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Wednesday, April 23, 2014

घर के कलह-क्लेश दूर करने का उपाय


जिसको घर में कलह, क्लेश मिटाना हो, रोग या शारीरिक दुर्बलता मिटानी हो, वह नीचे की चौपाई की पुनरावृत्ति किया करे :

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन - कुमार |
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ||


Tips to avert numerous issues at home
Those who are troubled with numerous issues at home, or are diseased, physically weak, they should recite the following:
BUDDHIHEEN TANU JAANIKE, SUMIRAUN PAVAN KUMAR |
BAL BUDDHI VIDYA DEHU MOHI, HARAU KLESHA VIKAAR ||


-Rishi Prasad April ' 2014

'बुफे सिस्टिम' नहीं, भारतीय भोजन पद्धति है लाभप्रद



आजकल सभी जगह शादी-पार्टियों में खड़े होकर भोजन करने का रिवाज चल पड़ा है लेकिन हमारे शाश्त्र कहते है कि हमें नीचे बैठकर ही भोजन करना चाहिए । खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ तथा पंगत में बैठकर भोजन करने से जो लाभ होते हैं वे निम्नानुसार हैं :

खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ
बैठकर (या पंगत में)भोजन करने से लाभ
१] यह आदत असुरों की है । इसलिए इसे 'राक्षसी भोजन पद्धति'कहा जाता हैं । 

१] इसे 'दैवी भोजन पद्धति' कहा जाता हैं । 

२] इसमें पेट, पैर व आँतों पर तनाव पड़ता है, जिससे गैस, कब्ज, मंदाग्नि, अपचन जैसे अनेक उदर-विकार व घुटनों का दर्द, कमरदर्द आदि उत्त्पन्न होते हैं । कब्ज अधिकतर बीमरियों का मूल है । 

२] इसमें पैर, पेट व आँतों की उचित स्थिति होने से उन पर तनाव नहीं पड़ता । 

३] इससे जठराग्नि मंद हो जाती है, जिससे अन्न का सम्यक पाचन न होकर अजीर्णजन्य कई रोग उत्पन्न होते हैं । 

३] इससे जठराग्नि प्रदीप्त होती है, अन्य का पाचन सुलभता से होता है । 

४] इससे ह्रदय पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे हृदयरोगों की सम्भावनाएँ बढ़ती हैं । 

४] ह्रदय पर भार नहीं पड़ता । 

५] पैरों में जूते -चप्पल होने से पैर गरम रहते हैं । इससे शरीर की पूरी गर्मी जठराग्नि को प्रदीप्त करने में नहीं लग पाती । 

५] आयुर्वेद के अनुसार भोजन करते समय पैर ठंडे रहने चाहिए । इससे जठराग्नि प्रदीप्त होने में मदद मिलती है । इसीलिए हमारे देश में भिजन करने से पहले हाथ-पैर धोने की परम्परा हैं । 


६] बार-बार कतार में लगने से बचने के लिए थाली में अधिक भोजन भर लिया जाता है, तो ठूँस-ठूँसकर खाया जाता है जो अनेक रोगों का कारण बन जाता है अथवा अन्न का अपमान करते हुए फेंक दिया जाता हैं । 
६] पंगत में एक परोसनेवाला होता है, जिससे व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार भोजन लेता है । उचित मात्रा में भोजन लेने से व्यक्ति स्वस्थ्य रहता है व भोजन का भी अपमान नहीं होता । 

७] जिस पात्र में भोजन रखा जाता है, वह सदैव पवित्र होना चाहिए लेकिन इस परम्परा में जूठे हाथों के लगने से अन्न के पात्र अपवित्र हो जाते हैं । इससे खिलनेवाले के पुण्य नाश होते हैं और खानेवालों का मन भी खिन्न-उद्दिग्न रहता है । 

