Search This Blog

Tuesday, March 18, 2014

गले व छाती के रोगों में क्या करें ?

१) गले में दर्द, खाँसी, कफ, संक्रमण (इन्फेक्शन ) आदि में आधा चम्मच पिसी हल्दी मुँह में रखकर मुँह बंद कर लें | लार के साथ हल्दी अंदर जाने से उपरोक्त सभी बीमारियों में आराम मिलता है | बच्चों की टॉन्सिल्स की समस्या में ऑपरेशन न करा के इस प्रयोग से लाभ लें | (बच्चों के लिए हल्दी की मात्रा – पाँव चम्मच)

२) छाती के गम्भीर बीमारियाँ जसी – डीएमए, पुरानी खाँसी, न्युमोनिया आदि में सुबह आधा कप ताजा गोमूत्र कपड़े से ७ बार छानकर पीना लाभदायक हैं | गोमूत्र नहीं मिले तो आश्रम की गौशाला में बना हुआ १०-१५ ग्राम गोझरण अर्क और उतना ही पानी मिलाकर लेना भी लाभदायी है | ५ – ६ महीने तक लगातार गोमूत्र पीने से क्षयरोग (टी.बी.) में भी आराम मिलता है |

३) दमे में प्रतिदिन खाली पेट १ – २ ग्राम दालचीनी का चूर्ण गुड़ या शहद मिलाकर गरम पानी के साथ लेना हितकारी है |




ऋषिप्रसाद – मार्च २०१४ से

Overcoming chest and throat ailments
1. If you have pain, cough, infection, etc. in throat, then take half spoon grounded turmeric in mouth and close your mouth. Letting the turmeric slowly seep in after mixing with the saliva will provide relief from all aforementioned ailments. Children who suffer from tonsils must never get operation done instead should benefit this technique. The quantity for children should be quarter to half spoon.
2. Serious chest ailments like DMA, old cough, pneumonia, etc can be alleviated by drinking half cup of cow's urine sieved seven times through a clean piece of cloth. If you cannot arrange for fresh cow's urine, then you can contact ashram to get 'Gojharan Ark'. Taking 10-15 grams mixed in water is equally beneficial. Regular intake of cow's urine for 5-6 months also offers great relief from tuberculosis.
3. For asthmatic patients, it is most beneficial to take 1-2 grams of cinnamon powder mixed with jaggery or honey along with luke warm water.

Rishi Prasad - March 2014

No comments: