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Thursday, June 5, 2014

रुचिकर व पोषक नारियल पानी


सुबह चाय के बदले नारियल पानी में नींबू का रस निचोड़कर पीने से शरीर की सारी गर्मी मूत्र एवं मॉल के साथ निकल जाती है और रक्त शुद्ध होता है | बच्चों में कृमि तथा उलटी में भी यह नीबूयुक्त पानी लाभकारी है | हृदय, यकृत एवं गुर्दे के रोगों में यह लाभप्रद है | यह दवाइयों के विषैले असर को नष्ट कर देता है |
दक्षिण भारत में स्तनपान करनेवाली माँ का दूध कम हो जाने पर गाय के दूध में नारियल पानी मिलाकर पिलाते हैं | इससे शिशु नारियल के पानी के कारण गाय के दूध को पचा लेता  हैं |
हैजे में नारियल का पानी आशीर्वादस्वरुप हैं | हैजे के विषाक्त कीटाणु आँतों में जाते हैं | नारियल का पानी उन सबको निकाल देता हैं | साथ ही शरीर में कम हुए सोडियम एवं पोटैशियम की पूर्ति कर जलीय अंश की वृद्धि करता हैं | "स्कुल ऑफ़ ट्रॉपिकल मेडिसिन" के विशेषज्ञों का मत हैं कि हैजे में पोटैशियम सॉल्ट के इंजेक्शन देने के बजाय नारियल पानी में निहित प्राकृतिक पोटैशियम देना लाभदायी हैं | 
टाइफाइड, कोलाइटिस, चेचक, पेचिश व अतिसार में नारियल का पानी अधिक हितकारी होता हैं | गर्भवती महिलाएँ यदि रोज नारियल पानी पीती हैं तो बालक सुंदर पैदा होता हैं | 
१०० ग्राम नारियल पानी में निम्नानुसार तत्त्व पाये जाते हैं :
कार्बोहाइड्रेट - ३.७१ ग्राम, प्रोटीन - ०.७२ ग्राम, लौह - ०.२९ मि.ग्राम, कैल्शियम - २४ मि. ग्राम, फॉस्फोरस - २० मि. ग्राम, सोडियम - १०५ मि. ग्राम, पोटैशियम -२५० मि. ग्राम, विटामिन 'सी' -२.४ मि. ग्राम, ऊर्जा - १९ किलो कैलोरी 
इनके अलवा मैग्नेशियम तथा क्लोरीन आदि खनिज तत्त्व भी होते हैं |
 
- Rishi Prasad May 2014

मोसंबी का रस


यह बल व रक्त वर्धक, शक्तिदायक एवं रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवाला है | बीमार लोगों के लिए मोसंबी अमृत के समान है | 
शरीर थकने व मन के ऊब जाने पर मोसंबी अथवा इसके रस का सेवन करें तो थकान,बेचैनी दूर होकर स्फूर्ति व प्रसन्नता बढ़ती है | मोसंबी का रस यकृत, आँतों तथा पाचनतंत्र को शुद्ध करके उन्हें सतेज बनाता है | 
मोसंबी चूसने से दाँतों की सफाई होती है व भोजन सरलता से पचता है | सर्दी - जुकामवालों को मोसंबी का रस हलका गर्म करके उसमें २ - ४ बूँद अदरक के रस की डालकर पीना चाहिए | 
रस की मात्रा : २५० - ५०० मि.ली.
 
 Rishi Prasad May 2014

 
 
 
 

गर्मियों में बलप्रद व स्वास्थ्यवर्धक आम


पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है | इसमें प्रोटीन,विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं |
आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लानेवाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करनेवाला हैं | यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है तथा कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करनेवाला एवं भूख बढ़ानेवाला है | इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है |
शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पाक आम लाभकारक है | कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है | रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है | यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुँचाता है | इसके सेवन से रक्त,मांस आदि सप्तधातुओं तथा वासा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है | यूनानी डॉक्टरों के मतानुसार पका आम आलस्य दूर करता है, मूत्र साफ़ लाता है, क्षयरोग (टी.बी.)मिटाता है तथा गुर्दें व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक है |
औषधि-प्रयोग
भूखवृद्धि : आम के रस में घी और सौंठ डालकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होता है | वायु रोग या पाचनतंत्र की दुर्बलता : आम के रस में अदरक मिलाकर लेना हितकारी है |
शहद के साथ पके आम के सेवन से प्लीहा, वायु और कफ के दोष तथा क्षयरोग दूर होता है | 
आम का पना : केरी (कच्चा आम ) को पानी में उबालें अथवा गोबर के कंडे की आग में दबा दें | भून जाने पर छिलका उतार दें और गूदा मथकर उसमें गुड, जीरा, धनिया, काली मिर्च तथा नमक मिलाकर दोबारा मथें | आवश्यकता अनुसार पानी मिलायें और पियें |
लू लगने पर : उपरोक्त आम का पना एक-एक कप दिन में २ - ३ बार पियें |
भुने हुए कच्चे आम के गूदेको पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है |
वजन बढ़ाने के लिए : पके और मीठे आम नियमित रूप से खाने से दुबले - पतले व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है | 
दस्त में रक्त आने पर : छाछ में आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है | 
पेट के कीड़े : सुबह चौथाई चम्मच आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते है |
प्रदर रोग : आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त-प्रदर में लाभ होता है | 
दाँतों के रोग : आम के पत्तों को खूब चबा-चबाकर थूकते रहने से कुछ ही दोनों में दाँतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है | आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया ठीक होता है | 
घमौरियाँ : आम की गुठली के चूर्ण से स्नान करने से घमौरियाँ दूर होती है | 
पुष्ट और सुडौल शरीर : यदि एक वक्त के आहार में सुबह या शाम केवल आम चूसकर जरा-सा अदरक लें तथा डेढ -दो घंटे के बाद दूध पियें तो ४० दिन में शरीर पुष्ट व सुडौल हो जाता | आम और दूध एक साथ खाना आयुर्वेद की दृष्टि से विरुद्ध आहार है | इससे आगे चलकर चमड़ी के रोग होते है | 
सावधानी : खाने के पहले आम को पानी में रखना चाहिए | इससे उसकी गर्मी निकल जाती है | भूखे पेट आम नहीं खाना चाहिए | अधिक आम खाने से गैस बनती है और पेट के विकार पैदा होते है | कच्चा, खट्टा तथा अति पका हुआ आम खाने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है | कच्चे आम के सीधे सेवन से कब्ज व मंदाग्नि हो सकती है | 
बाजार में बिकनेवाला डिब्बाबंद आम का रस स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता है | लम्बे समय तक रखा हुआ बासी रस वायुकारक, पचने में भारी एवं ह्रदय के लिए अहितकर है | 
 
Rishi Prasad May 2014