जिन बच्चों का पढाई
की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन
में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :
१ ग्राम कपूर और
मौलसिरी का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें | नित्य किसी भी
समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें |
अथवा उसके तकिये में मौलसिरी के ३ बीज रख दें |
डर को जड़-मूल से
उखाड़ने हेतु
जिस बच्चे को
बार-बार नजर लगती हो या वह रात्रि में डरता हो तो उससे पलाश के वृक्ष का स्पर्श
कराते हुए उसकी ७ परिक्रमा करवायें तथा रात को उसके सिरहाने पलाश के ३ बीजों को
रखें तो शीघ्र ही वह समस्या दूर होती है | यदि सफेद पलाश हो तो और भी तीव्र तथा
अत्यंत ही सटीक परिणाम प्राप्त होते हैं | साथ ही पूज्य बापूजी द्वारा कराये गये ‘ॐकार’ कीर्तन का ट्रैक चलाकर कीर्तन करायें , ‘ॐकार’का जप करायें एवं ‘निर्भय
नाद’ पुस्तक प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी पढने हेतु बताये | निर्भय
नाद पुस्तक पढने से आंतरिक निर्भयता का सामर्थ्य जगता है | इससे डर जड़ – मूल से
उखडकर भाग जायेगा |
सुख – शांति व धनवृद्धि हेतु
सफेद पलाश के एक या
अधिक पुष्पों को किसी शुभ महूर्त में लाकर तिजोरी में सुरुक्षित रखने से उस घ में
सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि
होती है |
ऋषिप्रसाद
– मार्च २०२१ से
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