७] भोजन परोसनेवाला अलग होते हैं, जिससे भोजनपात्रों को जूठे हाथ नहीं लगते । भोजन तो पवित्र रहता ही हैं, साथ ही खाने-खिलानेवाले दोनों का मन आनंदित रहता हैं । 

८] हो-हल्ले के वातावरण में खड़े होकर भोजन करने से बाद में थकान और उबान महसूस होती है । मन में भी वैसे ही शोर-शराबे के संस्कार भर जाते है । 

८] शांतिपूर्वक पंगत में बैठकर भोजन करने से मन में शांति बनी रहती है, थकन-उबन भी महसूस नहीं होती । 



"Indian traditional values better than buffet system"

Nowadays, in all occasions like weddings and parties, people have imbibed the culture of taking food in standing posture.But in our scriptures, it has been mentioned that we should always take food while in seated posture. The harmful effects of eating in standing position and benefits of eating in seated position are explained below.

Harmful effects of eating in upright standing posture
Benefits of eating in seated posture
1. This behavior is attributed to demons. So, it is also known as demoniac eating technique.

1. This is the godly manner of eating.

2. It puts stress on stomach, feet, intestines and can lead to many stomach ailments like gas, indigestion, constipation, poor appetite and knee joint pain, back aches, etc.. Constipation is often the root cause of many diseases.

2. Due to optimal positioning of feet, stomach and intestines, none of them are stressed.
3. It weakens the digestive system and can eventually lead to many ailments associated with a weak digestive tract.

3. It strengthens the digestive system and helps easily digest the food taken.

4. It puts undue stress on the heart and even lead to many heart ailments.

4. Heart does not get stressed in this posture.
5. As one is wearing footwear like shoes and slippers, all the heat in the body is concentrated at the feet. This prevents digestive system from receiving the entire body heat.

5. As per Ayurveda, feet should be cold during meals. This assists in energising the digestive system. Along similar lines, India has the customs of washing hands and feet before meals.


6. To avoid getting in queue repeatedly, one fills the plate excessively. This either leads to over-consumption which can be the cause of many diseases or may lead to insulting the food as it goes waste.
6. In traditional serving system, there is a server who distributes as per individual needs. Taking food in correct quantities helps maintain a healthy body and also does not end up insulting the food.

7. The plate on which food is kept must always be pure. But using impure, dirty hands to refill the plate means that the food becomes impure. One who serves such food drains away his virtues and also leads to fickleness in the person who consumes it.

7. The food server is different from those taking meals. This ensures that no impure hands are used in handling the meal. The food remains clean and pure and also the meal will eventually offer satisfaction and peace to the person having it.

8. Taking meals in a crowded and noisy environment leads to tiredness and lack lustre mood. Mind also gets filled in with the culture of such noisy ambience.

8. Taking meals in a quiet environment offers peace to the mind. It prevents any feeling of tiredness or lack lustre mood swings.


-Rishi Prasad April 2014
  

गर्मियों में क्या करें, क्या न करें ?

इस ऋतू में वात का शमन करनेवाले तथा शरीर में जलीय अंश का संतुलन रखनेवाले मधुर, तरल, सुपाच्य, हलके, ताजे, स्निग्ध, रसयुक्त, शीतगुणयुक्त पौष्टिक पदार्थों का सेवन करना चाहिए ।

आहार : पुराने साठी के चावल, दूध, मक्खन तथा गाय के गहि के सेवन से शरीर में शीतलता, स्फूर्ति और शक्ति आती है । सब्जियों में लौकी, कुम्हड़ा (पेठा), परवल, हरी ककड़ी, हरा धनिया, पुदीना और फलों में तरबूज, खरबूजा, नारियल, आम, मौसमी, सेब, अनार, अंगूर का सेवन लाभदायी है ।

नमकीन, रूखे, बासी, तेज मिर्च-मसालेदार तथा तले हुए पदार्थ, अमचूर, अचार, इमली आदि तीखे, खट्टे, कसैले एवं कड़वे रसवाले पदार्थ न खायें ।

