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Tuesday, February 25, 2014

गर्मियों में वरदानस्वरुप हरड रसायन योग

लाभ : यह सरल योग ग्रीष्म ऋतू (२० अप्रैल से २० जून' २०१४  तक) में स्वास्थ्य-रक्षा हेतु परम लाभदायी हैं | यह त्रिदोश्शामक व शरीर को शुद्ध करनेवाला उत्तम रसायन योग है | इसके सेवन से अजीर्ण, अम्लपित्त, संग्रहणी, उदरशूल, अफरा, कब्ज आदि पेट के विकार दूर होते है | छाती व पेट में संचित कफ नष्ट होता है, जिसमे श्वास, खाँसी व गले के विविध रोगों में भी लाभ होता है | इसके नियमित सेवन से बवासीर, आमवात, वातरक्त (Gout), क्म्र्दार्द्म जीर्णज्वर, गुर्दे के रोग, पीलिया, रक्त की कमी व यकृत के विकारों में लाभ होता है | यह ह्रदय के लिए बलदायक व श्रमहर हैं |

विधि : १०० ग्राम गुड में थोडा-सा पानी मिलाकर गाढ़ी चाशनी बना लें | इसमें १०० ग्राम बड़ी हरड का चूर्ण मिलाकर १ – १ ग्राम की गोलियाँ बना लें | प्रतिदिन १ गोली चूसकर अथवा पानी से लें | शरीर मोटा हो तो १ से ४ ग्राम दिनभर में चूसें |

‘हरड रसायन’ सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों, श्री योग वेदांत सेवा समितियों एवं साधक-परिवारों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध है |

-लोक कल्याण सेतु – फरवरी २०१४ से

A great blessing during summer season
Benefits: This simple application during summer season ( 20 April to 20 June 2014) is extremely beneficial towards maintaining good health. It alleviates all three forms of doshas in body and is a supreme tonic for purifying the body. Through its regular consumption, indigestion, acidity, intestinal disorder, stomach ache, constipation, etc. other stomach ailments  are averted. Any accumulated cough in chest or stomach is removed, this helps overcome any ailments of the breathing, due to cough and of throat. Regular consumption averts piles, gout, back ache, prolonged fever, kidney ailments, jaundice and anaemia or other ailments of liver. It also makes the heart strong and capable of regular strenuous activity.
Dosage: Mix 100 grams of jaggery in little water and make a thick sugar syrup. Add 100 grams of large grounded Harad and then make small tablets (of 1 gram) out of it. Regularly suck one tablet daily or can be also taken with water. If you have a heavy body, you can take upto 5 grams of Harad in a day.
"Harad Rasayan" is available in all Sant Shri Asaramji Ashrams, Shri Yog Vedanta Seva Samitis and with all Seva-Kendras for Sadhak families.
Lok Kalyan Setu - February 2014.
 

सरल प्रयोग

१] एक मास तक बिल्व तेल का नस्य लेने से दीर्घायुष्य और कवित्व शक्ति उपलब्ध होती है | (अग्नि पुराण)

२] ‘ गुरुडध्वज: ’ यह नाम विष का हरण करनेवाला है | (अग्नि पुराण)

३] प्रतिदिन प्रात:काल ५ ग्राम शहद, १० ग्राम घी और २ ग्राम सोंठ का सेवन करनेवाला मनुष्य दीर्घजीवी होता है |

४] २ ग्राम सोंठ चूर्ण में मिलाकर पीने से ह्रदयगत पीड़ा में आराम मिलता है |

-लोक कल्याण सेतु – फरवरी २०१४ से 

Simple Tips
1. Regular use of Bilwa oil in the nasal passage leads to long life and awakening of poetic capabilities. (Agni Purana)
2. "Garudadhwajah", This is a simple word which helps alleviating the side effects of any poison. (Agni Purana)
3. One who daily consumes 5 grams of honey, 10 grams of clarified butter and 2 grams of dry ginger ensures high longevity for oneself.
4. Drinking 2 grams of dry ginger mixed in water offers great relief from any heart ailment.
Lok Kalyan Setu - February 2014

