लाभ : १) कमर पतली
और सीना चौड़ा होता है |
२) कंधों और भुजाओं
में बल बढ़ता है तथा कलाइयाँ मजबूत हो जाती है |
३) ह्दय को बल मिलता
है |
४) इसके अभ्यासी को
अत्यधिक परिश्रम करने पर भी थकान प्रतीत नहीं होती | उसकी पाचन – क्रिया भी ठीक
होने लगती है |
५) इससे अधिक मात्रा
में गंदी वायु बाहर निकल जाती है और शरीर के भीतर शुद्ध प्राणवायु भलीभाँति
प्रविष्ट होने लगती हैं, जिससे सम्पूर्ण शरीर को अदभुत लाभ होता है |
विधि : आसन बिछाकर
पद्मासन में बैठ जायें | दोनों हाथों की हथेलियाँ को जमीन पर रखकर समस्त शरीर को
ऊपर उठा लें और झूले के समान आगे – पिच्छे
झूलें |
वैसे यह आसन सभी के
लिए उपयोगी हैं परन्तु १६ वर्ष से कम आयुवालों के लिए अत्यधिक उपयोगी है |
स्त्रोत
– ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०१५ से
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