इस आसन में शरीर का आकर नौका अर्थात नाव के समान हो जाता हैं, इसलिए इसका नाम ‘नौकासन’ रखा गया है |
लाभ - इस आसन के अभ्यास से –
१] पेट का मोटापा कम हो जाता है |
२] पाचनशक्ति में वृद्धि होती है |
३] कब्ज की शिकायत दूर होती है |
४] फेफड़ों से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है |
५] गला, पेट, पाँव, कंधे आदि की मांसपेशियों में भलीभाँति रक्तसंचार होने लगता हैं |
६] शरीर फुर्तीला व हल्का हो जाता है |
७] आंतरिक और सूक्ष्म बल बढ़ाने में सहायता मिलती है |
विधि : जमीन पर पेट के बल लेट जायें और चित्रानुसार दोनों हाथों को डंडे की भाँती आगे की ओर फैलाकर केवल पेट से ऊपर के और नीचे के भाग को बलपूर्वक दोनों तरफ खींचते हुए इतना उठायें कि शरीर नौका की तरह हो जाय |
लाभ - इस आसन के अभ्यास से –
१] पेट का मोटापा कम हो जाता है |
२] पाचनशक्ति में वृद्धि होती है |
३] कब्ज की शिकायत दूर होती है |
४] फेफड़ों से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है |
५] गला, पेट, पाँव, कंधे आदि की मांसपेशियों में भलीभाँति रक्तसंचार होने लगता हैं |
६] शरीर फुर्तीला व हल्का हो जाता है |
७] आंतरिक और सूक्ष्म बल बढ़ाने में सहायता मिलती है |
विधि : जमीन पर पेट के बल लेट जायें और चित्रानुसार दोनों हाथों को डंडे की भाँती आगे की ओर फैलाकर केवल पेट से ऊपर के और नीचे के भाग को बलपूर्वक दोनों तरफ खींचते हुए इतना उठायें कि शरीर नौका की तरह हो जाय |
-ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०१४ से
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