- अगर व्यक्ति को ऊपरी हवा या टोने-टोटके की शंका हो, तो दूर्वा ( जो गणपति की पूजा में लेते हैं ) को व्यक्ति तकिये के नीचे रख दे । सुबह उसे नदी या नहेर में बहा दें । दूसरी और तीसरी रात को भी रखे और नदी या नहेर में बहा दें । फिर ६ दिन रखें और उसे बहायें नहीं , डिब्बे में इकट्ठे करें । सातवें दिन कोयले जला दिए , उसमे ये दूर्वा के टुकड़े-टुकड़े करके जला दें और वो भी पानी में बहा दे।
- गिलोय (जिसे गुजराती में गणों कहते हें ) की समिधा (अपनी बड़ी उंगली से थोड़ी बड़ी ) २१, ५१ या १०८ टुकड़े ले लें , कटोरी में रखें। उसमे दोनों छोर घी में डुबा दें और महामृत्युंजय मंत्र बोल के उसकी आहुति दें और संकल्प करें l
-श्रीसुरेशानंदजी Delhi रोहिणी 12 Sep, 2011
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