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Tuesday, February 25, 2014

स्वास्थ्य के लिए हानिकर : रात्रि - जागरण


‘प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंसेस’ पत्रिका में प्रकाशित एक ब्रिटिश अध्ययन के अनुसार रात्रि – जागरण हमारे शरीर के डीएनए को गम्भीर नुकसान पहुँचाता है | डीएनए हमारी कोशिकाओं के केंद्र में मौजूद वह महत्त्वपूर्ण तत्त्व जानकारी होती है | जैसे – हमारे बालों का रंग, आँखों का रंग क्या होगा या हमें कौन-सी बीमारियाँ हो सकती है ?

सर्री विश्वविद्यालय (इंग्लैंड) में शोधकर्ताओं ने २२ स्वास्थ लोगों का विशलेषण किया और उनके सोने के समय में लगातार ३ दिनों तक ४ घंटे की देरी की | शोधकर्ताओं ने यह पाया कि सभी २२ लोगों के जीन्स की लय को गहरा नुकसान पहुँचा है | ९७% से अधिक जीन्स जो पहले तालबद्ध थे, सोने का समय बदलने से अपनी लय खो चुके थे | ये जीन्स हमारे डीएनए का ६% हिस्सा होते हैं और बिमारियों के खिलाफ हमारे शरीर के रक्षाकवच का काम करते हैं | शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला कि लम्बे समय तक रात में काम करना शरीर के लिए गम्भीर स्वास्थ्य – समस्याएँ पैदा कर सकता है |

-लोक कल्याण सेतु – फरवरी २०१४ से 


Harmful effect of Waking up all night
"Proceedings of the National Academy of Science" publication has released information based upon a British research that waking up all night has dangerous impact on the body DNA. DNA store valuable elemental information at the heart of each cell. Example - Information like the color of our hair, color of eyes or which diseases we are susceptible to?
Researchers at Surrey University (England) have investigated 22 healthy persons and shifted their sleep timings by four hours everyday for 3 continuous days. Researchers have found that all 22 persons exhibited dangerous damage to their genes. 97% of the genes which were all in unison earlier, almost all of them had lost their synchrony after changing their sleep patterns. These genes form 6% of the DNA structure and are valuable towards sustaining our immunity against diseases. Researchers have found that working late at night over a long period can have very serious consequences for the body in future.
Lok Kalyan Setu - February 2014
 

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