कौनसा भी कार्य की शुरवात करने से पहिले – ‘नारायण ... नारायण ..., नारायण ..., नारायण ...’ इसी मंत्र का सभी नर - नारी में छूपी सर्वव्यापक परमात्मा के नामस्मरण या उच्चारण करनेवालों को यश अवश्य मिलता है |
- ऋषिप्रसाद (विशेषांक) –मई २०१५ से
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