दस्त के एक्यूप्रेशर
बिंदु :
मुख्य बिंदु : नाभि
के ठीक चार अंगुल नीचे स्थित बिंदु ( चित्र १ में बिंदु ‘अ’ )
छाती की बीचवाली
हड्डी के नीचेवाले छोर और नाभि के ठीक बीच में स्थित बिंदु ( चित्र १ में बिंदु ‘ब’ )
दोनों हथेलियाँ में
दूसरी और तीसरी ऊँगली के मध्य चित्र २ में दर्शाये गये भाग पर ऊँगलियों के जोड़ से
हाथ की कलाई की ओर हथेली के ठीक मध्य तक रगड़ते हुए हलका दबाव दें | इस प्रकार एक
हाथ में ५ से ७ बार करें | दबाव पेन, पेन्सिल के पीछेवाले भाग या अँगूठे से दिया
जा सकता हैं | एक्यूप्रेशर करने से पहले हथेली पर २ – ४ बूँद तेल या टेलकम पाउडर लगा
लेने से एक्यूप्रेशर अच्छी तरह से होता है |
सहायक बिंदु : हाथों
व पैरों के अँगूठे व प्रथम ऊँगली के बीचवाले मांसल भाग पर स्थित बिंदु |
उक्त चित्रों में
दर्शाये गये बिन्दुओं पर ५ से १० सेकंड तक दबाव दें, फिर छोड़ दें, फिर दबाव दें |
ऐसा २ से ३ मिनट तक दिन में ३ बार करें |
सीधे लेटकर दोनों
पैरों के नीचे टखने के पास गरम पानी की थैली या काँच की बोतल में गरम पानी भरकर
चित्र ४ में दर्शाये अनुसार १५ से २० मिनट के लिए रखें | इससे दस्त में जल्दी लाभ
होता हैं और शरीर की थकान भी दूर होती है | यह प्राकृतिक चिकित्सा का अनुभूत प्रयोग
हैं |
दस्त सामान्यत:
अत्यधिक या अनुचित अथवा दूषित आहार तथा दूषित पानी के कारण होते हैं | दस्त होने
पर पेडू पर गर्म पानी की थैली से ५ – ७ मिनट सेंक करें | भोजन में पतली खिचड़ी लें |
दही के ऊपर का पानी २ चम्मच पीना लाभदायी है | दूध, फल या फलों का रस तथा पचने में
भारी प्रदार्थ नहीं लेने चाहिए | कुटज घनवटी की ४ – ४ गोलियाँ दिन में ३ – ४ बार
लेने से दस्त बंद हो जाते हैं |
दस्त
लगने पर प्रार्थमिक उपचार विपरीतकरणी मुद्रा तुरंत चालू करें | समय पर
वैद्यकीय सलाह बहुत जरूरी हैं क्योंकि ज्यादा दस्त लगने पर बच्चों व वृद्धों की
जान को खतरा हो सकता हैं |
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद –
जुलाई २०१५ से
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