कच्चे आम को भूनकर बनाया गया मीठा पना, नींबू-मिश्री का शरबत, हरे नारियल का पानी, फलों का ताजा रस, ठंडाई, जीरे की शिकंजी, दूध और चावल की खीर, गुलकंद तथा गुलाब, पलाश, मोगरा आदि शीतल व सुगंधित द्रव्यों का शरबत जलीय अंश के संतुलन में सहायक है ।

धुप की गर्मी व लू से बचने के लिए सर पर कपडा रखना चाहिए एवं थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए । उष्ण वातावरण से ठंडे वातावरण में आने के बाद तुरंत पानी न पियें, १०-१५ मिनट के बाद ही पियें । फ्रिज का नही, मटके या सुराही का पानी पियें ।

विहार : इस ऋतू में 'प्रातः पानी-प्रयोग' अवश्य करना चाहिए । वायु-सेवन, योगासन, हल्का व्यायाम एवं तेल मालिश लाभदायक हैं ।

रात को देर तक जागना और सुबह देर तक सोये हना त्याग दें । अधिक व्यायाम, अधिक परिश्रम, धुप में टहलना, अधिक उपवास, भूख-प्यास ष्ण तथा स्त्री-सहवास ये सभी इस ऋतू में वर्जित है ।


DO's and DONT's during summer season
 
In order to maintain the water content in the body and suppress the excess of Vaat, it is essential to intake a diet which is sweet, light, easily digestible, fresh, supple, juicy, cool and nutritious.
Diet: Old sati rice, milk, butter and clarified butter made from cow's milk impart tremendous coolness, agility and strength. Among vegetables, bottlegourd, white pumpkin, pointed gourd, green cucumber, green coriander leaves, mint leaves are best. Among fruits, watermelon, rockmelon, coconut, moango, orange, apple, pomegranate, grapes is extremely beneficial.
Taking salty, dry, stale, spicy, hot, deep fried foods, mango powder, pickles, tamarind, etc. spicy, bitter and sour foods must be  avoided.

A sweet concoction made of lightly fried mango, sweet lemon drink, green coconut water, fresh fruit juice, Thandai, Shikanji, milk and rice porridge, Gulkand and using rose petal, Palash, Mogra, etc. sweet and fragrant additives in drinks is well recommended and helps regulate the water content in the body.
To protect oneself from heat and hot winds, one must cover his head and keep drinking water in small sips at regular intervals. Never drink water after coming in from outside hot weather. Allow atleast 10-15 minutes for your body to cool down. Do not drink water from fridge but from earthen pots or pitchers.

Other activities: One must do "Pani Prayog" in summer season. Strolling in fresh air, doing yoga, light exercise and oil massage are all beneficial during this time of year.
Staying up late at night and sleeping late into the morning must be abstained at all costs. Excessive exercising, excessive workouts, roaming in high heat, excessive fasting and sleeping with women is forbidden in this weather.

-Rishi Prasad April 2014

Tuesday, April 22, 2014

लाभकारी फलों तथा सब्जियों के रस से तमाम बीमारियों का इलाज ---

शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति (इम्यून पावर) बढ़ाने के लिये—दो गाजर,एक छोटा टुकड़ा अदरक,एक सेब सबको मिलाकर मिक्सी में पीसकर रस निकाल लें इस तरह से एक ग्लास रस रोजाना नाश्ते के साथ लेते रहें

> कॉलेस्ट्रॉल घटाएं- एक सेब, एक ककड़ी के चार टुकड़े करके,सात गेहूं के जवारे (यानि गेहूं के दाने गमले में उगा लीजिये अब घांस जैसे पत्ते निकलते रहेंगें वही है जवारे)इन सब को पीसकर प्रति दिन एक ग्लास सुबह नाश्ते में सेवन करें।

