१० फरवरी २०१३ को मौनी अमावस्या है उस दिन प्रयाग में स्नान की तिथि है | आप सब प्रयाग तो नहीं जाओगे पर अपने घर पे ही उस दिन स्नान करते समय –
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा | ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा |
ये मंत्र बोलकर उबटन जो बापूजी ने बताया था वो उबटन को शरीर पर लगाकर स्नान करे तो गंगा स्नान का पुण्य मिलता है | अमावस्या के दिन तो जरुर करें | उस दिन गीता का सातवाँ अध्याय का पाठ करें और भगवान ने धन दिया है तो उस दिन घर में आटे की, बेसन की २ – ४ किलो मिठाई बना लेऔर गरीब बच्चे-बच्चियाँ में बाँट आये, अपने पितरो के नाम दादा, दादी, नानी उनके नाम से बाँट कर आ जाये |
Mauni Amavasya
10 February 2013 is the eve of Mauni Amavasya. It is the special occasion for bathing at Prayag. It may not be possible for everyone to go there but while bathing at home , recite the following -
AUM HREEM GANGAYE AUM HREEM SWAHA | AUM HREEM GANGAYE AUM HREEM SWAHA |
After reciting this mantra, take bath applying Ubtaan on your body as mentioned by Bapuji, then you shall also receive the virtues of bathing in river Ganga. You must do this on this Amavasya. You should also recite the seventh chapter of Bhagvad Gita and if you are wealthy then prepare 2-4 kilos of sweets made of wheat flour or besan and distribute it to poor kids in the name of your ancestors.
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ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा | ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा |
ये मंत्र बोलकर उबटन जो बापूजी ने बताया था वो उबटन को शरीर पर लगाकर स्नान करे तो गंगा स्नान का पुण्य मिलता है | अमावस्या के दिन तो जरुर करें | उस दिन गीता का सातवाँ अध्याय का पाठ करें और भगवान ने धन दिया है तो उस दिन घर में आटे की, बेसन की २ – ४ किलो मिठाई बना लेऔर गरीब बच्चे-बच्चियाँ में बाँट आये, अपने पितरो के नाम दादा, दादी, नानी उनके नाम से बाँट कर आ जाये |
Mauni Amavasya
10 February 2013 is the eve of Mauni Amavasya. It is the special occasion for bathing at Prayag. It may not be possible for everyone to go there but while bathing at home , recite the following -
AUM HREEM GANGAYE AUM HREEM SWAHA | AUM HREEM GANGAYE AUM HREEM SWAHA |
After reciting this mantra, take bath applying Ubtaan on your body as mentioned by Bapuji, then you shall also receive the virtues of bathing in river Ganga. You must do this on this Amavasya. You should also recite the seventh chapter of Bhagvad Gita and if you are wealthy then prepare 2-4 kilos of sweets made of wheat flour or besan and distribute it to poor kids in the name of your ancestors.
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- Shri Sureshanandji Chhindwara 1st Feb' 2013
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