सफ़ेद शक्कर का कला अंतरंग




रोज कि शारीरिक क्रियाओं के लिए आवश्यक ४५ से ६५ % शक्ति भोजन में से प्राकृतिक शर्करा (Carbohydrates) के द्वारा प्राप्त की जाती है | अनाज, फल, फलियाँ, कंदमूल, दूध आदि से इस्कू आपूर्ति सहजता से होती है | प्राकृतिक शर्करा शारीरिक क्रियाओं के लिए ईंधन का कार्य करती है, अत: शरीर के लिए उपकारक है | परन्तु परिष्कृत (Refined) शक्कर (चीनी) स्वयं को पचाने हेतु शारीरिक शक्ति व शरीर के आधारभूत तत्त्वों का अपव्यय करती है | शरीर के महत्त्वपूर्ण अंग - हड्डी, ह्रदय, मस्तिष्क, अग्न्याशय, यकृत आदि की कार्यप्रणाली को अस्त-व्यस्त कर देती है | शरीर पर इसका परिणाम धीरे-धीरे असर करनेवाले विष के सामान होता है |
शक्कर व अस्थिरोग 
शक्कर को पचाने के लिए आवश्यक कैल्शियम हड्डियों व दाँतों में से लिया जाता है | कैल्शियम व फॉस्फोरस का संतुलन जो सामान्यता ५:२ होता है, वह बिगड़कर हड्डियों में सच्छिद्रता(Osteoporosis) आती है | इससे हड्डियाँ दुर्बल होकर जोड़ों का दर्द, कमरदर्द, सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस, दंतविकार, साधारण चोट लगने पर फ्रैक्चर, बालों का झड़ना आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं |
शक्कर व मधुमेह 
शक्कर रक्तगत शर्करा (ईश्रीविर्सरी) को अतिशीघ्रता से बढाती हैं | इसे सात्म्य करने के लिए अग्नाशय की कोशिकाएँ इन्सुलिन छोड़ती हैं | इन्सुलिन का सतत बढ़ती हुई माँग की पूर्ति करने से ये कोशिकाएँ निढाल हो जाती है | इससे इन्सुलिन का निर्माण कम होकर मधुमेह (डायबिटीज)होता है |
शक्कर व ह्रदयरोग 
शक्कर लाभदायी कोलेस्ट्रॉल को घटाती है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) तथा ट्राइग्लिसराइड्स को बढाती है | इससे रक्तवाहिनियों की दीवारें मोटी होकर उच्च रक्तचाप तथा ह्रदयरोग (coronary artey disease and myocardial infarction) उत्पन्न होता है | लंदन के प्रो. जॉन युडकीन कहते हैं : "ह्रदयरोग के लिए चीनी भी चर्बी जितनी ही जिम्मेदार है |"
शक्कर व कैंसर 
शक्कर कैंसर की कोशिकाओं का परिपूर्ण आहार है | ये कोशिकाएँ अन्य आहारीय तत्त्वों (Fatty acids) का पर्याप्त उपयोग नहीं कर पाती | इसलिए उन्हें शक्कर की आवश्यकता होती है | जिन पदार्थों से ब्लड शुगर तीव्रता से बढ़ती हैं,  वे कैंसर कोशिकाओं की अपरिमित वृद्धि, प्रसरण व उनमें रक्तवाहिकाजनन (angiogenesis) करने में सहायता करते हैं | डॉ. थॉमस ग्रेबर ने यह सिद्ध किया हैं कि 'कैंसर कि कोशिकाओं को आहार के रूप में शक्कर न मिलने पर वे मृत हो जाती हैं |'
शक्कर के कारण रोगप्रतिकारक प्रणाली कि कार्यक्षमता घटने व अन्य आवश्यक तत्त्वों का आभाव पैदा होने से भी कैंसर फैलने में मदद मिलती हैं | इससे अन्य घटक रोगों के विषाणुओं का संक्रमण होने की सम्भावनाएँ भी बढ़ जाती हैं | नशीलें पदार्थों के समान अब परिष्कृत चीनी भी कैंसर का एक मुख्य कारण सिद्ध को चुकी हैं | वर्तमान में विश्व में तेजी से बढ़नेवाली मधुमेह, कैंसर व ह्रदय-विकार के रोगियों की संख्या देखकर सावधानी की विशेष जरूरत हैं |
बालकों में शक्कर के दुष्परिणाम 
मीठे पथरथों के अतिसेवन से बालकों में अधीरता, चंचलता व अशांति आती हैं | चीनी से उत्पन्न एसिड उनके दाँतों के संरक्षक आवरण 'इनेमल' को नष्ट करते हैं | एमोरी यूनिवर्सिटी के सर्वेक्षण के अनुसार 'जिन बालकों में ३०% से अधिक ऊर्जा का स्रोत शक्करयुक्त पदार्थ थे, उनमें ह्रदय की दुर्बलता, कोलेस्ट्रॉल की अधिकता कृमिरोग, मोटापा व इन्सुलिन -प्रतिरोध पाया गया |'
शक्कर के अन्य खतरे 
चीनी की अधिकता से शरीर में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की कमी होने लगती हैं | इससे पाचन व स्नायु संबंधी रोग उत्पन्न होते हैं | चीनी रक्त की अम्लीयता को बढाकर आधासीसी व त्वचाविकार उत्पन्न करती हैं | इससे वीर्य में पतलापन आता हैं | आहार में चीनी जितनी अधिक, उतना ही मोटापे का भय ज्यादा |
शक्कर इतनी खतरनाक कैसे ?
परिष्कृतिकरण की प्रक्रिया में शक्कर व चमकदार बनाने में सल्फर - डाइऑक्साइड, फॉस्फोरिक एसिड , कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड, एक्टिवेटेड कार्बन आदि रसायनों का उपयोग किया जाता हैं | तत्पश्यात इसे अतिउच्च तापमान पर गर्म करके अति ठंडी हवा में सुखाया जाता हैं | इस प्रक्रिया में उसके सारे पौष्टिक तत्त्व, खनिज, प्रोटीन्स, विटामिन्स आदि नष्ट हो जाते हैं | प्राकृतिक उपहार एक धीमा श्वेत विष (Slow White Poison) बन जाता हैं, जिसकी शरीर को कोई आवश्यकता नहीं होती |
अत्यधिक शक्करयुक्त पदार्थ 
सॉफ्टड्रिंक्स, फलों का बाजारू रस, चॉकलेट्स, आइसक्रीम, डेस्टर्स, जैम, प्रेस्टीज, बिस्किट्स, मिठाइयाँ आदि में शक्कर अनर्थकारी मात्रा में पायी जाती हैं | कुछ चौकानेवाले आँकड़े निचे दिए गये हैं :
पदार्थ
राशि शक्कर का परिणाम
आइसक्रीम      १२० ग्राम
२४ ग्राम (६ चम्मच)
जैम           १०० ग्राम
६० ग्राम (१५ चम्मच)
माझा          ६०० मि.ली
७८ ग्राम (२० चम्मच)
चॉकलेट        १०० ग्राम
४६ ग्राम (१२ चम्मच)
कोकाकोला      ६०० मि.ली.
६६ ग्राम (१६ चम्मच)
मिठाई         १०० ग्राम
५० ग्राम (१३ चम्मच)

