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Wednesday, February 13, 2013

वसंत पंचमी


वसंत पंचमी माँ सरस्वती का प्रागट्य दिवस है । सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक है , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगाये । सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने मेरे से सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप उस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे ।



वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव दिवस है । जो भी पढ़ते हो और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो । और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो । जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे ।

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-पूज्य बापूजी

Tuesday, February 12, 2013

माघ मास

   २७ जनवरी से लेकर २५ फरवरी तक माघ महीना रहेगा | माघ स्नान से बढ़कर पवित्र पाप नाशक दूसरा कोई व्रत नही है | एकादशी के व्रत की महिमा है, गंगा स्नान की महिमा है, लेकिन माघ मास में सभी तिथियाँ पर्व हैं, सभी तिथियाँ पूनम हैं | और माघ मास में सूर्योदय से थोड़ी देर पहले स्नान करना पाप नाशक और आरोग्य प्रद और प्रभाव बढ़ाने वाला है | पाप नाशनी उर्जा मिलने से बुद्धि शुद्ध होती है, इरादे सुंदर होते हैं | 
पदम पुराण में ब्रह्म ऋषि भृगु कहते हैं के तप परम ध्यानं त्रेता याम जन्म तथाह | द्वापरे व् कलो दानं | माघ सर्व युगे शुच || 
सत युग में तपस्या से उतम पद की प्राप्ति होती है, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में भगवत पूजा से और कल युग में दान सर्वोपरी माना गया है | दानं केवलं कलि युगे || परन्तु माघ स्नान तो सभी युगों में श्रेष्ठ माना गया है | 
सतयुग में सत्य की प्रधानता थी, त्रेता में तप की, द्वापर में यज्ञकी, कलयुग में दान की लेकिन माघ मास में स्नान की चारो युग में बड़ी भारी महिमा है | सभी दिन माघ मास में स्नान कर सकें तो बहुत अच्चा नही तो ३ दिन तो लगातार करना चाहिए | बीच में तो करें लेकिन आखरी ३ दिन, २३,२४,२५ फरवरी वो तो जरूर करना चाहिए | माघ मास का इतना प्रभाव है के सभी जल गंगा जल के तीर्थ पर्व के समान हैं | 
 
पुष्कर, कुरुक्षेत्र, काशी, प्रयाग में १० वर्ष पवित्र शौच, संतोष आदि नियम पलने से जो फल मिलता है माघ मास में ३ दिन स्नान करने से वो मिल जाता है, खाली ३ दिन | माघ मास प्रात: स्नान सब कुछ देता है | आयु, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य, सदाचरण देता है | 
 
जिनके बच्चे सदाचरण से गिर गए हैं उनको भी पुचकार के, इनाम देकर भी बच्चो को स्नान कराओ तो बच्चों को समझाने से, मारने-पिटने से या और कुछ करने से उतना नही सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नही सुधरेंगे जितना माघ मास के स्नान से | 
तो सदआचरण, सन्तान वृद्धि, सत्संग, सत्य और उदार भाव आदि का प्रादितय होता है | व्यक्ति की सुरता उतम गुण, सुरता माना समझ, उतम गुण से सम्पन होती है | नर्क का डर उसके लिए सदा के लिए खत्म हो जाता है | मरने के बाद फिर वो नर्क में नही जायेगा | 
 
दरिद्रता और पाप दूर हो जायेंगे | दुर्भाग्य का कीचड नाश हो जायेगा | यत्न पूर्वक माघ स्नान, माघ प्रात: स्नान से विद्या निर्मल होती है | मलिन विद्या क्या है ? के पढ़-लिख के दूसरों को ठगों | दारू पियो, क्लबों में जाओ, बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड करो ये मलिन विद्या है | लेकिन निर्मल विद्या होगी तो ये पापाचरण में रूचि नही होगी | 
 
माघ प्रात: स्नान से विद्या निर्मल, कीर्ति बढ़ती है,  आरोग्य और आयुष्य, अक्षय धन की प्राप्ति होती है | जो धन कभी नष्ट ना हो, वह अक्षय धन की भी प्राप्ति होती है | रुपय-पैसे तो छोड़के मरना पड़ता है, दूसरा अक्षय धन वो भी प्राप्त होता है | समस्त पापों से मुक्ति और इंद्र लोक की प्राप्ति सहज में हो जाती है अर्थात स्वर्ग लोक की प्राप्ति | 
 
