केला एक ऐसा विलक्षण फल है जो शारीरिक व बौद्धिक विकास के साथ उत्साहवर्धक भी है | पूजन-अर्चन आदि कार्यो में भी केले का महत्त्वपूर्ण स्थान है | केले में शर्करा, कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, फोस्फोरस, प्रोटीन्स, विटामिन ए, बी, सी, डी एवं लौह, ताँबा, आयोडीन आदि तत्त्वों के साथ ऊर्जा का भरपूर खजाना है |
लाभ – १] पका केला स्वादिष्ट, भूख बढ़ानेवाला, शीतल, पुष्टिकारक, मांस एवं वीर्यवर्धक, भूख-प्यास को मिटानेवाला तथा नेत्ररोग एवं प्रमेह में हितकर है |
२] केला हड्डियों और दाँतों को मजबूती प्रदान करता है | छोटे बच्चों के शाररिक व बौद्धिक विकास के लिए केला अत्यंत गुणकारी है |
३] एक पका केला रोजाना खिलाने से बच्चों का सुखा रोग मिटता है |
४] यह शरीर व धातु की दुर्बलता दूर करता है, शरीर को स्फूर्तिवान तथा त्वचा को कांतिमय बनाता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है |
५] केला अन्न को पचाने में सहायक है | भोजन के साथ १-२ पके केले प्रतिदिन खाने से भूख बढती है |
६] खून की कमी को दूर करने तथा वजन बढ़ाने के लिए केला विशेष लाभाकरी है |
आसान घरेलू प्रयोग
स्वप्नदोष : २ अच्छे पके केलों का गुदा खूब घोंटकर उसमें १०-१० ग्राम शुद्ध शहद व आँवले का रस मिला के सुबह-शाम कुछ दिनों तक नियमित लेने से लाभ होता है |
प्रदर रोग – (महिलाओं की सफेद पानी पड़ने की बीमारी) : सुबह-शाम एक-एक खूब पका केला १० ग्राम गाय के घी के साथ खाने से करीब एक सप्ताह में ही लाभ होता है |
शीघ्रपतन : एक केले के साथ १० ग्राम शुद्ध शहद लगातार कम-से-कम १५ दिन तक सेवन करें | शीघ्रपतन के रोगियों के लिए यह रामबाण प्रयोग माना जाता है |
आमाशय व्रण (अल्सर) : पके केले खाने और भोजन में दूध व भात लेने से अल्सर में लाभ होता है |
उपरोक्त सभी प्रयोगों में अच्छे-से पके चित्तीदार केले धीरे-धीरे, खूब चबाते हुए खाने चाहिए | इससे केले आसानी से पच जाते है, अन्यथा पचने में भारी भी पड सकते हैं | अधिक केले खाने से अजीर्ण हो सकता है | केले के साथ इलायची खाने से वह शीघ्र पच जाता है | अदरक भी केला पचाने में सहायता करता है |
सावधानियाँ – केला भोजन के समय या बाद में खाना उचित है | मंदाग्नि, गुर्दों से संबधित बीमारियों, कफजन्य व्याधियों से पीड़ित व मोटे व्यक्तियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए | केले को छिलका हटाने के बाद तुरुंत खा लेना चाहिए | केले, अन्य फल व सब्जियों को फ्रिज में रखने से उनके पौष्टिक तत्त्व नष्ट होते हैं |
लाभ – १] पका केला स्वादिष्ट, भूख बढ़ानेवाला, शीतल, पुष्टिकारक, मांस एवं वीर्यवर्धक, भूख-प्यास को मिटानेवाला तथा नेत्ररोग एवं प्रमेह में हितकर है |
२] केला हड्डियों और दाँतों को मजबूती प्रदान करता है | छोटे बच्चों के शाररिक व बौद्धिक विकास के लिए केला अत्यंत गुणकारी है |
३] एक पका केला रोजाना खिलाने से बच्चों का सुखा रोग मिटता है |
४] यह शरीर व धातु की दुर्बलता दूर करता है, शरीर को स्फूर्तिवान तथा त्वचा को कांतिमय बनाता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है |
५] केला अन्न को पचाने में सहायक है | भोजन के साथ १-२ पके केले प्रतिदिन खाने से भूख बढती है |
६] खून की कमी को दूर करने तथा वजन बढ़ाने के लिए केला विशेष लाभाकरी है |
आसान घरेलू प्रयोग
स्वप्नदोष : २ अच्छे पके केलों का गुदा खूब घोंटकर उसमें १०-१० ग्राम शुद्ध शहद व आँवले का रस मिला के सुबह-शाम कुछ दिनों तक नियमित लेने से लाभ होता है |
प्रदर रोग – (महिलाओं की सफेद पानी पड़ने की बीमारी) : सुबह-शाम एक-एक खूब पका केला १० ग्राम गाय के घी के साथ खाने से करीब एक सप्ताह में ही लाभ होता है |
शीघ्रपतन : एक केले के साथ १० ग्राम शुद्ध शहद लगातार कम-से-कम १५ दिन तक सेवन करें | शीघ्रपतन के रोगियों के लिए यह रामबाण प्रयोग माना जाता है |
आमाशय व्रण (अल्सर) : पके केले खाने और भोजन में दूध व भात लेने से अल्सर में लाभ होता है |
उपरोक्त सभी प्रयोगों में अच्छे-से पके चित्तीदार केले धीरे-धीरे, खूब चबाते हुए खाने चाहिए | इससे केले आसानी से पच जाते है, अन्यथा पचने में भारी भी पड सकते हैं | अधिक केले खाने से अजीर्ण हो सकता है | केले के साथ इलायची खाने से वह शीघ्र पच जाता है | अदरक भी केला पचाने में सहायता करता है |
सावधानियाँ – केला भोजन के समय या बाद में खाना उचित है | मंदाग्नि, गुर्दों से संबधित बीमारियों, कफजन्य व्याधियों से पीड़ित व मोटे व्यक्तियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए | केले को छिलका हटाने के बाद तुरुंत खा लेना चाहिए | केले, अन्य फल व सब्जियों को फ्रिज में रखने से उनके पौष्टिक तत्त्व नष्ट होते हैं |
- ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०१४ से
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