फ़ूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) के सर्वेक्षण के अनुसार विश्व में प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति द्वारा २४ किलो (प्रतिदिन ६६ ग्राम ) चीनी का सेवन किया जाता हैं | ऐसी स्थिति में शरीर का पूर्ण स्वस्थ रहना असम्भव हैं | शुगर रिफाइनरीज के निर्माण के पूर्व कही भी खाद्य पदार्थों में शक्कर का उपयोग नहीं किया जाता था | प्राकृतिक शर्करा ही शक्ति का स्त्रोत थी | इसी कारण पुराने लोग दीर्घजीवी तथा जीवनभर कार्यक्षम बने रहते थे |
- ऋषिप्रसाद - फरवरी २०१४ से 

Dangerous side effects of Refined sugar

In order to conduct one's daily activities, body draws 45 to 65% of its energy from Carbohydrates obtained from natural sugar. Grains, fruits, vegetables, roots, milk, etc can easily compensate for such requirements. Natural sugar acts as an easy fuel for the daily activities, hence is beneficial to the body. But, Refined sugar exerts undue stress on the body system and its elements for it own digestion. All the important parts of the body - bones, heart, head, digestive system, liver, etc. all undergo a chaotic transition. The gradual adverse effect on the body is akin to that of a slow poison. 
Bone disease

The essential calcium needed for digesting that sugar comes from bones and teeth. The balance of calcium and phosphorus which should normally be 5:2 reduces dramatically and can lead to Osteoporesis in the bones. This leads to weakening of bones which cause joint aches, back aches, cervical spondilytis, dental problems, fracture from minor hits, hair loss, etc.

