Cancer के रोगी को १० ग्राम तुलसी का रस तथा १० ग्राम शहद मिलाकर सुबह – दोपहर - शाम देने से अथवा १० ग्राम तुलसी का रस एवं ५० ग्राम ताजा दही (खट्टा नहीं ) देने से उसे राहत मिलती है | एक – एक घंटे के अंतर से दो – दो तुलसी के पत्ते भी मूँह में रखकर चूसते रहें |
सुबह – दोपहर – शाम दही व तुलसी का रस कैंसर मिटा देता है (सूर्यास्त के बाद दही नहीं खाना चाहिए ) | ‘वज्र रसायन’ की आधी गोली दिन में २ बार लें | नींबू के छिलके चाक़ू से निकाल के उनके छोटे – छोटे टुकड़े कर लें | अथवा नींबू को फ्रीजर में रखें और सख्त हो जाने पर उसके छिलके को कद्दूकश किये छिलकों को दाल, सब्जी, सलाद, सूप आदि खाद्य पदार्थों में मिला के नियमित सेवन करने से कैंसर रोग में लाभ होता है | १ दिन के लिए १ नींबू का छिलका पर्याप्त है |
>> एक चुटकी दालचीनी के चूर्ण को एक कप दूध में समभाग पानी मिलाकर तब तक उबालें, जब एक पानी वाष्पीभूत न हो जाय | फिर मिश्री मिलाकर पी लें, इससे ह्रदयाघात (हार्ट-अटैक) से सुरक्षा होगी और नाड़ियाँ के अवरोध (ब्लाँकेज) भी खुल जायेंगे |
>> १० मिनट विधिवत शवासन करने से या जीभ के अग्रभाग को दाँतो से थोडा दबाकर १० मिनट तक ज्ञान मुद्रा लगा के बैठने से शारीरिक-मानसिक तनाव व अनिद्रा आदि की बीमारी दूर होती है |
>> बच्चों को पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है तो प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें, ५ – ७ तुलसी के पत्ते खाकर आधा गिलास पानी पियें, जीभ तालू में लगा के पढ़ें, कमर सीधी रख के बैठे, बुद्धि व मेधाशक्तिवर्धक प्रयोग आदि करें |
>> व्यवस्थित सुखासन में (पलथी मार के ) बैठकर ही भोजन करना चाहिए | खड़े हो के भोजन करना व पानी पीना हानिकारक है | बैठकर और चुस्की लेते हुए पानी पिये |
>> धुप में नंगे सिर नही टहलना चाहिए | इससे आँख, नाक, कान व ज्ञानतंतुओं (स्मरणशक्ति) आदि की कार्यक्षमता को बहुत नुकसान होता है |
>> रात को सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ करके ही सोना चाहिए अन्यथा सिरदर्द, तनाव, चिंता पीछा नहीं छोंड़ेंगे |
>> घर में लड़ाई – झगड़े ज्यादा होते हों तो ‘हे प्रभु ! आनंददाता ...’ प्रार्थना पुरे परिवारसहित एक साथ बैठकर करें | (आश्रम के पुस्तक ‘हम भारत के लाल है’ पृष्ठ – ५७ )
>> एकादशी के दिन भूलकर भी चावल नहीं खायें, न किसीको खिलायें, अन्न भी नहीं खायें, न खिलायें | फल, दूध या छाछ, नींबू – शिंकजी पी सकते है | उपवास में उपयोग की जानेवाली सब्जियाँ ले सकते हैं |
>> सिर पर बाजारू शैम्पू – साबुन लगाने से ज्ञानतंतु कमजोर होते हैं | बालों की जड़ें भी कमजोर होती हैं व बाल झड़ते हैं | आँवले का रस लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं एवं उनका झड़ना बंद हो जाता है | मुलतानी मिटटी या सप्तधान्य उबटन से स्नान साबुन व शैम्पू से १०० गुना हितकारी है |
- लोककल्याणसेतु – जून – २०१५ से
सुबह – दोपहर – शाम दही व तुलसी का रस कैंसर मिटा देता है (सूर्यास्त के बाद दही नहीं खाना चाहिए ) | ‘वज्र रसायन’ की आधी गोली दिन में २ बार लें | नींबू के छिलके चाक़ू से निकाल के उनके छोटे – छोटे टुकड़े कर लें | अथवा नींबू को फ्रीजर में रखें और सख्त हो जाने पर उसके छिलके को कद्दूकश किये छिलकों को दाल, सब्जी, सलाद, सूप आदि खाद्य पदार्थों में मिला के नियमित सेवन करने से कैंसर रोग में लाभ होता है | १ दिन के लिए १ नींबू का छिलका पर्याप्त है |
>> एक चुटकी दालचीनी के चूर्ण को एक कप दूध में समभाग पानी मिलाकर तब तक उबालें, जब एक पानी वाष्पीभूत न हो जाय | फिर मिश्री मिलाकर पी लें, इससे ह्रदयाघात (हार्ट-अटैक) से सुरक्षा होगी और नाड़ियाँ के अवरोध (ब्लाँकेज) भी खुल जायेंगे |
>> १० मिनट विधिवत शवासन करने से या जीभ के अग्रभाग को दाँतो से थोडा दबाकर १० मिनट तक ज्ञान मुद्रा लगा के बैठने से शारीरिक-मानसिक तनाव व अनिद्रा आदि की बीमारी दूर होती है |
>> बच्चों को पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है तो प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें, ५ – ७ तुलसी के पत्ते खाकर आधा गिलास पानी पियें, जीभ तालू में लगा के पढ़ें, कमर सीधी रख के बैठे, बुद्धि व मेधाशक्तिवर्धक प्रयोग आदि करें |
>> व्यवस्थित सुखासन में (पलथी मार के ) बैठकर ही भोजन करना चाहिए | खड़े हो के भोजन करना व पानी पीना हानिकारक है | बैठकर और चुस्की लेते हुए पानी पिये |
>> धुप में नंगे सिर नही टहलना चाहिए | इससे आँख, नाक, कान व ज्ञानतंतुओं (स्मरणशक्ति) आदि की कार्यक्षमता को बहुत नुकसान होता है |
>> रात को सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ करके ही सोना चाहिए अन्यथा सिरदर्द, तनाव, चिंता पीछा नहीं छोंड़ेंगे |
>> घर में लड़ाई – झगड़े ज्यादा होते हों तो ‘हे प्रभु ! आनंददाता ...’ प्रार्थना पुरे परिवारसहित एक साथ बैठकर करें | (आश्रम के पुस्तक ‘हम भारत के लाल है’ पृष्ठ – ५७ )
>> एकादशी के दिन भूलकर भी चावल नहीं खायें, न किसीको खिलायें, अन्न भी नहीं खायें, न खिलायें | फल, दूध या छाछ, नींबू – शिंकजी पी सकते है | उपवास में उपयोग की जानेवाली सब्जियाँ ले सकते हैं |
>> सिर पर बाजारू शैम्पू – साबुन लगाने से ज्ञानतंतु कमजोर होते हैं | बालों की जड़ें भी कमजोर होती हैं व बाल झड़ते हैं | आँवले का रस लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं एवं उनका झड़ना बंद हो जाता है | मुलतानी मिटटी या सप्तधान्य उबटन से स्नान साबुन व शैम्पू से १०० गुना हितकारी है |
- लोककल्याणसेतु – जून – २०१५ से
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