पद्म पुराण में वशिष्टजी भगवान कहते हैं, भगवान के गुरु, भगवान वशिष्टजी कहते हैं वैशाख में जल, अन्न दान उतम है | कार्तिक में तपस्या और पूजा, माघ में जप और होम दान उतम है | 
प्रिय वस्तु अर्थात रूचिकर वस्तु का त्याग करने से व्यक्ति वासनाओं की गुलामी के जंजाल को काटने का बल ले आता है | नियम पालन, पवित्र नियम पालने से अधर्म की जड़े कटती हैं | जो लोग तत्वज्ञान सुनते हैं लेकिन अधर्म करते रहते हैं तो तत्वज्ञान में रूचि नही होती, तत्वज्ञान उनको पचता नही है | 
 
मुर्ख हृदय न चेतिए यदपि गुरु मिले विरंची सम || ब्रह्माजी जैसा गुरु मिले लेकिन जिसको अधर्म में रूचि है उसको फिर फिसल जाता है | मैं मिलियनर, बिलियनर, तिलियनर बनू | लेकिन वो सुसाइड करके मर गए कई  मिलियनर, कई तिलियनर, बड़े-बड़े | तो बड़े धनाड्य थे और उनकी बड़ी दुर्गति हुई | तो जिस वस्तु में आसक्ति है उस वस्तु को बल पूर्वक त्याग दे तो अधर्म की जड़े कटती हैं | 
 
सकाम भावना से माघ महीने का स्नान करने वाले को मनोवांछित फल प्राप्त होता है लेकिन निष्काम भाव से कुछ नही चाहिए खाली भागवत प्रसन्नता, भागवत प्राप्ति के लिए माघ का स्नान करता है, तो उसको भगवत प्राप्ति में भी बहुत-बहुत आसानी होती है |  
 
सामर्थ्य के अनुसार प्रति दिन हवन और १ बार भोजन करे माघ मास में | ३-३ बार खाना ये अध्यात्मिक जगत में और बच्चों के लिए ३-३ बार भोजन बुद्धि मोटी बना देगा | माघ मास में जरा नाश्ते से बच जाओ | २ टाईम भोजन करो | लिखा तो १ टाईम है लेकिन फिर भी २ टाईम कर सकते हैं | 
 
माघ मास में पति-पत्नी के सम्पर्क से दूर रहने वाला व्यक्ति दीर्घ आयु वाला रहता है और सम्पर्क करने वाले की आयुष्य नाश होती है | भूमि पे शयन नही तो गदा हटाकर सादे बिस्तर पर, पलंग पर और समर्थ जितना हो धन में, विद्या में, जितना भी कमजोर हो, असमर्थ हो, उतना ही उसको बल पूर्वक माघ स्नान कर लेना चाहिए | तो धन में, बल में, विद्या में बढ़ेगा | माघ मास का स्नान असमर्थ को सामर्थ्य देता है, निर्धन को धन देता है, बीमार को आरोग्य देता है | पापी को पुन्य, निर्बल को बल देता है | माघ मास में तिल उबटन स्नान | मिक्सी में पिस जाते हैं थोडा पानी में घोल बनाकर शरीर को मल कर फिर तिल और जौ वो पुण्य स्नान है | उबटन स्नान, तर्पण, हवन और दान और भोजन, भोजन में भी थोडा तिल हो जाये | वो कष्ट निवारक है |
 

