क्या करें
१] प्रात: ३ से ५
बजे के बीच जीवनीशक्ति फेफड़ों में होती है अत:इस समय गौ-चंदन धूपबत्ती जलाकर दीर्घ
श्वसन व प्राणायाम करें |
२] नियमित सूर्यस्नान, सूर्यनमस्कार, पादपश्मिमोत्तानासन, सुप्तवज्रासन, धनुरासन, सर्वांगासन, हलासन का अभ्यास लाभदायी है | इनमें से २-३ आसन पसंद करें | एक आसन कम-से-कम ३ मिनट करें |
३] तुलसी बीज टेबलेट रोगप्रतिकारक शक्ति बढाने का अच्छा स्त्रोत है | प्रतिदिन २-२ गोलियाँ हफ्ते में ५ दिन में लें | रविवार को न लें |
४] संतुलित व
पौष्टिक आहार लें | आँवला, हल्दी, तुलसी, मेथी, पुदीना, पेठा, धनिया, काली मिर्च,
सेंधा नमक, अनार, भिगोये हुए बादाम, किशमिश, अलसी, देशी गाय का दूध-घी आदि का सेवन
हितकर है | भोजन के साथ आँवला या आँवले का रस लें |
५] घर के आसपास
तुलसी व पीपल के पौधे लगायें |
६] घर में साफ –
सफाई रखें | स्नानागार, रसोईघर व शौचालय में वायु-निकासी पंखा लगायें |
क्या न करें
१] फास्ट फ़ूड, तले
हुए, खट्टे एवं बेकरी के पदार्थ, मिठाई, दही, आलू, बाजारू शीतल पेय, ज्यादा
तेल-मसालेवाला भोजन, जंक फ़ूड, अति शीतल जल या पदार्थ आदि का सेवन न करें |
२] मानसिक तनाव से
ब्चेंम अत्यधिक वजन उठाना अथवा अत्यधिक व्यायाम, अधिक उपवास, स्त्री-पुरुष का अधिक
सहवास तथा क्रोध आदि न करें |
३] फैक्टी व
वाहनों से निकलनेवाले धुएँ, धुल व हानिकारक गैसों के वातावरण में ज्यादा देर न
रहें |
४] घर में केमिकलयुक्त
फिनायल, कृत्रिम सुगंधयुक्त एयर फ्रेशनर अथवा कीट-मच्छर मारनेवाले स्प्रे का
प्रयोग न करें |
५] मुँह के बल तथा
दिन में न सोयें |
६] परिश्रम के
कारण श्वास की बढ़ी हुई गति को न रोकें |
७] जितनी इंच शरीर
की लम्बाई हो उतने किलो वजन बना रहे, अधिक कम-ज्यादा न होने दें |
८] धुम्रपान,
शराब, जरदा व तम्बाकू का सेवन न करें |
ऋषिप्रसाद
– फरवरी २०२१ से
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