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Saturday, October 11, 2014

ज्यादा नमक हो सकता हैं जानलेवा

‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन’ में प्रकाशित शोध के अनुसार ज्यादा नमक खाने से उपजे ह्रदयरोगों से वर्ष २०१० में विश्व में १६.५ लाख लोगों की मृत्यु हुई | ज्यादा नमक खाना तम्बाकू सेवन करने जैसा है | शोध में बताया गया कि एक व्यक्ति को प्रतिदिन सिर्फ दो ग्राम नमक ही खाना चाहिए लेकिन भारतीय औसतन ७.६ ग्राम नमक खाते हैं | ज्यादा नमक खाने से हाई ब्लडप्रेशर, ह्रदयरोग के अलावा और भी कई सारी बीमारियाँ होती हैं | अत: सभी आश्रमों के रसोईघरों में, साधकों के घरों में ‘शक्कर-नमक : कितने खतरनाक !’ वाला लेख लगा देना चाहिए | (लेख हेतु देखें आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘आरोग्यनिधि’ भाग- १ पृष्ठ १३१)

- लोककल्याण सेतु – सितंबर २०१४ से

एक्यूप्रेशर के दो उपयोगी बिंदु




सुर्यबिंदु : सुर्यबिंदु छाती के पर्दे (डायाफ्राम) के नीचे आये हुए समस्त अवयवों का संचालन करता हैं | नाभि खिसक जाने पर अथवा डायाफ्राम के नीचे के किसी भी अवयव के ठीक से कार्य न करने पर सुर्यबिंदु पर दबाव डालने से लाभ होता हैं |
शक्तिबिंदु : जब बहुत थकान हो या रात्रि को नींद न आयी हो, तब इस बिंदु को दबाने से लाभ होगा |
- लोककल्याण सेतु – सितंबर  २०१४ से

ठंडे तेल से सावधान !

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल में हुए शोध से यह बात सामने आयी है कि सिर में ठंडा तेल लगाने की आदत से आँखों की रोशनी जा सकती है | सिरदर्द के ३०० मरीजों पर हुए शोध में पाया गया कि ठंडा तेल दिमाग की नसों को गलाकर लोगों को अंधा बना रहा है | ये सभी पाँच सालों से ठंडा तेल लगा रहे थे | इनमें ३० प्रतिशत लोगों को मिर्गी के दौरे आने लगे हैं | बाकी लोगों का माइग्रेन तेजी से बढ़ रहा हैं |

- लोककल्याण सेतु – सितंबर २०१४ से

सिरदर्द दूर करने हेतु उपाय

११ सफेद मिर्च व १० ग्राम मिश्री को पीसकर प्रात: लगभग ४ बजे २५ ग्राम दूध की मलाई में मिला के चाट लें और एकाध घंटा और सो जायें |

इस प्रयोग को केवल ७ दिन करने से आधासीसी के दर्द व दिन निकलने पर शुरू होनेवाले सिरदर्द में अथवा कैसा भी सिरदर्द हो, आराम मिलता है |

- लोककल्याण सेतु – सितंबर २०१४ से

स्वास्थ्य रक्षक सरल प्रयोग

-हल्दी १०० ग्राम, मेथीदाना १०० ग्राम और आँवला २०० ग्राम – तीनों को पीसकर काँच की शीशी में भरकर रखें | ५ – ५ ग्राम मिश्रण सुबह-शाम गुनगुने पानी से लेने से कंधे, घुटने, कमर एवं जोड़ों के दर्द में आराम मिलता हैं |

-अजवायन और काला नमक समभाग बारीक पीसकर रखें | पेट में गैस अथवा दर्द होने पर ३ ग्राम मिश्रण फाँक के ऊपर से गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती हैं |

-१ चम्मच अरंडी के तेल में १ चम्मच ताजा दूध मिलाकर पीने से पेट में वायु का गोला उठने से होनेवाले भयंकर दर्द से राहत मिलती हैं |

-नींबू के छिलके पर २ बूँद सरसों का तेल डालकर दाँतो व मसूड़ों पर घिसने से दाँत मजबूत व चमकीलें बने रहते हैं और मसूड़े स्वास्थ बनते हैं |