- Pujya Bapuji Delhi 27th Jan' 2013

मन शांत - एकाग्र करने

१) मैं भगवान का हूँ, भगवान मेरे हैं |  ॐ कार मन्त्र गायत्री छंद, परमात्मा ऋषि, अन्तर्यामी प्रभु इस मन्त्र के देवता हैं | हम उसका जप करते हैं, सुमृतिशक्ति, यादशक्ति बढ़ाने के लिए | कंठ से ॐ...... जपे || फिर से श्वास लो, घर, कमर, गर्दन सीधी | ॐ....| ये २ बार करके फिर भगवान की, गुरु की मूर्ति, ॐ कार के सामने देखना है और आँखों की पलके ना हिले, १ मिनट अगर आँखों की पलके हिलाए बिना तुम देखते हो तो मन एकाग्र होने लगेगा | 
 २)  अथवा दूसरा तरीका है उपर के दांत थोड़े उपर और नीचे के दांत थोड़े नीचे, होंठ बंद | जीभ उपर नही, नीचे नही, बीच में खड़ी रखें और देखते रहें | जीभ उपर ना जाये, नीचे ना जाये | अगर आँखे बंद करनी हैं तो कर सकते हैं | अब वहां जीभ पर मन लगा दो | १ मिनट अगर जीभ बीच में स्थिर हो गयी तो मन एकाग्र होने लग जायेगा | और एकाग्रता से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है | आत्मा की शक्ति आती है मन में | निर्णयशक्ति, विचार सब प्रभाव विकसित हो जाता है | 
3) तीसरा है पैर के अंगूठे पकड़े, २ अंगूठो को उँगलियों से अच्छी तरह पकड़े और फिर उसपर, अंगूठो के नाख़ून पर दृष्टि जमा दी | मन शांत होने लगेगा | 
४) चौथा है टंक विद्या | कंठ से ॐ कार का गुंजन थोड़ी देर करके फिर ध्यान-भजन करें तो मन एकाग्र हो जायेगा | 
५) पांचवा है, लम्बा श्वास लो, ॐ कार का प्लुत(लम्बा) उच्चारण करें, ॐ..... | ऐसे प्लुत उच्चारण करते रहे और देखते रहे १५ मिनट | पलके हिले, ना हिले कोई बात नही | १५ मिनट के बाद मन में आत्मिक संचार, तो दिल में दिव्य सद्गुण और शरीर में आरोग्य के कण बढ़ेंगे और भगवान प्रसन्न होंगे | क्योंकी ॐ कार मन्त्र के देवता अन्तर्यामी परमात्मा हैं | इस ॐ कार मन्त्र की शक्तियाँ खोजने वाले भगवान नारायण स्वयं हैं और ॐ कार मन्त्र की छंद गायत्री है | जिसमें भी भगवत प्रभाव होता है मन्त्र में उसकी छंद गायत्री हो जाती है, भगवत सबंधी | तो  ॐ कार मन्त्र गायत्री छंद, परमात्मा ऋषि, अन्तर्यामी देवता | क्यों जपते हो के ईश्वर प्रीती अर्थे, अथवा सदबुद्धि प्राप्ति अर्थे, अथवा आरोग्य प्राप्ति अर्थे | जप करे 
६) फिर एक तरीका ये भी है दोनों कान में ऊँगली डालो हाथ आराम से रखो, गहरा श्वास लो ॐ भरो उसमें | ॐ स्वरूप ईश्वर का नाम | श्वास रोको | मैं भगवान का हूँ, भगवान मेरे हैं | अन्तर्यामी प्रभु का ये मन्त्र है | मैं स्मृति, यादशक्ति, प्रीती भगवान में बढ़ाने के लिए जप करता हूँ | ॐ......कंठ से | ऐसा १० बार करें | जल्दी नही प्यार से | एकदम शांति से | मन पवित्र, ख़ुशी-ख़ुशी आ रही है | धीरे-धीरे अंतरात्मा का रस आ रहा है | नीरस व्यक्ति ही अपराधी होता है | नीरस व्यक्ति क्रिमिनल होता है | जिसको अंतरात्मा का रस आया वो क्रिमिनल नही बन सकता | ॐ...... | हंसी आ रही है | भगवान प्रसन्न हो रहे हैं |

Improve peace of mind and concentration

1. I belong to God , God belongs to me. AUM-kar mantra from the Gayatri verse, Supreme soul is its founding saint, the reflection of our inner Lord is the God of this mantra. We recite mantra for improving memory power. Recite AUm from throat... Then, take a deep breath, keep a straight posture with both waist and shoulders straight. Repeat this twice. Then, suit in front of Gurudev's portrait or God or AUM's protrait and without blinking, stare at it. If you can persist for over a minute, then your mind will start getting focused.

2. Second technique involves Keeping the upper teeth slightly upwards and lower teeth slightly downwards where they don't touch and keep the tongue at the centre, neither rolled up or down. You can close your eyes if it pleases. Now concentrate your mind on your tongue. If the tongue remains still for even a minute, your mind will start get focused. Concentration is the solution for all problems. The power of soul arrives at the mind. Decision making power and positive attributes start developing.

3. Third technique involves holding your toes, hold two toes firmly and then focus your sight on the toe nails. Mind will automatically start stabilising.

4. Fourth technique involves Tank Vidya. Reverberate AUM in your throat for some time and then prepare for meditation and devotion. This will also help focus the mind.

