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Saturday, September 26, 2009

Heart व वायु सम्बन्धी बीमारियों में


नींबू वायुनाशक होता है l जठराग्नि को भूख लगाने में मदद करता है l पाचन करता है l पेट में कृमि हों, विष हो उसको भी दूर करता है l पेट की खराबी को दूर करता है l ह्रदय व लीवर को मदद करता है l वात-पित-कफ त्रिदोषनाशक है l त्वचा के विकार दूर करता है l ३० पत्ते तुलसी के उसको घोट दिया l १ गिलास गुनगुना पानी व नींबू पी लें l हफ्ते में या १५ दिन में १ बार पी लें lBlockage कभी होने वाला नहीं, ब्लड सिर्कुलेशन अच्छा होगा, हार्ट मज़बूत बनेगा l हार्ट अटैक नहीं होगा व bye-Pass surgergy नहीं करानी पड़ेगी l कमर दर्द दूर होकर शरीर फुर्तीला होगा l मोटे लोग हफ्ते में २ बार पियें , ठीक-ठाक लोग हफ्ते में १ बार पियें व दुबले पतले लोग १५ दिन में १ बार पियें l बायाँ श्वास चले तब पियेंगे तो अमृत तुल्य लाभ होगा l 

Heart and Gas related problems

Lemon has the power to cure gas related problems. It also help improve appetite and aids digestion. If there are stomach worms, poison or any other related stomach ailments, lemon has the capacity to cure it. It supports the functioning of heart and liver. It is considered as a tridoshnashak i.e. alleviates all three doshas , Vaat, Pitta and Cough. It helps cure skin disorders. Take the extract from 30 Basil leaves and make a concoction with luke warm water and lemon juice. Take this daily, once a day, for a week or two. Heart blockage will never appear, blood circulation will improve, you will never have a heart attack and will also never have to do any bypass surgery. All waist related pain will disappear and body will adopt a sporting look. Obese people should take this twice a week, normal people should take this once a week and skinny people should take once every 15 days. Drinking this concoction when the breath is flowing through left nostril makes it equivalent to drinking ambrosia.

Aurangabad 18th Sep. 2009

Monday, September 14, 2009

Swine Flu


नीम के पत्ते हटाकर जो उसकी डाली होती है ना... डंठली.. वो ११ डंठली (बच्चा है तो ७ और मोटा है तो २१) और ढाई काली मिर्च लेकर पत्थर पे जैसे चटनी बनाते हैं ना, (ऊपर ऊपर का जो छिलका है वो तो निकल जायेगा, गिरी गिरी बचेगी), वो चाट लें और पानी पी लें l तुलसी के पत्ते कभी खा लें, फ्लू में आराम होगा |

Swine Flu
Take small twigs of Margosa tree (neem) and mash them along with two and half seeds of black pepper. Use 11 twigs (7 for children and 21 for obese people). The covering of the twigs will separate out on their own. Make a proper paste of it. Lick this paste and then drink some water. You can also have some Basil (Tulsi) leaves which also provide relief from flu.

Khargaon 25th Aug. 2009

Diabities(मधुमेह)


भिन्डी के पौधे सूखे होते हैं, उनको कूट दो, मैदा छान कर लो l १/२ चम्मच पाउडर और शक्कर मिलाकर, पानी से पी लो l इससे भी Diabetes कण्ट्रोल होती है l

Diabetes

The plant of lady's finger(also known as bhindi or okra) is very dry. Grind them out and sieve them in a fine powder. Take one to two spoon of this powder along sugar mixed in water. This will help control Diabetes.

Dausa 7th Sep. 2009

Thursday, September 10, 2009

श्राद्ध सम्बन्धी बातें

  • श्राद्ध कर्म करते समय जो श्राद्ध का भोजन कराया जाता है, तो ११.३६ से १२.२४ तक उत्तम काल होता है l
  • गया, पुष्कर, प्रयाग और हरिद्वार में श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है l
  • गौशाला में, देवालय में और नदी तट पर श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है l
  • सोना, चांदी, तांबा और कांसे के बर्तन में अथवा पलाश के पत्तल में भोजन करना-कराना अति उत्तम माना गया है l लोहा, मिटटी आदि के बर्तन काम में नहीं लाने चाहिए l
  • श्राद्ध के समय अक्रोध रहना, जल्दबाजी न करना और बड़े लोगों को या बहुत लोगों को श्राद्ध में सम्मिलित नहीं करना चाहिए, नहीं तो इधर-उधर ध्यान बंट जायेगा, तो जिनके प्रति श्राद्ध सद्भावना और सत उद्देश्य से जो श्राद्ध करना चाहिए, वो फिर दिखावे के उद्देश्य में सामान्य कर्म हो जाता है l
  • सफ़ेद सुगन्धित पुष्प श्राद्ध कर्म में काम में लाने चाहिए l लाल, काले फूलों का त्याग करना चाहिए l अति मादक गंध वाले फूल अथवा सुगंध हीन फूल श्राद्ध कर्म में काम में नहीं लाये जाते हैं l
  • श्राद्ध पक्ष :- 29th Sept - 15 Oct 2012
Shraaddh related

