शरीर
शुद्धिकर फल – नींबू
नींबू अनुष्ण अर्थात न अति
उष्ण है, न अति शीत | यह उत्तम जठराग्निवर्धक, पित्त व वातशामक, रक्त, ह्रदय व
यकृत की शुद्धि करनेवाला, कृमिनाशक तथा पेट के लिए हितकारी है | ह्रदयरोगों को ठीक
करने में यह अंगूर से भी अधिक गुणकारी सिद्ध हुआ है | इसमें प्रचुर मात्रा में
उपलब्ध विटामिन ‘सी’ शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढाता है |
आधुनिक खानपान, मानसिक
तनाव एवं प्रदूषित वातावरण से शरीर में सामान्य मात्रा से कहीं अधिक अमल (एसिड)
उत्पन्न होता है, जिसके शरीर पर होनेवाले परिणाम अत्यंत घातक हैं | यह अतिरिक्त
अमल कोशिकाओं को क्षति पहुँचाकर अकाल वार्धक्य व धातुक्षयजन्य रोग (degenerative
diseases) उत्पन्न करता है |
नींबू स्वाद में अम्ल है
परंतु पाचन के उपरांत इसका प्रभाव मधुर हो जाता है | यह माधुर्य अम्लता को आसानी
से नष्ट कर देता है | एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू व २५ तुलसी के पत्तों का रस
मिला के हफ्ते में २ से ४ दिन पीने से शरीर में संचित विषाक्त द्रव्य, हानिकारक
जीवाणु व अतिरिक्त चर्बी नष्ट होकर कई गम्भीर रोगों से रक्षा होती है |
डॉ. रेड्डी मेलर के अनुसार
‘कुछ दिन ही नींबू का सेवन रक्त को शुद्ध करने में अत्यधिक मदद करता है | शुद्ध
रक्त शरीर को खूब स्फूर्ति व मांसपेशियों को नयी ताकत देता है |’
औषधीय
प्रयोग
१)
अम्लपित्त (एसिडिटी) : नींबू-पानी में मिश्री व सेंधा नमक मिला के
पीने से अम्लपित्त में राहत मिलती है | रोग पुराना हो तो गुनगुने पानी में १ नींबू
निचोड़कर सुबह खाली पेट कुछ दिनों तक नियमित लेना चाहिए |
२) पेट
की गड़बड़ियाँ : भोजन से पूर्व नींबू, अदरक व सेंधा नमक का
उपयोग अरुचि, भूख की कमी, गैस, कब्ज, उलटी व पेटदर्द में लाभदायी है |
३) यूरिक
एसिड की वृद्धी : राजमा, उड़द, पनीर जैसे अधिक प्रोटीनयुक्त
पदार्थो का अति सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे
जोड़ों में खासकर एडी में दर्द होने लगता है | सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में
नींबू का रस लेने से यह यूरिक एसिड पेशाब के द्वारा निकल जाता है | इसमें नींबू की
आधी मात्रा में अदरक का रस मिलाना विशेष लाभदायी है |
४) मुँह
के रोग : नींबू मुँह में कीटाणुओं की वृद्धि को रोकता है |
भोजन के बाद नींबू-पानी से कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंधी ठीक हो जाती है |
विटामिन ‘सी’ की कमी से
होनेवाले स्कर्वी रोग में मसूड़ों से खून आने लगता है, दाँत हिलने लगते हैं | कुछ
दिनों तक नींबू के सेवन से व एक नींबू के रस को एक कटोरी पानी में मिलाकर कुल्ले
करने से इसमें लाभ होता है नींबू का छिलका मसूड़ों पर घिसने से मसूड़ों से मवाद आना
बंद हो जाता है |
५) पेशाब
की जलन : मिश्रीयुक्त नींबू-पानी उपयुक्त है |
६) हैजा
: नींबू का रस हैजे के कीटाणुओं को शीघ्रता से नष्ट करता है |
उपवास के दिन गुनगुने पानी
में नींबू का रस व शहद मिला के पीने से शरीर की शुद्धी होकर स्फूर्ति आती है |
रस की
मात्रा : ५ से १० मि. ली.
Lemon - A Body
Cleansing Fruit
Lemon or lime is neither hot nor cool in effect. It is an excellent stimulant of digestive fire, pacifier of Pitta and Vata humours, purifier of blood, heart and liver, a vermicide and good for abdominal diseases. It has been found to be more useful than even grapes in curing heart diseases. It contains abundant quantities of Vitamin C and therefore it increases resistance to diseases.
The modern foods, stress and environmental pollution produce more than normal quantities of acid in the body which is extremely injurious to health. The excess acid damages the cells of the body and causes premature old age and degenerative diseases.
Lemon is sour in taste but its end effect is sweet. This sweetness easily destroys acidity. A glass of lukewarm water mixed with juice of a lemon and of 25 basil leaves taken 2 to 4 days in a week destroys accumulated toxins, harmful bacteria and excess fat in the body and protects against many incurable diseases.
According to Dr. Reddy Mellor, ‘consumption of lemon even for a few days immensely helps in purification of blood. Pure blood gives strength to the muscles and invigorates the body.’
Medicinal uses
1) Hyperacidity : Taking water mixed with lemon juice, sugar candy and rock salt provides relief in acidity. In case of chronic acidity, juice of one lemon mixed with lukewarm water should be taken on an empty stomach regularly for a few days.
2) Abdominal disorders: Taking lemon juice, ginger and rock salt before meals is useful in cases of anorexia, lack of appetite, belching, constipation, vomiting and abdominal colic.
3) Increased uric acid : Excessive consumption of protein rich foods like rajma (red kidney beans), urad (horse beans) and cheese increases the production of uric acid in the body which causes pain in joints especially in the heels. Taking lemon juice mixed with lukewarm water early in the morning on an empty stomach excretes the uric acid out with urine. It is useful to mix ginger juice in half the quantity of lemon juice.
4) Oral diseases : Lemon checks the growth of bacteria in the mouth. Gargles with water mixed with lemon juice fight bad breath (halitosis). A deficiency of vitamin C causes scurvy a disease characterized by bleeding gums and looseness of teeth. The disease can be cure by regular consumption of lemon and gargles with a bowl of water mixed with juice of or lemon for few days. Pus discharge from gums can be stopped by rubbing lemon peel on the gums.
5) Burning micturition : Water mixed with lemon juice and sugar candy is useful.
6) Cholera : Lemon juice destroys bacteria vibrio cholera, that cause cholera.
On the day of fasting, taking lukewarm water mixed with lemon juice and hone cleanses the body and invigorates it.
Quantity of juice: 5 to 10 ml.
- Rishi Prasad –July 2013
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