शब्दों की ध्वनि का अलग-अलग अंगों पर एवं वातावरण पर असर होता है। कई शब्दों का उच्चारण कुदरती रूप से होता है। आलस्य के समय कुदरती आ... आ... होता है। रोग की पीड़ा के समय ॐ.... ॐ.... का उच्चारण कुदरती ऊँह.... ऊँह.... के रूप में होता है। यदि कुछ अक्षरों का महत्त्व समझकर उच्चारण किया जाय तो बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
'अ' उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है।
'आ' उच्चारण से जीवनशक्ति आदि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। दमा और खाँसी के रोग में आराम मिलता है, आलस्य दूर होता है।
'इ' उच्चारण से कफ, आँतों का विष और मल दूर होता है। कब्ज, पेड़ू के दर्द, सिरदर्द और हृदयरोग में भी बड़ा लाभ होता है। उदासीनता और क्रोध मिटाने में भी यह अक्षर बड़ा फायदा करता है।
'ओ' उच्चारण से ऊर्जाशक्ति का विकास होता है।
'म' उच्चारण से मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। शायद इसीलिए भारत के ऋषियों ने जन्मदात्री के लिए 'माता' शब्द पसंद किया होगा।
'ॐ' का उच्चारण करने से ऊर्जा प्राप्त होती है और मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। मस्तिष्क, पेट और सूक्ष्म इन्द्रियों पर सात्त्विक असर होता है।
'ह्रीं' उच्चारण करने से पाचन-तंत्र, गले और हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
'ह्रं' उच्चारण करने से पेट, जिगर, तिल्ली, आँतों और गर्भाशय पर अच्छा असर पड़ता है।
Health by using mantra The sound of various syllables have a strong impact on different parts of your body and the environment around us. Some syllables get spoken spontaneously like... at times of lethargy, one voices Aaaa... Aaa... When one is suffering from illness, the natural sound of AUM... AUM... modifies to Unh... Unhh.... If one can understand the significance of certain syllables properly, they can be used to cure numerous ailments.
"A" syllable influences the genital organs in a positive manner.
"Aaa" syllable boosts vital life energy. It provides relief from asthma, cough and also helps overcome laziness.
"Ei" syllable alleviates cough, impurities in bowel and clears stool. It provides great relief from constipation, stomach ache, headache and heart trouble. This syllable also mitigates sadness and anger.
"O" syllable invigorates the vital energy in us.
"Ma" syllable help develop higher mental capacity. Perhaps it is for this same reason that great saints of India preferred "Mata" as the choice of word for mother.
"AUM" syllable increases the vitality in us and develops higher mental acuity. It bears a positive, pious impact on our head, stomach and subtle organs.
"HREEM" syllable helps improve digestive power and strengthens neck and heart regions.
"HRAM" syllable renders positive influence on the stomach, liver, bowels and baby in the womb
लोक कल्याण सेतु, नवम्बर 2010