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Monday, February 8, 2021

फेफड़ों की स्वस्थता व मजबूती के लिए

 

क्या करें

१] प्रात: ३ से ५ बजे के बीच जीवनीशक्ति फेफड़ों में होती है अत:इस समय गौ-चंदन धूपबत्ती जलाकर दीर्घ श्वसन व प्राणायाम करें |

२] नियमित सूर्यस्नान, सूर्यनमस्कार, पादपश्मिमोत्तानासन, सुप्तवज्रासन, धनुरासन, सर्वांगासन, हलासन का अभ्यास लाभदायी है | इनमें से २-३ आसन पसंद करें | एक आसन कम-से-कम ३ मिनट करें |


३] तुलसी बीज टेबलेट रोगप्रतिकारक शक्ति बढाने का अच्छा स्त्रोत है | प्रतिदिन २-२ गोलियाँ हफ्ते में ५ दिन में लें | रविवार को न लें |


४] संतुलित व पौष्टिक आहार लें | आँवला, हल्दी, तुलसी, मेथी, पुदीना, पेठा, धनिया, काली मिर्च, सेंधा नमक, अनार, भिगोये हुए बादाम, किशमिश, अलसी, देशी गाय का दूध-घी आदि का सेवन हितकर है | भोजन के साथ आँवला या आँवले का रस लें |

५] घर के आसपास तुलसी व पीपल के पौधे लगायें |

६] घर में साफ – सफाई रखें | स्नानागार, रसोईघर व शौचालय में वायु-निकासी पंखा लगायें |

क्या न करें

१] फास्ट फ़ूड, तले हुए, खट्टे एवं बेकरी के पदार्थ, मिठाई, दही, आलू, बाजारू शीतल पेय, ज्यादा तेल-मसालेवाला भोजन, जंक फ़ूड, अति शीतल जल या पदार्थ आदि का सेवन न करें |

२] मानसिक तनाव से ब्चेंम अत्यधिक वजन उठाना अथवा अत्यधिक व्यायाम, अधिक उपवास, स्त्री-पुरुष का अधिक सहवास तथा क्रोध आदि न करें |

३] फैक्टी व वाहनों से निकलनेवाले धुएँ, धुल व हानिकारक गैसों के वातावरण में ज्यादा देर न रहें |

४] घर में केमिकलयुक्त फिनायल, कृत्रिम सुगंधयुक्त एयर फ्रेशनर अथवा कीट-मच्छर मारनेवाले स्प्रे का प्रयोग न करें |

५] मुँह के बल तथा दिन में न सोयें |

६] परिश्रम के कारण श्वास की बढ़ी हुई गति को न रोकें |

७] जितनी इंच शरीर की लम्बाई हो उतने किलो वजन बना रहे, अधिक कम-ज्यादा न होने दें |

८] धुम्रपान, शराब, जरदा व तम्बाकू का सेवन न करें |

ऋषिप्रसाद – फरवरी २०२१ से

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