> पेट की गड़बड़ी तथा सरदर्द मिटाएं- ककड़ीचार पांच टुकड़े,थोड़ी पत्तागोभी,सलाद के पत्ते सबको पीस लें रोज सुबह इसके रस का सेवन करें।
.सांस की बदबू हटाएं तथा अपना रंग निखारे-दो टमाटर, दो सेब को मिलाकर रस निकाल लें रोजाना नाश्ते में पियें। अद्वितीय लाभ होगा।

> किसी किसी के शरीर का तापमान हमेशा बढ़ा रहता है उसे नार्मल करने के लिये एक करेला,दो सेब का रस रोजाना नाश्ते में सुबह सेवन करें। इससे और भी फायदे हैं जैसे मुंह से बदबू का आना ,किसी- किसी की पेशाब से अधिक बदबू आती है सब ठीक हो जायेगा।

> त्वचा में कांति तथा नमी बनाए रखे- रूखी त्वचा है तो दो संतरे,दो तीन अदरक का टुकड़ा,एक ककडी को पीस कर रस प्रति दिन पियें। त्वचा चमकदार हो जायेगी।
पथरी नाशक—अनानास के पाँच टुकड़े, दो सेब, तरबूज के कुछ टुकड़े इनका रस प्रति दिन सेवन करें यह यूरिनरी सिस्टम की सभी परेशानियों को दूर तो करेगी ही साथ किड़नी फंक्शन को सुधारकर पथरी का नाश करने में सहायक है।

> मधुमेह रोगियों के लिये, शर्करा (शूगर ) को नियंत्रित रखे—एक नाशपाती,छोटा अदरक का टुकड़ा,एक करेला,एक सेब, ककड़ी के चार टुकड़े,चार पाँच तुलसी के पत्ते,एक संतरा या मोसमी सबको मिलाकर रस निकाल लें इसे रोज सुबह नाश्ते में सेवन करें।रक्त शर्करा पर नियंत्रण तो होगा ही मधुमेह से संबंधित अन्य परेशानियां भी दूर होंगी,साथ रोगी को शक्ति भी देगा यानि मधुमेह से होने वाली कमजोरी भी ठीक करेगा।

> रक्तचाप को नियंत्रित रखना में सहायक – चार पांच गाजर, दो सेब ,एक नाशपाती,आम के कुछ टुकड़े सबको मिलाकर रस बनाया जाये प्रति दिन इसका सेवन किया जाये तो रक्तचाप को नियंत्रित कर शरीर का विकास भी करेगा।

> सर दर्द-सुबह तरबूज का रस निकाल कर उसमें काला नमक डालकर पियें इससे सर दर्द ,उल्टी परमानेंट ठीक हो जाता है किडनी का स्टोन गलाकर बाहर निकालताहै।किडनी की कोई प्रोबलम नहीं होने पायेगी ।गर्मी के बुखार से दूर रखेगा।

> कब्ज को खत्म करने वाला रस-दो केले, कुछ टुकड़े अनानास के, इसमें दूध मिलाकर रोज सेवन करें कब्ज दूर करेगा।शरीर को अत्यंत उपयोगी विटामिन्स तथा शक्ति प्रदान करेगा ।

> संपूर्ण शक्ति दायक रस –कुछ अंगूर, तरबूज के टुकड़े और दूध सबको मिलाकर रस बनाया जाय फिर दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर पियें।शरीर की सभी आवश्यक तत्वों की पूर्ति होगी ।शारीरिक शक्ति में वृद्धि होगी।इस रस का कोई भी सेवन कर सकता है।

Benefits of Fruits and Vegetable extracts and its use for curing numerous diseases
- To enhance the immunity power of human body -  two carrots, one small piece of ginger, one apple to be squashed in a mixer and its juice taken out. It is best to take one glass of this juice for breakfast daily in the morning.

- Reduce cholesterol - One apple, one cucumber pieced into four, seven wheat grain grass (simply grow a few wheat shoots off its grains in a small pot till its leaves sprout out). Take one glass of juice made off above ingredients and take it daily for breakfast.
- Cure stomach ailments and headaches - take four five pieces of cucumber, a small quantity of leafy cabbage, spinach leaves. Extract juice out of all and take daily in morning.