5. Fifth option, Take a deep breath, then make a long pronunciation of AUM... AUMMM... Keep repeating it and then stare forward for 15 minutes. Doesn't matter if you move or not. After 15 minutes, your mind will reverberate in spiritual recluse, give rise to divine thoughts in your heart and empower your health, also Lord will be happy. This occurs as our own inner supreme self is the lord of AUM mantra. Lord Narayana himself discovered the powers of this mantra and is related to Gayatri verse. So, when you recite the AUM mantra, you recite it for the love of God, gaining his positive intellect and for good health.

6. Then, there is one more way. Put fingers in both your ears softly. Take a deep breath and fill it with AUM. Recite the AUM form of God. Hold the breath. I belong to God, God is mine. This is the mantra of my internal supreme self. I pray to thee to improve upon my memory, reminiscence and devotion towards You. AUM.. from throat. Do this 10 times. Not quickly but with love, with complete peace. Slowly, inner peace will reflect outside. Only a person without zest for life commits felony. One who benefits from this inner peace can never indulge in criminal life. AUM.... You feel like laughing.... Even God is pleased with you.


- Pujya Bapuji Ahemdabad 24th Jan' 2013

Saturday, February 9, 2013

पेट-पाचन खराब हो तो –

अगर पेट-पाचन हमेशा ख़राब रहता है तो दाया हाथ नाभि पर और बाया हाथ इसके ऊपर रख कर गीता के १५ वे अध्याय का १४ वें श्लोक का सात बार रोज श्रद्धा से पाठ करो |

श्लोक – अहं वैश्वानरो भूत्वां प्राणिनां देहमाश्रितः | प्राणापानसमायुक्त: पचाम्यन्नं चतुर्विधम ||

उसका अर्थ ये है – भगवान कहते है कि मैं सब के अंदर वैश्वानर रूप से बैठा हूँ , जठराग्नि के रूप में | खाया हुआ अन्न मैं ही पचाता हूँ |

तो उन लोगों को प्रार्थना करनी चाहिये कि हे भगवान आप ही ने कहा है परन्तु मेरा पेट और पाचन क्यूँ खराब हो गया इसको तू ही ठीक कर दे |

Cure for improper digestion
If someone is suffering from poor digestion, then one should keep his right hand on the navel and left hand on top of it. and then recite the 14th shloka of 15 chapter for seven times daily with devotion.

Shloka: AHAM VAISHVANARO BHUTVA PRANINAM DEHAMASHIRATAH |
PRANAPANASAMAYUKTAH PACHAMYANAA CHATURVIDHAM ||


Meaning: I reside among all in the form of Vaishvanara, the internal digestive fire.I only digest the ingested food.

So, those who are suffering should pray to Lord saying that you only reside in me and can cure me by your will.

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- Shri Sureshanadji Delhi 27th Jan' 2013

आरोग्य मंत्र

आरोग्य मंत्र है :

ॐ क्रौं हृीं आं वैवस्‍ताय धर्मराजाय भक्‍तानुग्रहकृते नम:
( जिसे बापूजी विनोद में  यमराज का  मोबाईल नम्बर कहते है | )

कैसा भी बीमारी हो इसमें डॉक्टर को भी सूझ-बूझ आ जायेगी और अच्छा ईलाज कर लेगा |

Mantra for health

Health Mantra:
AUM KRAUN HREEM AAAN VAIVASTAYA DHARMARAJAYA BHAKTANUGRAHAKRUTE NAMAH

Bapuji often exhults to this mantra as Yamraaj's mobile number. Irrespective of the type of illness, even doctors will get right inspiration and you will get the correct treatment for it.

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-Pujya Bapuji Ahemdabad 25th Jan' 2013

अचला सप्तमी (17th Feb' 2013)

१७ फरवरी २०१३ को रविवार सप्तमी, रविवार सप्तमी के दिन कभी-कभी आते है वो दिन | उस दिन में जप करने से १० हजार गुना फल होता है |
 लेकिन ये रविवार की सप्तमी आरोग्य प्रदान करने में सक्षम है | इसको अचला सप्तमी भी बोलते है | सूर्यग्रहण के समान इस का पुण्य है लाख गुना फल होगा जप का | सूर्यग्रहण के समय अथवा चंद्रग्रहण के समय स्नान, जप, ध्यान आदि से जो फल होता है वो फल होगा और रविवार की सप्तमी को अगर मानसिक गुरुपूजन का स्नान, जप, ध्यान आदि पूजन किया जाये तो वो फल अक्षय होगा | उस फल का क्षय नहीं होता, पुण्य का फल का क्षय होगा सुख भोगने से, पाप का फल होगा दुःख भोगने से, लेकिन गुरुपूजन का फल अक्षय होगा, नष्ट नहीं होगा, शाश्वत से मिलाने वाला होगा |

Achala Saptami

17 February 2013 is the eve of Ravivari Saptami. These days occur very rarely. Reciting mantras on these days offer 10,000 times virtues. But this day is even capable of delivering good health. This day is also known as Achala Saptami. Like solar eclipse, the virtues of practicing japa on this day are amplified one lakh times. The benefits similar to performing bathing, recitation, meditation, etc during solar eclipse are attained and if someone also offers prayers to his Guru, then the results become immemorial; virtues which can never be taken away.

