यह बल व रक्त वर्धक, शक्तिदायक एवं रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवाला है | बीमार लोगों के लिए मोसंबी अमृत के समान है |
शरीर
थकने व मन के ऊब जाने पर मोसंबी अथवा इसके रस का सेवन करें तो थकान,बेचैनी
दूर होकर स्फूर्ति व प्रसन्नता बढ़ती है | मोसंबी का रस यकृत, आँतों तथा
पाचनतंत्र को शुद्ध करके उन्हें सतेज बनाता है |
मोसंबी चूसने से दाँतों
की सफाई होती है व भोजन सरलता से पचता है | सर्दी - जुकामवालों को मोसंबी
का रस हलका गर्म करके उसमें २ - ४ बूँद अदरक के रस की डालकर पीना चाहिए |
रस की मात्रा : २५० - ५०० मि.ली.
Rishi Prasad May 2014
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