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Wednesday, November 11, 2009

अथर्व मंत्र विधि

कोई भी रोग हो, कोई भी परेशानी हो "ॐ अच्युताय नमः, ॐ गोविन्दाय नमः, ॐ अनंताय नमः नामभेशजात" (अच्युताय नमः - जो कभी चुय्त नहीं होते, गोविन्दाय नमः - जिनकी सत्ता से इन्द्रियाँ विचरण करती हैं, अनंताय नमः- जिसकी सत्ता से शक्ति, सामर्थ्य व कृपा का कोई अंत नहीं) इस मंत्र से अभिमंत्रित करके गंगा जल या तुलसी के पत्ते खाएं या दूसरों को दें तो रोगों व नीच विचारों में गिरने से बचता है l इसे बोलते हैं, अथर्व मंत्र विधि ........... ऐसा रोज़ सुमिरन करें l 

Atharva Mantra procedure

Whenever you are plagued by any disease or problems, recite "AUM ACHYUTAAYA NAMAH, AUM GOVINDAAYA NAMAH, AUM ANANTAAYA NAMAH   NAAMABHESHAJAAT".
(ACHYUTAAYA NAMAH: One that cannot be severed, GOVINDAAYA NAMAH: One that controls the motion of our senses, ANANTAAYA NAMAH: One whose power and potential is boundless) . After charging Ganga water or Basil leaves with this mantra, take it or offer it to someone so that he gets protected from diseases or falling for baser desires. This procedure is known as .... Atharva Mantra Vidhi. One should do this everyday, if possible.  

 
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Baroda – 1st Nov. 2009

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