When virtues get exhausted by sensual pleasures, they give rise to suffering. The fruits of sins are reduced through sufferings. But the virtues obtained by praying to Guru are immemorial, they can never be destroyed and shall eventually help us regain unity with immemorial self.


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- Pujya Bapuji Delhi 27th Jan' 2013

आधी रात को नींद खुल जाती है तो –

कभी नींद १२ से २ के बीच खुल जाती है तो पित्त की प्रधानता है | उस समय मिश्री मिश्रित ठंडा पानी.... न हो थोडा गुनगुना पानी पी ले... पित्त का शमन होगा ....नींद अच्छी आयेगी |
लेकिन २ से ६ बजे तक अनिद्रा और दुःख होता तो वायु है | तो मिश्री और जीरा ....कूट के रख दे ,सेक के | जीरा और मिश्री मिलाके पीना चाहिये | लेकिन ठंडा पिने से जठराग्नि मंद होगी | रात को पानी नहीं पीना चाहिये, थोडा गुनगुना पानी पी ले |

Waking up at middle of night

If you happen to wake up suddenly at night between 12 to 2, it depicts that there is superiority of Pitta (bile). At that time, drinking cold water mixed with rock sugar provides relief... else you may also drink luke warm water. ... It will alleviate the pitta.... and give you good sleep.

If you happen to have sleeplessness till 2 to 6 at night, it depicts that there is excess of wind. Then, in such cases use rock sugar and cumin seeds grounded together and lightly dry fried. Drink water mixed with this mixture. But, drinking cold water leads to weakening of digestion. So one should avoid drinking water at night, else you may drink a little warm water.


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- Pujya Bapuji Delhi 26th Jan'2013



 

वराह भीष्म द्वादशी (22nd Feb' 2013)

२२ फरवरी वराह भीष्म तिल द्वादशी | तिल का उपयोग करें स्नान में, प्रसाद में, हवन में, दान में और भोजन में | और तिल के दियें जलाकर सम्पूर्ण व्याधियों से रक्षा की भावना करोगे तो ब्रम्हपुराण कहता है कि तुम्हे व्याधियों से रक्षा मिलेगी |

Varah Bhisma Dwadashi

22 February is the eve of Varah Bhisma Til Dwadashi. Use of sesame in bathing, in oblations, during sacrifices, donation and in meals is recommended. Also, lightning lamps made of sesame oil with intention of alleviating all pangs of life wil protect you as it is mentioned in BrahmaPurana that this provides protection from hassles in life.


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- Pujya Bapuji Delhi 27th Jan' 2013

वज्र रसायन -

वज्र रसायन बनती है हीरों को भस्म बनाकर |   केन्सर वालों को वज्र रसायन देना.... केन्सर को मार भगाता है | कोई भी कमजोर हो वज्र रसायन आधा गोली ले |

Vajra Rasayan

Vajra Rasayan is prepared using grounded diamond. One should offer this medicine to cancer patients.... it drives away cancer. One who is weak should take half a tablet of this Vajra rasayan.

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- Pujya Bapuji Delhi 27th Jan' 2013

षट्तिला एकादशी

६ फरवरी २०१३ को षट्तिला एकादशी है | स्नान, उबटन जिसमे जौ और तिल पड़ा हो | जौ डाला हुआ पानी पीना, तिल डाला हुआ पानी लेना, तिल मिश्रित भोजन करना, तिल का दान करना, तिल का होम करना ये पापनाशक प्रयोग है |

Shattila Ekadashi

6th February 2013 is the eve of Shatila Ekadashi. One must bathe using Ubtan which contains both Jau and Sesame. One should take water which has Jau or sesame in it, use Sesame in your meals, donate sesame, use sesame for performing fire rites. All these acts of using sesame are considered highly purifying and rids one of sins.
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- Pujya Bapuji Delhi 27th Jan' 2013

भीष्म अष्टमी (18th Feb' 2013)


१८ फरवरी २०१३ को भीष्म अष्टमी, भीष्म श्राद्ध दिवस है | भीष्म के नाम से सूर्य को अर्घ्य दिया, भीष्मजी को अर्घ्य दिया तो संतान हिन् को संतान मिल सकती है और आरोग्य आदि प्राप्त होता है |

Bhisma Ashtami (18 February 2013)

18 February 2013 is the eve of Bhisma Ashtami, the day to offer your shraadh prayers to Bhisma. Offer oblations to Sun Lord in name of Bhisma. This can grant child to a person who does not have any sons and also grants good health.

