भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया ..ये जया एकादशी ( 21st Feb' 2013 ) (प्रेत मोचिनी
एकादशी) का उपवास रखने वाले को भोग भी मिलता है - संसार का सुख सम्पदा भी मिलता है | ब्रम्ह की हत्या, ब्रम्हज्ञानी की हत्या बड़े में बड़ा पाप है | वो ब्रम्ह हत्या के पाप को नाश करनेवाली एकादशी है जया एकादशी | और कभी वो व्यक्ति पिशाच योनी को प्राप्त नहीं होगा |प्रेत योनी में कोई पड़ा हो उसकी सद्गति होती है और जया एकादशी का जो व्रत रखेगा उसे प्रेत योनी में कभी नहीं जाना पड़ेगा | किसी कारण ये व्रत नहीं भी कर सकते तो चावल तो एकादशी को नहीं खाना... बीमारी भी देंगे और पाप भी देंगे | चावल एकादशी के दिन दुश्मन को भी नहीं खिलाना |
एकादशी) का उपवास रखने वाले को भोग भी मिलता है - संसार का सुख सम्पदा भी मिलता है | ब्रम्ह की हत्या, ब्रम्हज्ञानी की हत्या बड़े में बड़ा पाप है | वो ब्रम्ह हत्या के पाप को नाश करनेवाली एकादशी है जया एकादशी | और कभी वो व्यक्ति पिशाच योनी को प्राप्त नहीं होगा |प्रेत योनी में कोई पड़ा हो उसकी सद्गति होती है और जया एकादशी का जो व्रत रखेगा उसे प्रेत योनी में कभी नहीं जाना पड़ेगा | किसी कारण ये व्रत नहीं भी कर सकते तो चावल तो एकादशी को नहीं खाना... बीमारी भी देंगे और पाप भी देंगे | चावल एकादशी के दिन दुश्मन को भी नहीं खिलाना |
Jaya Ekadashi - Ekadashi for redemption of spirits
Lord Shri Krishna said to Yudhistir.... one who observes fast on Jaya Ekadashi (3rd Feb 2012, Pret Mochini Ekadashi) is granted all enjoyments. He receives all wealth-prosperity and those trapped in spirit world get delivered. And one who observes fast on Jaya Ekadashi never gets stuck in the spirit world. If for some reason you are not able to maintain the vow, at least do not eat rice on the day of Ekadashi... it brings diseases and increases sins. One must not offer rice to even enemies on Ekadashi day.
Lord Shri Krishna said to Yudhistir.... one who observes fast on Jaya Ekadashi (3rd Feb 2012, Pret Mochini Ekadashi) is granted all enjoyments. He receives all wealth-prosperity and those trapped in spirit world get delivered. And one who observes fast on Jaya Ekadashi never gets stuck in the spirit world. If for some reason you are not able to maintain the vow, at least do not eat rice on the day of Ekadashi... it brings diseases and increases sins. One must not offer rice to even enemies on Ekadashi day.
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- पूज्य बापूजी मुंबई 3rd Feb' 2012
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