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Sunday, March 6, 2016

कैसे पायें स्वास्थ्य – लाभ ?

इन दिनों में कोल्ड ड्रिंक्स, मैदा, दही, पचने में भारी व चिकनाईवाले पदार्थ, पिस्ता, बादाम, काजू, खोआ आदि दूर से ही त्याग देने चाहिए | होली के बाद खजूर नहीं खाना चाहिए |

मुलतानी मिटटी से स्नान, प्राणायाम, १५ दिन तक बिना नमक का भोजन, सुबह खाली पेट २० – २५ नीम की कोंपलें व १ – २ काली मिर्च का सेवन स्वास्थ्य की शक्ति बढायेगा | भुने हुए चने, पुराने जौ, लाई, खील (लावा) – ये चीजें कफ को शोषित करती हैं |

कफ अधिक है तो गजकरणी करें, एक-डेढ़ लीटर गुनगुने पानी में १० – १५ ग्राम नमक डाल दो | पंजों के बल बैठ के पियों कि वह पानी बाहर आना चाहे | तब दाहिने हाथ की दो बड़ी ऊँगलियाँ मुँह में डालकर उलटी करो, पिया हुआ सब पानी बाहर निकाल दो | पेट बिल्कुल हलका हो जाय तब पाँच मिनट तक आराम करो | दवाइयाँ कफ का इतना शमन नहीं करेंगी जितना यह प्रयोग करेगा | हफ्ते ,में एक बार ऐसा कर लें तो आराम से नींद आयेगी | इस ऋतू में हलका-फुलका भोजन करना चाहिए | (गजकरणी की विस्तृत जानकारी हेतु पढ़े आश्रम की पुस्तक’योगासन’)

होली के दिन सिर पर मिटटी लगाकर स्नान करना चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए : पृथ्वी देवी ! तुझे नमस्कार है | जैसे विघ्न-बाधाओं को तू धारण करते हुए भी यशस्वी है, ऐसे ही मैं विघ्न-बाधाओं के बीच भी संतुलिंत रहूँ | मेरे शरीर का स्वास्थ्य और मन की प्रसन्नता बनी रहे इस हेतु मैं आस इस होली के पर्व को, भगवान नारायण को और तुम्हे प्रणाम करता हूँ |


           स्त्रोत - ऋषिप्रसाद – मार्च – २०१६ से

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