- Cure halitosis and enhance skin tone - two tomatoes, two apples should be blended together and take its juice daily for morning breakfast. The benefits of this are innumerable.
- Some people have a excessive body temperature. In order to normalise this, take a piece of bitter gourd, two apples and take its juice daily in morning breakfast. It has many more benefits like curing halitosis and excessive smelling of urine.
- To enhance skin tone and maintain skin moisture - For people with dry skin, they should take juice extract of two oranges, two-three pieces of ginger and one cucumber, all blended together. Skin tone will have a glowing look to it.
- Cure kidney stone - Take five pieces of pineapple, two apples and watermelon blended together to make juice. Taking this daily will not only cure all ailments pertaining to urinary system but also enhance the functioning of kidney and help remove any stones.
- For diabetic patients to regulate sugar - One pears, small ginger, one bitter gourd, one apple, few pieces of cucumber, four-five leaves of Basil, one orange or mosambi should all be mixed together to make a juice and this should be taken daily for breakfast. Body sugar will get regulated and other issues regarding diabetes will get cured. It also imparts strength and agility to the patient helping cure the weakness that sets in due to diabetes.
- To regulate blood pressure - Take four-five carrots, two apples, one pears, some pieces of mango and make a cocktail juice and drink it daily. This concoction helps regulate blood pressure over the long run.
- Headache - In the morning, take watermelon juice with a pinch of added rock salt. This cures headaches and also helps dissolve away any stones in kidney. Kidney will never face any problems again. It also keeps summer fever at bay.
- Permanent cure for constipation - two bananas, a few pieces of pineapple and add a little milk and drink the concoction daily. Body shall receive all the essential vitamins and impart vital energy to the body.
- A wholesome energy juice - Make juice out of a few pieces of grapes, watermelon and milk all blended together with two spoons of honey. This will compensate all essential vitamin requirements of the body. Vital energy in the body will get enhanced. This juice can be consumed by anyone.

Tuesday, April 1, 2014

उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण बातें

v प्रतिदिन बच्चों को प्यार से जगायें व उन्हों बासी मुँह पानी पीने की आदत डालें |

v चाय की जगह ताजा दूध उबालें व गुनगुना होने पर बच्चों को दें | दुश से प्राप्त प्रोटीन्स व कैल्शियम शारीरिक विकास के लिए अति महत्त्वपूर्ण होते हैं |

v सुबह नाश्ते में तले हुए पदार्थों की जगह उबले चने, अंकुरित मूँग, मोठ व चने की चाट बनायें | इसमें हरा धनिया, खोपरा, टमाटर, हलका - सा नमक व जीरा डालें | ऊपर से नीबूं निचोड़कर बच्चों को दें | यह ‘विटामिन ई’ से भरपूर है, जो चेहरे की चमक बढाकर ऊर्जावान बनायेगा |

v सब्जियों का उपयोग करने से पहले उन्हें २ – ३ बार पानी से धो लें | छीलते समय पतला छिलका ही उतारें क्योंकि छिलके व गुदे के बीच की पतली परत ‘विटामिन बी’ से भरपूर होती है |

v सब्जियों को जरूरत से अधिक देर तक न पकायें, नहीं तो उनके पोषक तत्त्व नष्ट हो जायेंगे | पत्तेदार हरि सब्जियों से मिलनेवाले लौह (आयरन) तथा खनिज लवणों (मिनरल साँल्ट्स) की कमी को कैप्सूल व दवाईयों के रूप से पूर्ति करने से बेहतर है कि इनको अपने भोजन में शामिल करें |

v सप्ताह में १ – २ दिन पत्तेदार हरि सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, मूली के पत्ते, चौलाई आदि की सब्जी जरुर खायें | इस सब्जियों को छिलकेवाली दलों के साथ भी बना सकते हैं क्योंकि दालें प्रोटीन का एक बड़ा स्त्रोत हैं |