- The optimal time to offer meals during Shraaddh ritual is between 11.36 am to 12.24 pm.
- Shraaddh ritual conducted at Gaya, Pushkar, Prayag or Haridwar is considered ideal.
- Shraaddh ritual conducted in cow shed, temples or on river banks is considered ideal.
- On the day of Shraaddh, having or offering meals on gold, silver, copper or brass utensils is considered supremely ideal. Use of iron, earthen and other forms of utensils should be avoided.
- During Shraaddh, one must not remain agitated, hasten the ritual, invite large groups of people or call noted dignitaries. This draws the focus away from the ritual. Instead of offering the pious shraaddh sentiments with a noble intention, the procedure becomes commonplace due to show off.
- White, fragrant flowers should be used for the Shraaddh ritual. Red, blackish flowers should be totally abstained. Also, avoid use of mildly fragrant or bland flowers for this ritual.
- Shraaddh Period : 29 Sept 2012 - 15 Oct 2012 

Gurgaon 5th Sep. 2009

गंजापन

जिनके टाल आ गयी है वो खुशखबरी सुन लें l भैंस के दूध में त्रिफला चूर्ण मिलाकर सिर में लेप कर दीजिये l सफ़ेद बाल काले होने लगेंगे और जो गंजे हैं, उनकी टाल पर भी बाल आने लगेंगे l

Baldness

For those who have lost hair on their head, there is good news for them. Apply buffalo's milk mixed with Triphala Churna as lotion on your head. This will convert back any white hair to black and will start the growth of new hair on the head.

Gurgaon 5th Sep. 2009

Wednesday, September 9, 2009

Cholestrol problem


दूध पीते हैं तो उसमे ज़रा सा तज (दालचीनी) डाल दो, कोलेस्ट्रोल कण्ट्रोल होगा l

Cholesterol Problem

Whenever you drink milk, add a little amount of cinnamon. This will help to regulate cholesterol.
Gurgaon 5th Sep. 2009

Tuesday, September 8, 2009

कलह-कलेश में :-

जिनके शरीर में आधि आती हो, मन में व्याधियां और अशांति होती हो, वे लोग २१ दिन तक पीपल देवता को जल चढाएं l जल में थोड़ा गुड़ डाल दें, ताकि कुटुंब में मिठास आये और थोड़े चने डाले दें ........ और पीपल देवता को रोटी चढाएं और ॐ खं खं ......... का जप करें l पति-पत्नी का मन मुटाव शांति में बदल जाएगा l

Gurgaon 6th Sep. 2009

धातु सम्बन्धी बीमारियों में :-

  • चने की दाल भिगा दिया सुबह, भोर में और रात्रि को चने की डाल और थोड़ी शक्कर मिलाकर खाएं और फिर दूध न पियें, पानी न पियें, एकाध घंटे बाद सो जाएँ l धातु की दुर्बलता दूर होती है, ब्रह्मचर्य पालने में मदद मिलती है l
  • जामुन की गुठली सुखा, छाया में और फिर उसका पाऊडर बना के रख दें l ४-४ ग्राम सुबह-शाम पाऊडर फांकें l स्वप्नदोष की, धातु क्षय की बीमारियाँ दूर होती हैं l

Gurgaon 04th Sep. 2009


Tuesday, September 1, 2009

भोजन करने की विधि

भोजन के पहले हाथ-पैर और मुंह धो लेना चाहिए l फिर भोजन करने बैठे .... भगवान की सत्ता से अन्न बना है......... भगवान की सत्ता से पानी.......भगवान की सत्ता से सूरज l भगवान की कृपा से भोजन आया .........."ॐ परमात्मने नमः" ......... भगवान को हम नमन करते हैं l फिर भोजन खाएं तो भगवान का नाम लेकर....... भगवान तुम्हारा दिया हुआ भोजन, तुमको ही में भोग लगाता हूँ l मुंह तो अपना खोलो और भोग भगवान को लगाओ l ये प्रसाद हो जायेगा, बुद्धि पवित्र कर देगा l

Jammu 28th Aug 09