दीवाली में मिठाइयाँ नपी-तुली खाना….स्वामी विवेकानंद बोलते कि , “मिठाई के दुकान साक्षात यमदूत की दुकान है!!” विवेकानंद की बात से हम सहमत है…. कोई जरुरी नहीं शरीर को मिठाईयों की….. स्वास्थ्य के लिए रोटी, सब्जी , दाल , फल खाते ये पर्याप्त है….. बाकी फालतू है…. रसगुल्ले तो दुश्मन को भी नही खिलाये! …कलकत्ता में छेना ज्यादा चलता तो स्वास्थ्य भी क्षीण है …और इडली डोसा ...पेट ख़राब कराने का एकदम सीधा रास्ता….. किसी को slow poisoning देना है ना तो इडली डोसा खिलाये…. और किसी को मीठा जहर देना हो तो “कुरकुरे” दे दो!! ये चीजे स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसान करते ..इन से बचो…
बाजार में बेसन की मिठाई मिलती.. तो बेसन ४० रुपये किलो है और चावल का आटा १८ रुपये किलो ..तो मिठाई दोनों को मिक्स कर के बनाते तो और भी सत्यानाश है…. बाजारू मिठाई से सावधान रहे… नपी-तुली खाना …।
पटाखों से भी परहेज करना..
-19th Oct'08 Amdavad
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