v चावल बनाते समय माँड न निकालें |

v चोकरयुक्त रोटी साधारण रोटी की तुलना में अधिक ऊर्जावान होती है | आता हमेशा बड़े छेदवाली छन्नी से ही छानें |

v दाल व सब्जी में मिठास लानी हो तो शक्कर की जगह गुड डालें क्योंकि गुड़ में ग्लुकोज, लौह-तत्त्व, कैल्सियम व केरोटिन होता है | यह खून की मात्रा बढ़ाने के साथ – साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है |

v जहाँ तक सम्भव हो सभी खट्टे फल कच्चे ही खायें व खिलायें क्योंकि आँवले को छोडकर सभी खट्टे फलों व सब्जियों का ‘विटामिन सी’ गर्म करने पर नष्ट हो जाता है |

v भोजन के साथ सलाद के रूप में ककड़ी, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, चुकंदर, पत्ता गोभी आदि खाने की आदत डालें | ये आँतों की गति को नियमित रखकर रोगों की जड़ कब्जियत से बचायेंगे |

v दिनभर में डेढ़ से दो लीटर पानी पियें |

v बच्चों को चाँकलेट, बिस्कुट की जगह गुड़, मूँगफली तथा तिल की चिक्की बनाकर दें | गुड़ की मीठी व नमकीन पूरी बनाकर भी दे सकते है |

v जहाँ तक हो सके परिवार के सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करें | कम-से-कम शाम को तो सभी एक साथ बैठकर भोजन कर ही सकते हैं | साथ में भोजन करने से पुरे परिवार में आपसी प्रेम व सौहार्द की वृद्धि तथा समय की बचत होती है |

उपरोक्त बातें भले ही सामान्य और छोटी-छोटी है लेकिन इन्हें अपनायें, ये बड़े काम की हैं |

लोककल्याण सेतु – मार्च २०१४ से

mportant tips for best health
- Coax your children to get up early everyday and drink water without cleansing their mouth in the morning.
- Offer luke warm milk to children instead of tea. Calcium and proteins obtained from milk is extremely beneficial for children's growth.
- In the morning, take boiled grains, sprouted mung, mixture made of boiled grains instead of fried stuff. You can add green coriander, coconut shreds, tomato, a a touch of salt. Add a tinge of lemon on top. This diet will be full of Vitamin E which will bring a radiant glow on your face and increases one's virility.
- Always wash the vegetables 2-3 times before using it for cooking. When using peeler, peel off skins only lightly as the layer between the core and skin is rich in vitamin E.

- Never cook vegetables excessively, else its essential nutrients get destroyed. The iron you can get from leafy vegetables and essential nutrients (mineral salts) should be better obtained from raw foods in your diet instead of taking capsules and medicines.

- Atleast once or twice a week, you should have leafy vegetables like spinach, methi, raddish leaves, chowlai, etc. You can also prepare them with thick skinned lentils as they are rich in  proteins.

- Never remove froth while preparing rice.

- Roti bread made from coarse sieved flour is much better than other. So, flour must always be sieved from coarse sieve.

- If you want to make any vegetable or lentil preparation sweeter, always use jaggery in place of sugar as jaggery contains high content of glucose, iron, calcium and carotene. These would not only augment blood level but also strengthen the bones.

- On any day, one must drink atleast one and half to two liters of water.

- Children should be fed with jaggery, peanuts or sesame blocks instead of chocolate or biscuits. You may also serve them sweet or salted puri breads made of jaggery.

- Wherever feasible, one must enusre that everyone in the family eats at the same time. Atleast everyone must come together in evening to have dinner together. Doing so increases  love and understanding among family members. It also saves time.

Above tips may look very trivial. But they are easy to implement and offer great benefits.

Lok Kalyan Setu - March 2014