Diabetes

Sugar has the capacity to raise the blood sugar at a tremendous rate. In order to regulate this, the cells of the digestive system release insulin. A rising demand for insulin lead to eventual exhaustion of those insulin releasing cells. Due to lower production of insulin in the body, the body eventually becomes diabetic.
Heart disease

Sugar reduces the useful cholesterol in the body and raises the harmful cholesterol (LDL) and Triglycerides in the body. it makes the walls of the blood vessels thick leading to higher blood pressure and heart diseases (coronary artery disease and myocardial infarction). Professor John Yugdin from England has even exclaimed: "Sugar is equally responsible to Fats as a reason for Heart diseases."
Cancer
Sugar is a complete diet for the cancer affected cells. These cancerous cells are not capable of processing other fatty acids. Hence, they badly require sugar. Those products which cause a rapid rise in blood sugar levels, support the uncontrolled growth, expansion and transmission through blood (angiogenesis) of cancerous cells. Dr. Thomas Greber has proven that  if cancerous cells are deprived from sugar, they die off easily.
Refined sugar is responsible for reducing body's immunity power and creating a deprivation for other essential nutrients in the body. This raises the possibility of exposure to other ailments. Similar to artificial food products, refined sugar too has been conclusively proven as a root cause for cancer. In the present world, the alarming rise of diabetes, cancer and heart ailments is a clear reminder that caution from refined sugar is essential in life.
Harmful effect of sugar on children
Excessive consumption of sugary foods leads to impatience, fickleness and unrest in children. The acids released to digest the sugar damages the enamel over the teeth. Emory University research has shown that "Children in whom 30% or more energy comes from sugar foods, they show clear signs of weak heart, higher cholesterol, obesity and weakened insulin system".
Other harmful effects of sugar

Excessive consumption of sugar leads to deficiency of Vitamin B complex in the body. This raises the risk of digestion and breathing related ailments. Sugar thins the blood and also leads to other skin ailments. It also leads to thinning of the sperm fluid. Higher consumption of sugar also raises the risk of obesity.
Why is sugar so harmful ?

In the process of modernization of sugar processing industry, there are a number of harmful chemicals which get used in the process like - Sulphur-dioxide, Calcium, Hydroxides, Activated carbon, etc. Subsequently, they are heated at very high temperatures and cooled through a very cold air process. During this process, all the essential nutrients in sugar, proteins, vitamins, etc. get obliterated. The natural gift of nature now turns into a slow white poison which is completely unnecessary for the body.
Foods with high sugar content

Soft drinks, Processed Fruit juices, Chocolates, Ice-cream, Jam, Biscuits, Sweets, etc.. have sugar in dangerously harmful proportions for the body. Some of these alarming information is shown below.
 
Food
Average quantity of sugar
Ice-cream      120 Grams
  24 grams (6 spoons)
Gems         100 Grams
60 grams (15 spoons)
Maaza         600 Grams
78 grams (20 spoons)
Chocolate      100 Grams
46 grams (12 spoons)
Coca-cola      600 Grams
66 grams (16 spoons)
Sweets        100 Grams
50 grams (13 spoons)


Food and Agriculture Organisation (FAO) research has shown that in a year a person consumes on an average 24 kilograms (Daily consumption - 66 grams) of sugar. In such circumstances, it is impossible for a person's health to be in the best shape. Before the advent of sugar refineries, there never existed such widespread use of sugar in food products. Only natural sugar is the true source of energy. It is for the same reason that in earlier times, people used to be so healthy, active and had bodies invigorated with energy for a long age.

Rishi Prasad - February 2014