- लोककल्याण सेतु – सितंबर २०१४ से

बिस्कुट व केक से कैंसर का खतरा

स्वीडन (यूरोप) में हुए एक ताजा अध्ययन के अनुसार जो महिलाएँ हफ्तें में दो या तीन बार बिस्कुट या केक अल्पाहार के रूप में खाती है, उनमें ३३ प्रतिशत तक गर्भाशय कैंसर का खतरा होता है | इससे ज्यादा बार खाने से खतरा ४२ प्रतिशत तक बढ़ जाता है | पिछले १० वर्षों से चल रहे इस अध्ययन में ६०,००० महिलाओं के खानपान की आदतों पर नजर रखी गयी थी | अकेले ब्रिटेन में प्रति वर्ष ६४०० महिलाएँ इस बीमारी कि चपेट में आती हैं और कई तो मौत की शिकार हो जाती है | अल्पाहार में तैयार बाजारू खाद्य पदार्थ, फास्टफुड आदि खाने से मोटापा भी बढ़ता है, जो बीमारियों की जड़ माना जाता हैं |

- लोककल्याण सेतु – अगस्त २०१४ से

पेटदर्द :

१) १ चुटकी अजवायन को चने के बराबर गुड़ के साथ खाकर पानी पीने से पेटदर्द में राहत मिलती है |

२) अजवायन व काला नमक ८ – ८ भाग तथा हींग १ भाग- तीनों को पीसकर रख लें | पेट में दर्द, भारीपन या वायु होने पर १ ग्राम चूर्ण गर्म पानी से दिन में दो बार लेने से शीघ्र राहत मिलती हैं |

 - लोककल्याण सेतु – अगस्त २०१४ से

पपीता : एक उत्तम टॉनिक






पका हुआ पपीता वायु व पित्त दोषनाशक, वीर्यवर्धक, ह्रदय के लिए हितकारी, मल-मूत्र साफ़ लानेवाला तथा यकृत व तिल्ली वृद्धि, मंदाग्नि, आँतो के कृमि एवं उच्च रक्तचाप आदि रोगों में लाभकारी हैं | छोटे बच्चों और दूध पिलानेवाली माताओं के लिए पपीता टॉनिक का काम करता हैं | यह पाचनशक्ति को सुधारता है | जिन्हें कब्ज की शिकायत हमेशा रहती है, उन्हें पका पपीता नियमित खाना चाहिए |

पपीते में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में होता हैं, जिससे नेत्रज्योति बढती है और रतौंधी रोग ठीक होता है | इसमें विद्यमान विविध एंजाइमों के कारण आँतों के कैंसर से रक्षा होती है | पपीते को शहद के साथ खाने से पोटैशियम तथा विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ की कमी दूर होती है |

औषधीय प्रयोग


अजीर्ण एवं कब्ज : पके पपीते पर सेंधा नमक, जीरा और नींबू का रस डालकर कुछ दिन नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आँतों की सुजन, अपेंडिक्स में लाभ होता हैं |

दाँतो के रोग : पके पपीते में विटामिन ‘सी’ काफी मात्रा में होता है | अत: दाँतो के हिलने या खून आने में पपीता खाने से लाभ होता है |

बवासीर : सुबह खाली पेट पपीता खाने से शौच साफ होता व बवासीर में आराम मिलेगा |

बच्चों का विकास : रोज थोडा पपीता खिलाने से बच्चों का कद बढ़ता हैं, शरीर मजबूत एवं तंदुरस्त बनता है |

दुधवृद्धि : पपीता खाने से दूध पिलानेवाली माताओं का दूध बढ़ जाता है |

पेट में कीड़े :
कच्चे पपीते का रस २० ग्राम सुबह पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते है |

सावधानियाँ : १) ये सभी गुण प्राकृतिक रूप से पेड़ पर पके हुए देशी पपीतों के हैं, इंजेक्शन अथवा रसायन द्वारा पकाये गये या फुलाये गये पपीतों में ये गुण नहीं पाये जाते |

२) सगर्भावस्था में, मासिक स्त्राव अधिक आनेपर, खुनी बवासीर व गर्मी से उत्पन्न बीमारियों में तथा गर्म तासीर एवं पित्त व रक्त विकार्वाले पपीते का सेवन न करें |

३) कच्चा पपीता आँतों का संकोचन करनेवाला तथा कफ, वायु व पित्त वर्धक होता है, अत: सर्वथा निषिद्ध है |

- लोककल्याण सेतु – अगस्त २०१४ से