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- Pujya Bapuji  Delhi 27th Jan' 2013

जया एकादशी - प्रेत मोचिनी एकादशी

भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया ..ये जया एकादशी ( 21st Feb' 2013 ) (प्रेत मोचिनी
एकादशी) का उपवास रखने वाले को भोग भी मिलता है - संसार का सुख सम्पदा भी मिलता है | ब्रम्ह की हत्या, ब्रम्हज्ञानी की हत्या बड़े में बड़ा पाप है | वो ब्रम्ह हत्या के पाप को नाश करनेवाली एकादशी है जया एकादशी | और कभी वो व्यक्ति पिशाच योनी को प्राप्त नहीं होगा |प्रेत योनी में कोई पड़ा हो उसकी सद्गति होती है और जया एकादशी का जो व्रत रखेगा उसे प्रेत योनी में कभी नहीं जाना पड़ेगा | किसी कारण ये व्रत नहीं भी कर सकते तो चावल तो एकादशी को नहीं खाना... बीमारी भी देंगे और पाप भी देंगे | चावल एकादशी के दिन दुश्मन को भी नहीं खिलाना |

Jaya Ekadashi - Ekadashi for redemption of spirits

Lord Shri Krishna said to Yudhistir.... one who observes fast on Jaya Ekadashi (3rd Feb 2012, Pret Mochini Ekadashi) is granted all enjoyments. He receives all wealth-prosperity and those trapped in spirit world get delivered. And one who observes fast on Jaya Ekadashi never gets stuck in the spirit world. If for some reason you are not able to maintain the vow, at least do not eat rice on the day of Ekadashi... it brings diseases and increases sins. One must not offer rice to even enemies on Ekadashi day.

- पूज्य बापूजी मुंबई 3rd Feb' 2012

Wednesday, February 6, 2013

अर्थप्रद सोमवार व्रत –

स्कंद पुराण में अर्थप्रद व्रत बताया है जिससे अर्थ की प्राप्ति हो और जीवन में से अनर्थ दूर हो | किसी भी सोमवार को शिवजी के मंदिर में जाकर, शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र चढ़ाये और आठ नामों से शिवजी को प्रणाम करें | ये आठ मंत्र स्कंद पुराण में शिवजी के लिए बताये है कि भगवान शिवजी को को स्मरण करते हुये, उनको प्रणाम करते हुए आठ मंत्र बोले | आठ मंत्र इसप्रकार है –

ॐ दशभुजाय नम:
ॐ त्रिनेत्राय नम:
ॐ पंचवदनाय नम:
ॐ शूलिने नम:
ॐ श्वेतवृषभारूढाय नम : 

ॐ सर्वाभरणभूषिताय नम: 
ॐ उमादेहार्द्धस्‍थाय नम:
ॐ सर्वमूर्तये नम: 


हे सोमवार को दूध, जल चढाते हुये बोले | ये व्रत बहेने भी कर सकती है |

Monday Vow for financial gains

In Skandapurana, Monday vows have been explained which help benefit with financial gains and alleviate ill fortunes from life. Visit a nearby hiv Mandir on any Monday, offer milk and Bel Leaves on Shivlinga and then bow down to Lord Shiva while reciting these following eight mantras.

AUM DASHABHUJAYA NAMAH
AUM TRINETRAYA NAMAH
AUM PANCHAVADANAYA NAMAH
AUM SHOOLINE NAMAH
AUM SHWETAVRUSHABHARUDAYA NAMAH
AUM SARVABHARANABHUSHITAYA NAMAH
AUM UMADEHADHRASATHAYA NAMAH
AUM SARVAMURTAYE NAMAH

Recite these mantras while offering milk or water. Even ladies are permitted to do this rite.


