विद्यार्थी जीवन में बच्चों को ठांस-ठांस कर नहीं खाना चाहिये । इससे बुद्धि बैल के जैसी मंद हो जाती है और बीमारियाँ पकडती हैं । जो भोजन अच्छे से पच जाए, उससे ही पौष्टिक तत्व मिल जाते हैं ।
काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
Amdavad-5th Oct. 2010
No comments:
Post a Comment