२१ मार्च : रविवारी सप्तमी ( सुबह ६:४५ से सुबह ७:११ तक
)
२५ मार्च : आमलकी एकादशी (व्रत करके आँवले के वृक्ष के
पास रात्रि-जागरण, उसकी १०८ या २८ परिक्रमा
करने से सब पापों का नाश व १००० गोदान का फल )
२८ मार्च : होलिका दहन ( रात्रि-जागरण, जप, मौन व ध्यान बहुत ही फलदायी)
६ अप्रैल : ब्रह्मलीन
भगवत्पाद सॉईं श्री लीलाशाहजी महाराज का प्राकट्य दिवस
७ अप्रैल : पापमोचनी
एकादशी ( व्रत से पापराशि का विनाश)
१२ अप्रैल : सोमवती
अमावस्या (सूर्योदय से सुबह ८:०१ तक) (तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता –
नाश ), चैत्री अमावस्या (ध्यान, जप बहुत लाभदायी)
१३ अप्रैल : गुडी
पाडवा ( पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ, चेटीचंड
१४ अप्रैल :
संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२:४० तक)
ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१ से
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