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- Shri Sureshanandji Narsinghpur 31st Jan' 2013

Tumor से बचने -


हल्दी, अदरक, नींबू, काली मिर्च का एक कप पावडर सुबह खा ले | टयूमर सबंधी तकलीफ हो तो वह निकल जाती है, भूख भी खुलती है और भी कई फायदे होते है |
- हल्दी सब्जी में डालते है और वो एंटीबायोटिक का काम करती है |
- जीरा भी औषधि का काम करता है, वायु का नाश करता है |
- काली मिर्च है, काली मिर्च के जगह पर सफ़ेद मिर्च आती है वो टयूमर को तोडती है |

Curing Tumor

Take a mixture of Turmeric, ginger, lemon, black pepper in the morning. Any troubles due to tumour will get alleviated, improve appetite and also offers many other benefits.

- Turmeric is used in preparation of vegetables which works as anti-biotic.
- Cumin seeds are also beneficial and alleviate wind relates problems.
- Black pepper can be used, but using white pepper instead of black one helps break the tumour.


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- Pujya Bapuji Ahmedabad 26th Jan' 2013

मौनी अमावश्या (10th Feb' 2013)

१० फरवरी २०१३ को मौनी अमावस्‍या है उस दिन प्रयाग में स्नान की तिथि है | आप सब प्रयाग तो नहीं जाओगे पर अपने घर पे ही उस दिन स्नान करते समय –

ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा | ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा |

ये मंत्र बोलकर उबटन जो बापूजी ने बताया था वो उबटन को शरीर पर लगाकर स्नान करे तो गंगा स्नान का पुण्य मिलता है | अमावस्या के दिन तो जरुर करें | उस दिन गीता का सातवाँ अध्याय का पाठ करें और भगवान ने धन दिया है तो उस दिन घर में आटे की, बेसन की २ – ४ किलो मिठाई बना लेऔर गरीब बच्चे-बच्चियाँ में बाँट आये, अपने पितरो के नाम दादा, दादी, नानी उनके नाम से बाँट कर आ जाये |

Mauni Amavasya

10 February 2013 is the eve of Mauni Amavasya. It is the special occasion for bathing at Prayag. It may not be possible for everyone to go there but while bathing at home , recite the following -

AUM HREEM GANGAYE AUM HREEM SWAHA | AUM HREEM GANGAYE AUM HREEM SWAHA |

After reciting this mantra, take bath applying Ubtaan on your body as mentioned by Bapuji, then you shall also receive the virtues of bathing in river Ganga. You must do this on this Amavasya. You should also recite the seventh chapter of Bhagvad Gita and if you are wealthy then prepare 2-4 kilos of sweets made of wheat flour or besan and distribute it to poor kids in the name of your ancestors.

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- Shri Sureshanandji Chhindwara 1st Feb' 2013

लक्ष्मी पूजन तिथि :-


स्कंद पुराण में लिखा है पौष मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि(21 जनवरी 2013), चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी(31 मार्च 2013) और सावन महीने की पूनम (श्रावणी पूनम- 20 और 21 अगस्त 2013) ये दिन लक्ष्मी पूजा के खास बताये गये हैं | इन दिनों में अगर कोई आर्थिक कष्ट से जूझ रहा है | पैसों की बहुत तंगी है घर में तो 12 मंत्र लक्ष्मी माता के बोलकर, शांत बैठकर मानसिक पूजा करे और उनको नमन करें तो उसको भगवती लक्ष्मी प्राप्त होती है, लाभ होता है, घर में लक्ष्मी स्थायी हो जाती हैं | उसके घर से आर्थिक समस्याए धीरे धीरे किनारा करती है | बारह मंत्र इसप्रकार हैं –

 ॐ ऐश्‍वर्यै नम:
 ॐ कमलायै नम: 

ॐ लक्ष्मयै नम:
ॐ चलायै नम:
ॐ भुत्यै नम:

ॐ हरिप्रियायै नम:
ॐ पद्मायै नम: 

ॐ पद्माल्यायै नम:
ॐ संपत्यै नम:
ॐ ऊच्चयै नम:
ॐ श्रीयै नम:
ॐ पद्मधारिन्यै नम:

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि | मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते ||
द्वादश एतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय पठेत | स्थिरा लक्ष्मीर्भवेतस्य पुत्रदाराबिभिस: ||


उसके घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है | जो इन बारह नामों को इन दिनों में पठन करें |

