss within. Lord's knowledge and His enrapturing joy will start presenting themselves within. Just as listening to happy moments comforts the heart, so does the opposite happen when listening to something bad. Then is there anyone better than God ?
We have published this small booklet from ashram called "Narayana Stuthi" after extracting key excerpts about God's attributes from Vedas, Bhagwat, Upanishads or from discourses of those who attained Him.


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- Pujya Bapuji Hyderabad 4th July' 2013

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