Offering prayers for Laxmi Puja

It has been mentioned in Skanda Purana that on the eve of Paush month and tenth day of waxing period of moon (21 January 2013), Fifth day of waning period in Chaitra month (31 March 2013) and full moon day of Savan month (Shravani poonam 20 and 21 August 2013) are all highly exclaimed for Laxmi Puja. For those who are struggling with financial problems, they should recite these 12 mantras to Mother Laxmi, then sit peacefully and meditate after offering her prostrations. One who does so, shall gain Bhagawati Laxmi in his life and benefit with financial gains and Mother Laxmi will reside in his home. Gradually, all financial troubles will wane away from his life. The 12 mantras are as follows:

AUM AISHWARYAYE NAMAH
AUM KAMALAYAYE NAMAH
AUM LAXMAYAYE NAMAH
AUM CHALAYAYE NAMAH
AUM BHUTYAYE NAMAH
AUM HARIPRIYAYE NAMAH
AUM PADMAAYAYE NAMAH
AUM PADMALYAYYE NAMAH
AUM SAMPATYAYE NAMAH
AUM UCHHAYAYE NAMAH
AUM SHRIYAYE NAMAH
AUM PADMADHARINYAYE NAMAH


SIDDHIBUDDHIPRADE DEVI BHAKTI MUKTI PRADAYANI | MANTRAPOORTE SADA DEVI MAHALAKSHMI NAMOSTUTE ||
DWADASH AATAATNI NAMANI LAKSHMI SAMPAJYAY PATHET | STHITRA LAKSHMIBHAVETASYA PATRADARABIBHISAH ||

One should recite the 12 mantras along with above mantra on the above mentioned days.


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                                                                                      - Shri Sureshanandji Chhindwara 1st Feb' 2013

Tuesday, February 5, 2013

बल्य रसायन


यह चूर्ण उत्तम बलप्रद, पौष्टिक, रसायन, कांति-वर्धक एवं उत्कृष्ट वीर्यवर्धक है |

इसके नियमित सेवन से शरीर की सभी धातुओं का पोषण होकर शरीर सुदृढ़ बनता है एवं शरीर स्वस्थ व तंदुरस्त रहता है | यह मांस-पेशी, अस्थियाँ एवं स्नायुओं की दुर्बलता दूर करके उनका बल बढाता है | कृश एवं दुर्बल रोगियों का वजन एवं बल बढाकर शरीर को मजबूत बनाता है |

यह बुद्धिशक्ति एवं स्मृतिशक्ति बढाकर मानसिक क्षमता को बढाता है | मन में उत्साह, स्फूर्ति, आत्मविश्वास आदि गुणों का विकास करके विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों से रक्षा करता है |

यह शारीरिक-मानसिक दुर्बलता, स्वप्नदोष, पेशाब के साथ धातु जाना, वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन, शुक्राणु की कमी, समय पूर्व की वृद्धावस्था, खून की कमी एवं कमर दर्द आदि रोगों में भी लाभदायी है | यह शुक्राणुओं की वृद्धि करता है, अत: जिन पुरुषों में शुक्राणु की कमी (Oligospermia) के कारण संतान न होती हो उनके लिए भी अत्याधिक लाभप्रद है |

यह रोगप्रतिकारक शक्ति बढाकर विभिन्न प्रकार के शारीरिक-मानसिक रोग एवं ऋतुपरिवर्तन जन्य रोगों से रक्षा करता है ||

सेवनविधि – 1 ग्लास दूध में 1 चम्मच शुद्ध घी तथा 5 ग्राम (1 चम्मच) बल्य रसायन चूर्ण मिलाकर रात को सोते समय (भोजन के डेढ़-दो घंटे बाद) लें |

Balya Rasayan

This powder is a supreme tonic for improving body strength, significantly improves radiance and aids growth of semen.

Regular use of it fulfills the essential nutrients required by the body and helps improve body vigour and general health and well being. It strengthens muscles, bones and nerve tendons by removing any weakness. Feeble and weak patients benefit by gaining body strength.

It improves the mental faculties by enhancing intelligence and memory. It also advances zest, agility, self confidence and many other similar attributes which helps avoid any mental ailments.

It overcomes physical-mental weakness, bed-wetting, semen discharge during urine, thinness of semen or excessive discharge, low fertility, early onset of old age, anaemia and back pain and many others. This is specially beneficial for people suffering from Olisopermia and are unable to conceive children.

It enhances body immunity and protects against numerous physical-mental illness and ailments arising from weather changes.

Procedure : Put 1 spoon of ghee and 5 grams (1 spoon) of Balya Rasayan in 1 glass of milk before going to bed ( after one and half to two hours of having meals).
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- Pujya Bapuji Ahmedabad 26th Jan' 2013